अमरावतीमुख्य समाचार

‘उस’ खबर को लेकर पार्षदों ने दी संमिश्र प्रतिक्रिया

अधिकांश को अंतिम प्रारूप घोषित होने का इंतजार

* विश्वसनीय खबर को लेकर भी संदेह की कोई गुंंजाईश भी नहीं

* अब हर कोई नये समीकरण की तलाश में

अमरावती/दि.1- गत रोज दैनिक अमरावती मंडल द्वारा मनपा की नई प्रभाग रचना को लेकर प्रकाशित की गई खबर के चलते मनपा पार्षदों सहित आम शहरवासियों में कल से लेकर आज तक पूरा समय संभावित व प्रस्तावित प्रभाग रचना को लेकर ही चर्चाओं का बाजार बेहद गर्म रहा और हर कोई किसका वॉर्ड कटा, किस प्रभाग का कौनसा हिस्सा किधर जुडा, 11 नये वॉर्ड कैसे होंगे, इसे लेकर ही बातचीत करता दिखाई दिया.
इस संदर्भ में मनपा के कई पदाधिकारियों व पार्षदों ने भी दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय से संपर्क साधते हुए उक्त प्रकाशित खबर की सत्यता के बारे में पुष्टि करने का प्रयास किया. हालांकि पश्चिम विदर्भ के अग्रणी हिंदी दैनिक और सबसे अधिक विश्वसनीय अखबार दैनिक अमरावती मंडल में प्रकाशित किसी भी खबर को लेकर संदेह की कोई गूंजाईश ही नहीं बचती. ऐसे में मनपा पदाधिकारी व पार्षदों को सर्वाधिक आश्चर्य इस बात को लेकर था कि, आखिर प्रशासन द्वारा बेहद गोपनीय तरीके से तैयार की गई और गत रोज ही सुबह 11 बजे निर्वाचन आयोग को भेजी गई प्रभाग रचना के कच्चे प्रारूप की विस्तृत जानकारी दैनिक अमरावती मंडल में कैसे प्रकाशित हो गई. इसे लेकर कई मनपा पदाधिकारियों व पार्षदों द्वारा अपनी संमिश्र प्रतिक्रिया दी गई है. वहीं सत्ता पक्ष भाजपा ने इसे गोपनियता का भंग मानते हुए मनपा के संबंधित अधिकारियों को आरोपों के कटघरे में खडा किया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि, यदि अमरावती मंडल में प्रकाशित खबर के अनुरूप ही कच्चे प्रारूप की रिपोर्ट निर्वाचन आयोग के पास भेजी गई है और निर्वाचन आयोग द्वारा भी इसी अनुसार प्रभाग रचना की जाती है, तो फिर अमरावती में नये सिरे से गोपनियता का पालन करते हुए प्रभाग रचना का काम किया जाये.
इसके साथ ही कई पार्षदों ने इस खबर एवं इसके परिणाम को लेकर दैनिक अमरावती मंडल के साथ अपनी प्रतिक्रिया भी साझा की है. जिसमें से अधिकांश ने कच्चे प्रारूप की गोपनीय रिपोर्ट पर आश्चर्य जताने के साथ ही कहा कि, फिलहाल मनपा द्वारा प्रभाग रचना का अंतिम प्रारूप निर्वाचन आयोग को भेजा गया है. किंतु निर्वाचन आयोग द्वारा प्रभाग रचना के अंतिम प्रारूप को किस तरह मंजूरी दी जाती है, उन्हें इसका इंतजार रहेगा.

* प्रभाग रचना से कोई फर्क नहीं

बहुसदस्सीय प्रणाली हमेशा ही भाजपा के लिए फायदेमंद ही साबित हुई है. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा प्रभागों का नया परिसिमन कैसे किया गया है, इससे हमें कोई फर्क नहीं पडता. चूंकि इस बार सदस्य संख्या बढाई जानी है. ऐसे में यह तो तय था कि, नये वॉर्डों का गठन करने हेतु कई पुराने वॉर्डों का विभाजन होगा. लेकिन हैरत इस बात की है कि, प्रशासन द्वारा बेहद गोपनीय तरीके से की गई इस कार्रवाई की जानकारी आम कैसे हुई, इसकी जांच करना बेहद आवश्यक है.– तुषार भारतीय
सभागृह नेता

* उथल-पुथल होना तय, पर काम करनेवाले को परेशानी नहीं

नई प्रभाग रचना को लेकर अमरावती मंडल के जरिये सामने आयी जानकारी अगर पूरी तरह सही साबित होती है, तो कई वॉर्डों व प्रभागों में उथल-पुथल होना तय है. किंतु काम करनेवाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं फिलहाल प्रभाग रचना को लेकर सामने आयी जानकारी को लेकर कुछ संदेह है. क्योंकि इसमें खापर्डे बगीचा को अंबापेठ में दिखाया गया है, जबकि इन दोनोें इलाकों के बीच से रेल्वे लाईन होकर गुजरती है. वहीं श्रीकृष्ण पेठ प्रभाग को भी चपरासीपुरा तक दर्शाया गया है. जिसमें कोर्ट व जिला परिषद जैसे परिसर का कोई उल्लेख नहीं. अत: फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की जानेवाली अंतिम प्रभाग रचना का इंतजार करना ही बेहतर रहेगा.– दिनेश बूब निर्दलीय गुट नेता

