हाईकोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया पूर्ण कर सकता है मनपा प्रशासन
शहर के अधिवक्ताओं ने दी अपनी राय
-
मामला नवाथे मल्टिप्लेक्स निर्माण
अमरावती/दि.12 – महानगर पालिका की विशेष साधारण सभा में नवाथे मल्टिप्लेक्स को लेकर जमकर हंगामा हुआ. जिसकी वजह नवाथे की जगह पर मल्टिप्लेक्स का निर्माण कार्य करना है. करीब 18 सालोें से यह मामला प्रलंबित है. साल 2004 में नवाथे मल्टिप्लेक्स के निर्माण कार्य के लिए पहली निविदा प्रक्रिया जारी की गई थी. जिस समय उस प्रकल्प की कीमत मात्र 10 करोड रुपए थी और आज इस प्रकल्प की कीमत 89 करोड रुपए तक पहुंच चुकी है. ऐसे में इस जगह पर मल्टिप्लेक्स बनाना या फिर उस जगह को बेंच देना इस संदर्भ में मनपा व्दारा विशेष साधारण सभा बुलवाई गई थी. जहां सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने मल्टिप्लेक्स बनाने के संदर्भ में पीएमसी नियुक्त करने का फैसला विशेष साधारण सभा में लिया.
विशेष साधारण सभा में सत्ता पक्ष व्दारा मल्टिप्लेक्स बनाने के संदर्भ में पीएमसी नियुक्त करने का फैसला लिया गया. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस का कहना था कि यह मामला सुप्रिम कोर्ट में प्रलंबित है जिसके चलते भविष्य में इस मामले में किसी प्रकार के आदेश जारी किए जा सकते है. इसका परिणाम मनपा प्रशासन को भुगतना पड सकता है. कंटेम ऑफ कोर्ट हो सकता है इस पर मनपा आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि भले ही मामला सुप्रिम कोर्ट में प्रलंबित हो किंतु सुप्रिम कोर्ट व्दारा पिछले ढाई सालों से इस मामले कोई भी फैसला नहीं दिया गया और ना ही स्टे दिया गया. जबकि हाईकोर्ट ने इस मामले पर मनपा प्रशासन को निविदा प्रक्रिया जारी करने के निर्देश दिए है.
मनपा प्रशासन उसी के आधार पर अपनी अगली प्रक्रिया पूर्ण कर रहा है. किंतु इस मुद्दे को लेकर विपक्ष और सत्ताधारियों में तीन घंटे तक जमकर बहस चली. विपक्ष की मांग थी की मनपा पैनल के वकिलों की राय ले या फिर अन्य वकिलों से भी राय ली जाए. इसके बाद ही यह प्रस्ताव साधारण सभा में चर्चा के लिए रखा जाए. जबकि मनपा प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया था जिसके आधार पर सत्ताधारियों ने इस मामले में पीएमसी नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए. इस संदर्भ में शहर के अधिकतर वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार मनपा प्रक्रिया पूर्ण कर सकती है. क्योंकि सुप्रिम कोर्ट मे मामला प्रलंबित है मगर सुप्रिम कोर्ट व्दारा इस मामले में कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए है. हाईकोर्ट के आदेश ही मनपा को लागू रहेंगे.
नवाथे मल्टिप्लेक्स का पर्यटन से क्या संबंध
इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन व्दारा जो निविदा प्रसिद्ध की गई है उसमें पेज न. 14 के ए में तीसरे कॉलम में लिखा है कि यह ठेका लेने वाली संबंधित कंपनी को पर्यटन का अनुभव होना जरुरी होगा. यही शर्त पेज न. 14 के बी में दूसरे कॉलम में भी लिखा है. पहले कॉलम को ढाई मार्क दिए गए है जबकि बी कॉलम मे से तीसरे को दो मार्क दिए है. अब सवाल यह उठ रहा कि नवाथे मल्टिप्लेक्स का पर्यटन से क्या संबंध है. जो निविदा प्रक्रिया प्रसिद्ध की गई उसमें पर्यटन के अनुभव होने का उल्लेख क्यों किया गया है आखिरकार किसी अपने परिजन को या फिर नजदीकी ठेकेदार को यह ठेका दिए जाने का प्लॉन सत्ताधारियों का नहीं है ऐसी चर्चा मनपा में व्याप्त है.
पार्किंग के कारण हुआ विरोध!
मनपा की विशेष साधारण सभा में मल्टिप्लेक्स के मामले को लेकर हंगामा हुआ. नवाथे स्थित जिस जगह पर यह मल्टिप्लेक्स बनाया जाना है उसी के बगल में एक आलिशान होटल है. जिसकी पार्किंग नवाथे के इसी मल्टिप्लेक्स की जगह पर है अगर मनपा की सर्वसाधारण सभा में मल्टिप्लेक्स बनाने का फैसला लिया जाता है तो उक्त होटल को यह जगह खाली करनी होगी और अपनी पार्किंग अन्य जगह पर करवानी होगी इसलिए एक बडे नेता के कहने पर भाजपा के दूसरे गुट ने इसका विरोध किया था. जिसका मुख्य कारण पाकिर्ंग होने की चर्चा है.
