अमरावती/दि.14– जिले के संतरा को बाजार भाव नहीं मिलने से संतरा उत्पादक संकट में हैं. एक ओर जहां बांग्लादेश में निर्यात शुल्क किसानों के लिए वहनीय नहीं हैं. इसलिए किसानों को सस्ते दाम पर संतरे बेचने पड रहे थे. किसानों और खरीदारों के आग्रह पर अमरावती जिले के वरुड शहर में कृषि उपज बाजार समिति ने देश का पहला डिजिटल संतरा बाजार स्थापित किया हैं. जिससे किसानों के संतरा फसल को उचित दाम मिलने की संभावनाएं बढ गई हैं.
विदर्भ के नागपुर और अमरावती जिले में संतरा फल का उत्पादन बडे पैमाने पर लिया जाता हैं. हालांकि संतरा फल को सही दाम नहीं मिलने से संतरा उत्पादक किसान संकट में हैं. दूसरी ओर बांग्लादेश में बेचे जाने वाले संतरे पर अधिक निर्यात शुल्क लागू रहने से किसान परेशान थे. इसलिए किसान विदेशों में संतरे बेचने का जोखिम नहीं उठा सकते थे. इन सभी किसानों की समस्याओं को जानकर अमरावती जिले के वरुड शहर में कृषि उपज बाजार समिति ने एक अभिनव पहल शुरु कर डिजिटल संतरा बाजार की निर्मिती की हैं. यहां पर किसानों के संतरे की गुणवत्ता के हिसाब से कीमत तय की जाती हैं. इतना ही नहीं किसानों को संतरे की फसल बेचने के बाद 24 घंटे के अंदर राशि का भुगतान किया जाता हैं. इसके साथ ही किसानों द्वारा लाए गए संतरे को डिजिटल मशीन में डाल कर गुणवत्ता के आधार पर संतरे को अलग-अलग किया जाता हैं.