नवनीत राणा के मामले में कोर्ट का फैसला आ चुका है
बावनकुले के बयान को लेकर शुरु हो गई चर्चाएं
अमरावती/दि.28– कल देर रात 12:00 बजे के बाद युवा स्वाभिमान पार्टी की संसद नवनीत राणा का भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश हुआ. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकोड़े की प्रमुख उपस्थिति में कल नागपुर में प्रवेश कार्यक्रम के समय भाजपा के सांसद रामदास तडस सहित अमरावती के भाजपा जिलाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे तथा शहराध्यक्ष व विधायक प्रवीण पोटे पाटिल सहित भाजपा के अनेकों पदाधिकारी एवं युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक व विधायक रवि राणा विशेष तौर पर उपस्थित थे. साथ ही इस समय युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों की भी अच्छी खासी मौजूदगी रही.
सांसद नवनीत राणा द्वारा भाजपा में प्रवेश करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अपने संबोधन में कहा कि विदर्भ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद सांसद नवनीत राणा को ही भाजपा प्रत्याशी के तौर पर सबसे अधिक वोट मिलेंगे और गडकरी के बाद नवनीत राणा ही सबसे अधिक वोटो से चुनकर आएंगी. इस अवसर पर पत्रकारों ने चंद्रशेखर बावनकुले से कई मुद्दों पर सवाल पूछे. जिसके तहत एक पत्रकार ने जब यह सवाल पूछा कि सांसद नवनीत राणा की जाति प्रमाणपत्र का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में क्लोज फॉर आर्डर है, ऐसी स्थिति में उन्हें भाजपा द्वारा उम्मीदवारी कैसे दे दी गई. इस प्रश्न का उत्तर देते हुए चंद्रशेखर बावनकुले ने लगभग उखड़ते हुए कहा कि आप लोगों को अभ्यास करने के बाद प्रश्न पूछने चाहिए, क्योंकि इस मामले में तो कोर्ट का निर्णय आ चुका है. इतना कहकर बावनकुले अपनी कुर्सी से उठ गए और वहां से चले गये. लेकिन बावनकुले के इस बयान की अलग-अलग समीक्षा की जा रही है. सवाल पूछा जा रहा है कि, जब सांसद नवनीत राणा की जाति प्रमाणपत्र का मामला क्लोज फॉर आर्डर है और उस पर फैसला आना अभी बाकी है, तो इसके बावजूद भी बावनकुले ने ऐसा क्यों कहा कि, कोर्ट का निर्णय तो आ चुका है.
उल्लेखनीय है कि, राणा सहित भाजपा के विरोध में रहने वाले सभी नेताओं व राजनीतिक दलों, विशेष कर प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व विधायक बच्चू कडू द्वारा काफी पहले से यह आरोप लगाया जाता रहा है कि, सत्तापक्ष द्वारा कोर्ट को भी मैनेज किया जा रहा है. ऐसे में बीती रात बावनकुले द्वारा दिये गये बयान को किसी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. ज्ञात रहें कि, कुछ मीडिया ने यह भी खबरें दी थी कि 1 अप्रैल को नवनीत राणा की जाति प्रमाणपत्र का सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला घोषित हो सकता है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, बावनकुले के इस बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट में अमरावती लोकसभा सीट के लिए 26 अप्रैल को होने वाली वोटिंग से पहले फैसला आता है, या अब सीधे चुनाव निपट जाने के बाद ही इस मामले का निपटारा होगा.
* पिछली बार फडणवीस ने सेना प्रत्याशी के खिलाफ हमारा साथ दिया था
– पार्टी प्रवेश के समय बोली भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा
बीती रात सर्वाधिक हैरत वाला बयान खुद सांसद नवनीत राणा ने भी दिया है. जब भाजपा में प्रवेश करने के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए सांसद नवनीत राणा ने साफ तौर पर कहा कि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव मेें भले ही वे कांगे्रस व राकांपा के समर्थन से निर्दलिय प्रत्याशी थी, लेकिन उन्हें अंदरुनी तौर पर भाजपा नेता व तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पूरा साथ व समर्थन प्राप्त था और उसी समर्थन के दम पर वे सांसद निर्वाचित हुई थी. ऐसे में सांसद नवनीत राणा के बयान का सीधा मतलब यह निकाला जा रहा है कि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अमरावती संसदीय सीट से भाजपा-सेना युति के प्रत्याशी रहने वाले तत्कालीन सांसद आनंदराव अडसूल की दावेदारी के खिलाफ भाजपा नेता देवेंंद्र फडणवीस ने निर्दलिय प्रत्याशी नवनीत राणा के लिए अंदरुनी तौर पर काम किया था.
