अमरावती

उत्पादन खर्च अधिक होने से कपास उत्पादक किसान चिंता में

चांदूर बाजार /दि. १९ – दो महिने से कपास के दाम बढेंगे,यह उम्मीद किसानों को थी. लेकिन सफेद सोने को उचित दाम नहीं मिलने से किसानों में निराशा देखी जा रही है. अब तक मूल्यवृद्धी नहीं होने से कपास की बिक्री करें या भंडारण रखे, यह सवाल उनके समक्ष निर्माण हो गया है. जिसके कारण किसान कपास भंडारण को प्राथमिकता देते दिख रहे है. इस बार लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी किसानों को अपेक्षित आमदनी नहीं मिली. इस वर्ष कपास का उत्पादन कुछ प्रमाण में घटा है. पिछले साल की तुलना में इस बार अनेक किसान अपने घर में ही कपास का भंडारण कर रहे है. लेकिन रबी फसल की बुआई का समय निकल जाने से नई बुआई के लिए लगने वाले खर्च के लिए पैसे कहां से लाए, यह सवाल किसानों के सामने खड़ा है. किसानों को महंगे बीज, खाद, कृषि की मशागत, रासायनिक औषधि, छिडकाव और अंत में चुनाई ऐसा काफी खर्च करना पडता है. पिछले वर्ष बुआई और मशागत का खर्च निकला था, इसलिए किसानों ने इस बार कपास की बडे़ पैमाने पर बुआई की थी, लेकिन इस बार कपास के दाम नहीं बढ़ने से किसानों में चिंता नजर आ रही है.

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