* हम तो किसी भी स्थिति के लिए तैयार

फिलहाल प्रभाग रचना को लेकर जो जानकारी सामने आयी है, उस पर हम विचारमंथन कर रहे है और हमारी ओर से चुनाव लडने की तैयारी भी पूरी है. व्यक्तिगत तौर पर मुझे किसी भी तरह की प्रभाग रचना से कोई परेशानी नहीं है. किंतु हैरत इस बात को लेकर है कि, आखिर गोपनीय तरीके से किये गये प्रशासनिक कामकाज की जानकारी इतनी जल्दी सामने कैसे आ गयी. प्रशासन ने इस बात की जांच करनी चाहिए. – चेतन पवार
बसपा गुटनेता,

* भौगोलिक परिसिमन व नक्शे का इंतजार

अभी तो मनपा द्वारा निर्वाचन आयोग के पास कच्चा प्रारूप ही पेश किया गया है. साथ ही जो जानकारी सामने आयी है, उससे केवल सरसरी तौर पर यह पता चल रहा है कि, किस प्रभाग में किन इलाकों का समावेश रहेगा. किंतु अभी भौगोलिक परिसिमन व प्रभागों के नक्शे की जानकारी सामने नहीं आयी है. अत: इसे पूरी तरह से अधिकारिक नहीं कहा जा सकता. वहीं प्रभाग रचना को लेकर आपत्तियों व आक्षेपों की सुनवाई के बाद जो अंतिम प्रभाग रचना सामने आयेगी, फिलहाल उसका इंतजार किया जाना चाहिए. – मिलींद चिमोटे
पूर्व महापौर व स्वीकृत सदस्य

* अगर रिपोर्ट सही है, तो गडबडी हुई है

वर्ष 2002 से 2017 तक नई बस्ती बडनेरा प्रभाग के साथ पांच बंगला परिसर जुडा हुआ रहा. जिसे इस बार नई बस्ती बडनेरा से अलग किया गया है. साथ ही सबसे दक्षिणी छोर में बडनेरा उपनगर ही आता है, तो निर्वाचन आयोग के नियम के अनुसार बडनेरा में ही दो सदस्यीय प्रभाग होना चाहिए था. किंतु इसकी बजाय पता चल रहा है कि, शहर के बीचोंबीच रहनेवाला बुधवारा प्रभाग दो सदस्यीय हो सकता है. ऐसे में अगर यह रिपोर्ट सही है, तो निश्चित तौर पर नई प्रभाग रचना को तैयार करते समय मनपा के निर्वाचन विभाग द्वारा काफी गडबडियां की गई है.– प्रकाश बनसोड
रिपाइं गुटनेता,मनपा

* भाजपा को निश्चित तौर पर फायदा होगा

कल सामने आयी जानकारी के मुताबिक मेरा प्रभाग दो हिस्सों में बट गया है और मेरे लिए दोनों ही हिस्सों से चुनाव लडना काफी सुविधाजनक रहेगा. वैसे भी भाजपा के लिए बहुसदस्यीय प्रभाग रचना हमेशा ही फायदेमंद रहती आयी है और इस बार भी तीन सदस्यीय प्रभाग प्रणाली का भाजपा को निश्चित तौर पर अच्छा-खासा फायदा होगा.

– बलदेव बजाज
पार्षद, मनपा

* अंतिम रचना कुछ अलग रह सकती है

अभी तो मनपा द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप भेजा गया है. जिस पर आयोग द्वारा आपत्तियों व आक्षेपों की सुनवाई करने के बाद अंतिम प्रभाग रचना तय की जायेगी, जो कच्चे प्रारूप से काफी हद तक अलग भी रह सकती है. किंतु फिलहाल आश्चर्य का विषय यह है कि, मनपा द्वारा बेहद गोपनीय तरीके से तैयार की गई कच्चे प्रारूप की रिपोर्ट उसी दिन सामने कैसे आ गई, जिस दिन यह रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को पेश की जानी थी.– बालू भुयार
पूर्व स्थायी सभापति

* हमें आयोग की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार

फिलहाल जो जानकारी सामने आयी है, उसे पूरी तरह से अधिकारिक व अधिकृत नहीं कहा जा सकता. हमें खबर की विश्वसनीयता पर संदेह नहीं है. किंतु जब तक निर्वाचन आयोग की ओर से इसे लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की जाती, तब तक इस पर किसी भी तरह की चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है.– विवेक कलोती
पूर्व स्थायी सभापति, मनपा

* व्यक्तिगत और पार्टी स्तर पर फायदेमंद रहेगा

यदि गत रोज सामने आयी जानकारी के अनुसार ही अंतिम प्रभाग रचना रहती है, तो भी इससे मुझे या भाजपा को कोई खास फर्क नहीं पडनेवाला. क्योंकि बहु सदस्यीय प्रणाली हमेशा ही भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुई है. वहीं मैं खुद इससे पहले शहर के अलग-अलग वॉर्ड व प्रभाग से चुनाव लडकर जीत चुका हूं. किंतु फिलहाल सबसे बडा सवाल यही है कि, मनपा की ओर से बेहद गोपनीय तरीके से तैयार की गई जानकारी अखबार के जरिये सार्वजनिक कैसे हुई. – सुनील काले
पार्षद, मनपा

* चुनाव तो लडना है, काम के दम पर जीतेंगे

प्रभाग रचना चाहे किसी भी तरह की हो, उससे कोई फर्क नहीं पडनेवाला. जिसका काम अच्छा रहेगा, आम जनता उसे चुनकर देगी. हमने विगत पांच वर्ष के दौरान जाति-धर्म के भेद किए बिना अपने प्रभाग के सभी इलाकों में बेहतरीन काम किये है. जिसका हमें आगामी चुनाव में निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा.– राजेश साहू पड्डा
पार्षद, मनपा

 

Related Articles

Back to top button