* राज्य में स्टार प्रचारक होगी नवनीत राणा
सांसद नवनीत राणा को भाजपा में प्रवेश तथा अमरावती संसदीय सीट हेतु टिकट देने के साथ ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने यह भी स्पष्ट किया कि, नवनीत राणा केवल अमरावती में खुद का ही नहीं, बल्कि विदर्भ तथा महाराष्ट्र में भाजपा के अन्य प्रत्याशियों का भी चुनाव प्रचार कर सकती है और पार्टी द्वारा उन्हें स्टार प्रचारक के रुप में विदर्भ एवं राज्य के दौरे पर भेजा जाएगा.
* विधायक राणा ने नहीं लिया भाजपा में प्रवेश
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, सांसद नवनीत राणा द्वारा युवा स्वाभिमान पार्टी छोडकर भाजपा में प्रवेश करते समय उनके पति तथा युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक व विधायक रवि राणा भी मौजूद थे. जिन्होंने अपने गले में युवा स्वाभिमान पार्टी का दुपट्टा डाल रखा था. साथ ही इस समय युवा स्वाभिमान पार्टी के अनेकों पदाधिकारी भी उपस्थित थे. लेकिन इसमें से किसी ने भी सांसद नवनीत राणा के साथ भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश नहीं किया.
* आज कल में दिल्ली जाएगी नवनीत राणा
जानकारी के मुताबिक कल देर रात भाजपा में अधिकृत तौर पर प्रवेश करने के बाद सांसद नवनीत राणा ने नागपुर में ही प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. जिसके बाद वे दिल्ली जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने वाली है. जिसके लिए सांसद नवनीत राणा आज कल में दिल्ली रवाना होगी. जहां पर वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से भेंट करेंगी.
* 4 को शक्ति प्रदर्शन कर दाखिल करेंगे नामांकन
– फडणवीस व बावनकुले सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता रहेंगे उपस्थित
इसी बीच यह जानकारी भी सामने आयी है कि, सांसद नवनीत राणा द्वारा भाजपा प्रत्याशी के तौर पर आगामी 4 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया जाएगा. जिसके लिए राजापेठ से भव्य रैली निकाली जाएगी. इस नामांकन रैली में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी उपस्थित रहने वाले है. इसी नामांकन रैली के दौरान रेल्वे स्टेशन चौक पर सांसद नवनीत राणा के मुख्य प्रचार कार्यालय का भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के हाथों उद्घाटन किया जाएगा. जिसके उपरान्त यह नामांकन रैली जिलाधीश कार्यालय पहुंचेगी. जहां पर नवनीत राणा द्वारा भाजपा प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करेंगी.
* जो परसो विरोध करने गये थे, कल प्रवेश के समय हाजिर थे
बता दें कि, नवनीत राणा को किसी भी हाल में भाजपा का प्रत्याशी न बनाया जाये, इस मांग को लेकर अमरावती शहर के भाजपा पदाधिकारियों का 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल परसों ही नागपुर पहुंचा था और इन भाजपा पदाधिकारियों ने डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात की थी. लेकिन इसके अगले ही दिन यानि बीती शाम भाजपा द्वारा नवनीत राणा को अमरावती संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी गई. जिसके बाद सांसद नवनीत राणा अपने लावलष्कर के साथ पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात करने हेतु नागपुर रवाना हुई. जहां पर वे सभी भाजपा पदाधिकारी भी मौजूद थे, जो एक दिन पहले ही सांसद नवनीत राणा को टिकट दिये जाने का विरोध करने हेतु नागपुर पहुंचे थे. वहीं दूसरी ओर सांसद नवनीत राणा की उम्मीदवारी घोषित होते ही अमरावती में राजापेठ परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में सन्नाटा पसरा देखा गया. ऐसे में अब इस बात को लेकर दिलचस्पी देखी जा रही है कि, सांसद नवनीत राणा के भाजपा प्रत्याशी घोषित हो जाने के बाद अमरावती में भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओें की क्या भूमिका रहेगी.
* नवनीत राणा ने वायएसपी से दिया इस्तीफा
बडी तेजी के साथ घटित हुए नाटकीय घटनाक्रम के बीच सांसद नवनीत राणा ने खुद को भाजपा द्वारा अमरावती संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाये जाते ही नागपुर रवाना होने की तैयारी शुरु की और नागपुर रवाना होने से पहले शंकर नगर स्थित अपने निवासस्थान गंगा-सावित्री पर युवा स्वाभिमान पार्टी के पद एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक रवि राणा के नाम लिखे गए इस त्यागपत्र की प्रतिलिपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलकंठ कात्रे के सुपुर्द करते हुए नवनीत राणा की आंखों से आंसू छलक उठे तथा उन्होंने लगभग रोते-रोते ही युवा स्वाभिमान पार्टी से इस्तीफा दिया. बता दे कि, नवनीत राणा पिछले 12 वर्षों से इसी पार्टी में रहकर राजनीति करती आयी है और वायएसपी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने अमरावती से दो लोकसभा चुनाव लड़े है. जिसमें से वर्ष 2014 के चुनाव मेें उन्हें हार का सामना करना पडा था. वहीं वर्ष 2019 के चुनाव में नवनीत ने शिवसेना के आनंदराव अडसूल को लगभग 35 हजार वोटों से हराया था. वर्ष 2019 की जीत के बाद पिछले 5 वर्षों में नवनीत सांसद और संसद के बाहर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह उनकी नीतियों तथा भाजपा को समर्थन करती आयी है.
