कपास के भाव 1 हजार रूपए से लुढके, फिर भी किसान क्रोधित नहीं हुए
कारण उनके मन में हरा, नीला, भगवा भरा है- विधायक बच्चू कडू
अमरावती/दि. 20– चुनाव को दौर शुरू हुआ और कपास के दाम 1 हजार रूपए से लुढक गये. फिर भी किसानों को गुस्सा नहीं आ रहा है. क्योकि उनके दिमाग में नीला , भगवा, हरा भरा हुआ है. इस बात को लेकर प्रहार के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू ने खेद व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव मुद्दो को लेकर होना चाहिए. ना कि धर्म और जाति पर, चुनाव हमारे अधिकार , हमारी वेदनाओं पर नहीं लिया गया है. ऐसा प्रतिपादन विधायक बच्चू कडू ने भिवंडी लोकसभा उम्मीदवार नीलेश सांबरे की प्रचार सभा किया. उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ तीखी आलोचना की.
* किसान आत्महत्या की परवाह नहीं
विधायक कडू ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों धर्म की राजनीति कर रहे हैं. इस देश में कन्याकुमारी से देश कश्मीर और कटक तक जो हत्याएं हुई, वह किसान और मजदूरों की थी. अनेक बेरोजगारों ने आत्महत्या की हैं. वह हिंदू है या मुसलमान, यह ढूंढने की बजाय कौन मर रहा हैै, वह ढूंढना ज्यादा महत्वपूर्ण है. हमारे नेता यह नहीं बताते किसी धर्म का आदमी दंगे में मारा गया तो उसकी बडी चर्चा होती है. लेकिन जब साढे तीन लाख किसान आत्महत्या कर मौत को गले लगाते है, उसकी सीधी खबर तक नहीं बनती. इस बात पर विधायक कडू ने दु:ख व्यक्त किया.
* मुंबई की जमीन सिर्फ 6 लोगों के पास
विधायक बच्चू कडू ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 34 हजार एकड मुंबई की 6 हजार एकड जमीन मात्र 6 लोगों के पास है. इस जमीन को सील क्यों नहीं किया जाता ? मुंबई झोपडपट्टी में रहनेवालों को पैर फैलाना भी मुश्किल है. उन्हें रहने को घर नहीं. अन्न , वस्त्र निवारा में घर किसने छीना ? यदि 6 हजार एकड जमीन 6 लोगों के कब्जे में रहती है और श्रम करनेवाले लोगों को घर नहीं मिल रहे है, सत्ताधारियों से इसका जवाब पूछना चाहिए. धर्म और जाति की आड में हमारी लडाई खत्म नहीं होनी चाहिए. इस आम आदमी की लडाई के लिए ज्यादा मजबूती से खडा रहना होगा. धर्म के लिए दंगे में मरनेवालों की चर्चा होती है. लेकिन जब साढे तीन लाख किसान आत्महत्या करते है. तब उस बारे में कोई नहीं बोलता. सभी चुप रहते है, ऐसा खेद विधायक कडू ने व्यक्त किया.