अमरावती

विद्यापीठ में छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा पर पाठ्यक्रम

विद्या परिषद ने दी मान्यता, दो वर्ष का होगा पीजी कोर्स

अमरावती/दि.17 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को मंजूरी दी गई है. हाल ही में हुई विद्या परिषद की बैठक में इस विषय पर अंतिम मूहर लगायी गयी. जिसके चलते विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग अंतर्गत दो वर्ष का पदव्युत्तर यानी पीजी कोर्स शुरू किया जायेगा.
महापुरूषों, महानेताओं व समाज सुधारकों के विचार नई पीढी को ज्ञात हो तथा उनके कार्यों व विचारों से देश का नवनिर्माण हो, इस उद्देश को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के आराध्य दैवत कहे जाते छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को अधिष्ठाता मंडल ने अपनी मंजूरी दी थी. पश्चात इस पाठ्यक्रम का समाज में महत्व और उपयोगिता समझने हेतु एक समिती गठित की गई थी. जिसके अध्यक्ष पद पर मानव्य विज्ञान शाखा के अध्यक्ष डॉ. अविनाश मोहरील को नियुक्त किया गया था. साथ ही डॉ. यू. आर. जाने, डॉ. संतोष बनसोड, डॉ. जी. एल. गुल्हाने सहित विकास विभाग के उप कुलसचिव डॉ. मंगेश वरखेडे को इस समिती में शामिल किया गया था. इस समिती ने सर्वांगीण विचार-विमर्श करने के साथ ही इतिहासविदों व विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा करते हुए मंथन किया. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि, यह पाठ्यक्रम दो वर्ष, अल्पकालीन तथा ऐच्छिक विषय पदवी या पदव्युत्तर शुरू किया जा सकता है. साथ ही यह पाठ्यक्रम मूल्य, रोजगार आदि के लिए भी उपयोगी साबित हो सकेगा. इस अभिप्राय के साथ इस विषय को मान्यता हेतु विद्या परिषद के पास भेजा गया था.

स्व. अमोल निस्ताने ने उठायी थी मांग

शिवसेना के तत्कालीन उपशहर प्रमुख अमोल निस्ताने द्वारा फरवरी 2019 में कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर को ज्ञापन सौंपते हुए संगाबा अमरावती विवि में छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग की गई थी. पश्चात दिसंबर 2019 में अमोल निस्ताने का निधन हो गया, लेकिन विद्यापीठ ने निस्ताने द्वारा उठायी गयी मांग को गंभीरतापूर्वक लेते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को मान्यता प्रदान की है.

  • आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-22 से संगाबा अमरावती विवि में छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा पर आधारित दो वर्षीय पदव्युत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया जायेगा. यह पाठ्यक्रम आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के मार्फत संचालित किया जायेगा.
    – प्रा. डॉ. अविनाश मोहरील
    अधिष्ठाता, मानव्य विज्ञान शाखा, संगाबा अमरावती विवि
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