* विरोध के बावजूद भी क्यों दी गई उम्मीदवारी नवनीत राणा को
भारतीय जनता पार्टी में लेने तथा लोकसभा की उम्मीदवारी देने को लेकर भाजपा के साथ ही महायुति में शामिल घटक दलों, यहां तक कि, भाजपा के जिले के नेताओं का भी विरोध था. इसके बावजूद भी कोर्ट का निर्णय आने के पहले ही उन्हें उम्मीदवारी घोषित की गई और आनन-फानन में कल देर रात करीब 12 बजे सांसद नवनीत राणा का भाजपा में प्रवेश करवाया गया. आखिर भाजपा ने ऐसा क्यों किया, इस सवाल का जवाब राजनीति के सभी जानकार जानना चाह रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार थी, तब नवनीत राणा ने भाजपा के अप्रत्यक्ष साथी के रूप में उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला था. जिसके लिए उन्हें 14 दिन जेल में भी रहना पडा था. हालांकि इसके लिए सांसद नवनीत राणा ने जमकर टीआरपी भी बटोरी थी. इसके साथ ही वर्ष 2019 में सांसद निर्वाचित होने के बाद वे लगातार 5 साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के साथ खडी दिखाई दी. सबसे खास बात यह है कि, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन पर चुनाव जीतने के बावजूद सांसद नवनीत राणा ने संसद में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी को समर्थन देने से इंकार कर दिया था. यदि उनका एक वोट राहुल गांधी के समर्थन में पड जाता, तो राहुल गांधी ही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होते. लेकिन सांसद नवनीत राणा की वजह से ऐसा नहीं हो पाया. इसे भाजपा द्वारा उनका भाजपा के लिए सबसे बडा योगदान माना गया.
* बच्चू कडू व अडसूल पिता-पुत्र की भूमिका रहेगी महत्वपूर्ण
नवनीत राणा को अपनी पार्टी में प्रवेश दिलवाने तथा कमल चुनाव चिन्ह देने के बाद अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमरावती लोकसभा क्षेत्र में दो विधायक वाली बच्चू कडू की प्रहार पार्टी तथा एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता आनंदराव अडसूल तथा उनके पुत्र अभिजीत अडसूल की चुनौती रहेगी, क्योंकि बच्चू कडू और आनंदराव अडसूल द्वारा लगभग पिछले एक माह से नवनीत राणा को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर भी कड़े प्रहार किये जा रहे है. नवनीत राणा को भाजपा द्वारा उम्मीदवारी दिए जाने को आनंदराव अडसूल ने कल देर रात टीवी चैनलों से बातचीत में राजनीतिक आत्महत्या तक बता दिया. वहीं विधायक बच्चू कडू ने भी आज सुबह अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि, वे और उनकी पार्टी किसी भी हाल में नवनीत राणा का प्रचार नहीं करेंगे. बल्कि बच्चू कडू ने तो यहां तक कह दिया कि, वे प्रहार जनशक्ति पार्टी का प्रत्याशी भी खडा कर सकते है. साथ ही जरुरत पडने पर नवनीत राणा को चुनाव में पराजित करने के लिए वे किसी अन्य उम्मीदवार को भी अपना समर्थन दे सकते है.
उधर खबर यह भी है कि, नवनीत राणा के खिलाफ अडसूल पिता-पुत्र में से कोई एक प्रत्याशी के तौर पर चुनावी अखाडे में उतर सकता है. हालांकि आनंदराव अडसूल के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अनदेखी व अवहेलना करते हुए चुनावी मैदान में उतरना आसान बात नहीं होगी.
* क्या भाजपा को था वंचित की घोषणा का इंतजार
कल एक चर्चा यह भी रही थी वंचित बहुजन आघाडी द्वारा अमरावती में उम्मीदवार घोषित किए जाते ही भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. जिसका सीधा मतलब यह निकाला गया कि, भाजपा को एक तरह से वंचित बहुजन आघाडी द्वारा प्रत्याशी घोषित किये जाने का ही इंतजार था. जाहीर सी बात है कि, वंचित बहुजन आघाडी द्वारा प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद अमरावती संसदीय सीट पर महाविकास आघाडी के वोटों का बंटवारा होगा. जिसका सीधा लाभ भाजपा को ही मिलने वाला है. ऐसे में भाजपा ने वंचित बहुजन आघाडी द्वारा प्रत्याशी घोषित किये जाते ही अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर डाली.