विदर्भ में कपास के दाम में लगातार गिरावट
अमरावती बाजार समिति में प्रतिक्विंटल 7300 रुपए सर्वसाधारण भाव
अमरावती/दि.29-विदर्भ के प्रमुख बाजारपेठ में कपास के दाम में लगातार गिरावट कायम है. गत सप्ताह की तुलना में बाजार समिति में कपास के दाम 300 से 500 रुपए से कम हुए हैं. शनिवार को अमरावती बाजार समिति में कपास को प्रति क्विंटल 7300 रुपए सर्वसाधारण भाव मिला. 2021 के खरीफ मौसम में कपास को विक्रमी 13 से 14 हजार रुपए क्विंटल तक भाव मिला था. जिसके चलते इस बार भी वहीं भाव मिलेगा, ऐसी अपेक्षा किसानों को थी. 2022 में कपास किसानों के घर में आया. शुरुआत में प्रति क्विंटल 9 से 9 हजार 500 रुपए दर मिला. गत वर्ष की तरह इस बार भी कपास के दाम बढ़ेंगे, ऐसी उम्मीद किसानों को थी. लेकिन मई महीने के अंत तक कपास के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई. बल्कि अब कपास के दाम 7 हजार 600 से 7 हजार 300 रुपए तक कम हुए हैं.
सेलू बाजार समिति में 7060 रुपए, रालेगांव में 6850, हिंगणघाट बाजार समिति में कपास को 6520 सर्वसाधारण दाम मिल रहा है.
शुरुआत मेें दाम नहीं मिलेेंगे, कुछ महीने रुकने के बाद भाव मिलेगा. ऐसी अपेक्षा करने वाले किसानों को इस बार अब तक दाम वृद्धि की उम्मीद है. खरीफ की बुआई के लिए व बारिश से पूर्व अनेक किसान कपास बेचेंगे,ऐसा अंदाज है. बारिश में जो किसान कपास जमा कर नहीं रख सकते, वह मिलेगा उस दाम में कपास बेच रहे हैं.
एक तो भाव नहीं, उस पर उत्पादन कम, ऐसे समय आर्थिक समस्या किस तरह हल की जाए, ऐसा प्रश्न किसानों के सामने निर्माण हुआ है. दरमियान गत खरीफ मौसम में बारिश से कपास की तुलना में सोयाबीन का अधिक नुकसान हुआ है. इसलिए ही आगामी खरीफ में किसानों द्वारा कपास की बुआई में वृद्धि होने का अंदाज कृषि विभाग ने दर्शाया है.
गत वर्ष खरीफ में बड़े पैमाने पर फसलों को फटका बैठा. अब खरीफ मुहाने पर है. जिसके चलते किसानों को खरीफ की बुआई की तैयारी करनी पड़ रही है. मात्र अब भी दाम में वृद्धि नहीं हुई, जिसके चलते दाम कब बढ़ेंगे, ऐसा सवाल किसानों द्वारा उपस्थित हो रहा है.
सत्र के आखिरी चरण में दाम में वृद्धि होगी, इस उम्मीद से जमा किए गए कपास ने किसानों का सपना उध्वस्त कर दिया है. कपास को मिलने वाले निचांकी दर को देखते हुए किसानों का सफेद सोना कौड़ीमोल साबित होने का अनुभव उन्हें हो रहा है.
कपास यह नकदी फसल है. मात्र उत्पादन खर्च में हुई भारी वृद्धि व उस पर लक्षणीय प्रमाण में कम हुए भाव के कारण किसानों ने इस बार खरीफ सत्र का कपास घर में ही जमा रखा. आज नहीं तो कल दाम में वृद्धि होगी, इस उम्मीद में कपास जमा कर रखा. लेकिन सत्र खत्म होने को हैं, फिर भी कपास के दाम में सुधारना नहीं हुई.