अमरावती / दि. 5– हमेशा ही अपने फैसले को लेकर चर्चा में रहनेवाली महानगरपालिका फिर से एक निर्णय को लेकर विवादों के घेरे में नजर आ रही है. बताया जाता है कि 13 सितंबर को मनपा आयुक्त देवीदास पवार ने महानगरपालिका के पूर्व अतिक्रमण प्रमुख अजय बंसेलेे का तबादला करते हुए अतिक्रमण विभाग को 2 विभागों में बांट दिया था. जिसके बाद मनपा आयुक्त के निर्देश पर कनिष्ठ लिपिक योगेश कोल्हे तथा उमेश सवई को भी अतिक्रमण प्रमुख की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी. दोनों कर्मचारियों को अलग-अलग जोन की जिम्मेदारी सौंपी दी गई थी. जिनमें योगेश कोल्हे को जोन 1,2 और 5 तथा उमेश सवई को जोन 3 व 4 की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. किंतु मुंबइ महानगरपालिका अधिनियम वर्ष 2018 के शासन निर्णय अनुसार किसी भी कर्मचारी को अतिरिक्त प्रभार देते समय जो नियमावली तय की गई थी. उसका पालन न करते हुए यह प्रभार मनपा आयुक्त द्बारा सौपे जाने का आरोप पूर्व अतिक्रमण प्रमुख अजय बंसेले द्बारा लगाया गया था. जिसके खिलाफ बंसेले ने अमरावती जिला सत्र न्यायालय में आयुक्त के इस फैसले को चुनौती दिए जाने के बाद जिला कोर्ट ने मनपा आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए तत्काल जवाब मांगा था.
मनपा की ओर से 2 दिसंबर को यह विधि अधिकारी श्रीकांत चव्हाण ने कोर्ट में मनपा का जवाब दाखिल कर दिया है. विशेष सूत्रों द्बारा मिली जानकारी के मुताबिक 6 दिसंबर को इस मामले में कोर्ट की तरफ से सुनवाई रखी गई है. जहां संभवत: कोर्ट की ओर से इस मामले में स्टेटसको को दिया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो मनपा आयुक्त के इस फैसले पर फिर से उंगलियां उठाई जा सकती है.