मनपा प्रशासन पूर्ण कर सकता है प्रक्रिया
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक मनपा प्रशासन अपनी प्रक्रिया पूर्ण कर सकता है इसमें सुप्रिम कोर्ट व्दारा फिलहाल कोई भी निर्देश या फिर स्टे नहीं होने की वजह से मनपा प्रशासन को अपना कार्य करने के लिए किसी प्रकार की रुकावट नहीं आ सकती. विशेष साधारण सभा में मनपा प्रशासन व्दारा लिया गया निर्णय बिल्कुल सही है.
– एड. दीप मिश्रा
मनपा प्रशासन अपना कामकाज शुरु कर सकता है
नवाथे मल्टिप्लेक्स का मामला पिछले 18 वर्षो से प्रलंबित है. शहर विकास के लिए यह मल्टिप्लेक्स जरुरी है. मगर सुप्रिम कोर्ट में यह मामला प्रलंबित होने की यह बात मनपा की विशेष सर्वसाधारण सभा में कुछ सदस्यों व्दारा बताई गई. यह भी सच है किंतु सुप्रिम कोर्ट ने इस मामले में किसी प्रकार के दिशा निर्देश जारी नहीं किए है जिसके चलते हाईकोर्ट व्दारा दिया गया ही आदेश लागू रहेगा. हाईकोर्ट के निर्देशों पर ही मनपा प्रशासन अपना कामकाज शुरु कर सकता है.
– एड. किशोर शेलके
मल्टिप्लेक्स का अभी क्या फायदा?
कोरोना काल में पहले ही मनपा के साथ सभी विभागों में आर्थिक परिस्थिति के चलते प्रशासकीय यंत्रणा पूरी तरह से खस्ता हो चुकी है. ऐसे में नवाथे मल्टिप्लेक्स को अभी पूर्ण करने में क्या फायदा. पहले ही मनपा की आर्थिक स्थिति खस्ता है. इसके पहले भी शहर में 7 से 8 मल्टिप्लेक्स बने हुए है. ऐसे में एक ओर मल्टिप्लेक्स बनाने के लिए मनपा उत्सुक है. जबकि मनपा की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है मेरा मानना है कि हाईकोर्ट व्दारा दिए गए निर्देशों के अनुसार भले ही मनपा प्रशासन अपना कामकाज करने की बात कह रही है किंतु इस मामले में दोबारा आमसभा में चर्चा करने की आवश्यकता है.
– एड. सतीश सारडा
हाईकोर्ट के आदेश लागू होंगे
जब तक सुप्रिम कोर्ट का कोई भी आदेश इस मामले में प्राप्त नहीं होता या फिर सुप्रिम कोर्ट व्दारा स्टे नहीं दिया जाता तब तक हाईकोर्ट के आदेश लागू रहेंगे जिसमें मनपा प्रशासन अपना कामकाज हाईकोर्ट के आदेशानुसार कर सकता है.
– एड. अशोक जैन
हाई कोर्ट के आदेश पर ही प्रक्रिया शुरु
हाईकोर्ट के आदेशानुसार ही मनपा प्रशासन ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है. जो आदेश हाईकोर्ट व्दारा दिए गए उसी के अनुसार मनपा प्रशासन अपना कामकाज कर रहा है. फिलहाल इस संदर्भ में सुप्रिम कोर्ट व्दारा कोई भी आदेश मनपा को प्राप्त नहीं हुए है ऐसा आमसभा में मनपा प्रशासन व्दारा स्पष्ट कहा गया.
– श्रीकांत चव्हाण, विधी अधिकारी मनपा
विपक्ष इस मामले में कर रहा दिशाभूल
मनपा प्रशासन ने विशेष साधारण सभा में अपनी भूमिका स्पष्ट रुप से रखी थी. हाई कोर्ट के मुताबिक ही मनपा प्रशासन अपना कामकाज कर रहा है. किंतु विपक्ष व्दारा सुप्रिम कोर्ट का डर दिखाकर प्रशासन की एवं लोगों की इस मामले में दिशाभूल करने का प्रयास किया जा रहा है. अगर हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो कंटेम ऑफ कोर्ट होने की संभावना थी. इसलिए पीएमसी नियुक्त करने का फैसला लिया गया है. विपक्ष जानबूझकर इस मामले में लोगों की दिशाभूल कर रहा है.
– चेतन गावंडे, महापौर अमरावती महानगरपालिका