अमरावती

कफ सिरप का नशे के लिए प्रयोग, हर महीने लग रही 5 हजार बोतले

नि:शुल्क इलाज के चलते सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या बढी

अमरावती/दि.30– सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच व इलाज की सुविधा मुफ्त हो जाने के चलते इन अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में बडे पैमाने पर वृद्धि हुई है. जिनमें ज्यादातर मरीज सर्दी-खांसी जैसे बीमारी से पीडित होते है. जिसके चलते सर्दी-खांसी में लगने वाले कफ सिरप की मांग में अच्छा खासा इजाफा हो गया है. जानकारी के मुताबिक जिला सामान्य अस्पताल में 70 फीसद मरीज केवल सर्दी-खांसी की दवाई लेने आते है. जिसके चलते जिला सामान्य अस्पताल को प्रतिमाह 5 हजार के आसपास कफ सिरप की बोतलों की जरुरत पडती है. परंतु अब एक सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. इसके मुताबिक सरकारी अस्पताल में कफ सिरप निशुल्क मिलने के चलते कई लोग इस कफ सिरप का नशे के लिए प्रयोग करते है.

जानकारी के मुताबिक जिला सामान्य अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा लिखकर दिए जाने के बाद ही औषध भंडार से मरीजों को दवा दी जाती है. परंतु कई बार मरीज डॉक्टरों के सामने खुद को सर्दी-खांसी रहने की झूठी जानकारी देते है. ऐसे में डॉक्टरों द्वारा मरीजों के कहे पर विश्वास रखते हुए उन्हें दवाई के तौर पर कफ सिरप लिखकर दिया जाता है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिला सामान्य अस्पताल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों मेें भी कई मरीज केवल मुफ्त का कफ सिरप लेने के लिए ही आते है. मादक पदार्थों की तर्ज पर कफ सिरप का नशे के लिए प्रयोग करने की बढती प्रवृत्ति अपने आप में चिंता का विषय है.

* जिला सामान्य अस्पताल में 70 फीसद मरीज सर्दी-खांसी के
जिला सामान्य अस्पताल में रोजाना सैकडों मरीज इलाज के लिए पहुंचते है. जिसमें से 70 फीसद मरीज खुद को सर्दी-खांसी से पीडित बताते है. जिन्हें देने के लिए जिला सामान्य अस्पताल को हर महिने 5 हजार से अधिक कफ सिरप की बोतलों की जरुरत पडती है. ऐसी जानकारी जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन की ओर से दी गई.

* मरीज जानबूझकर खांसकर दिखाते है
पता चला है कि, यदि किसी मरीज को डॉक्टर ने दवा के तौर पर कफ सिरप नहीं लिखकर दिया, तो कफ सिरप मिलने की नियत से अस्पताल पहुंचने वाले मरीज डॉक्टर के सामने जोर-जोर से खांसने लगते है और डॉक्टर पर दबाव बनाते है कि, उन्हें कफ सिरप लिखकर दिया जाए. ऐसे समय डॉक्टरों को भी मजबूरी में कफ सिरप लिखकर देना पडता है. जो ऐसे मरीजों द्वारा सरकारी अस्पताल के औषध भंडार से नि:शुल्क हासिल कर लिया जाता है. परंतु दिनोंदिन कफ सिरप की लगातार बढती मांग को देखते हुए यह स्पष्ट होने लगा है कि, कफ सिरप का पयोग सर्दी-खांसी को दूर भगाने के लिए नहीं, बल्कि नशा करने के लिए हो रहा है.

* नि:शुल्क इलाज के बाद बढी कफ सिरप की मांग
राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पताल में इलाज की सुविधा नि:शुल्क किए जाने के चलते सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दवाईयां भी मुफ्त मिल रही है. ऐसे में कई मरीज मुफ्त का कफ सिरप मिलने हेतु सरकारी अस्पताल में पहुंचने लगे है. जिसकी वजह से कफ सिरप की मांग में अचानक ही उछाल आ गया है.

* मरीजों की संख्या बढी
सरकारी अस्पताल में इलाज की सुविधा नि:शुल्क हो जाने के बाद से अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गई है. जिसके चलते दवाईयों की मांग भी बढ गई है. चूंकि सर्दी-खांसी वाले मरीज सबसे अधिक पहुंच रहे है. जिसकी वजह से कफ सिरप की मांग में सबसे अधिक इजाफा हुआ है.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्यचिकित्सक.

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