* विवाह में मेहमान बनकर आया था अमरावती
* अब सुपर कोविड अस्पताल का है मेहमान
अमरावती/दि.11- विगत दिनों अमरावती शहर में आयोजीत एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए कुछ लोग नासिक से अमरावती आये थे. जिन्हें शहर की एक होटल में रूकवाया गया था. अमरावती आने के बाद नियमानुसार इन सभी मेहमानों की कोविड टेस्ट की गई थी. जिसमें से एक मेहमान की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आ गयी. किंतु अपने कोविड संक्रमित रहने की जानकारी मिलने के बाद मेहमान बनकर आया वह व्यक्ति चूपचाप नासिक निकल जाने की फिराक में था और अपना मोबाईल फोन बंद करते हुए बडनेरा स्टेशन के लिए भी निकल गया था. किंतु मनपा के आरआरटी दल ने राजापेठ पुलिस की सहायता लेते हुए उस कोविड संक्रमित मेहमान को बडनेरा रेल्वे स्टेशन पहुंचने से पहले ही पकडने में सफलता हासिल की और अब वह व्यक्ति अगले कुछ दिनों के लिए सुपर कोविड अस्पताल का मेहमान है. जहां पर उसे इलाज के लिए भरती कराया गया है.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक विगत गुरूवार को अमरावती शहर में एक प्रतिष्ठित परिवार के यहां विवाह समारोह आयोजीत था. जिसमें शामिल होने कुछ मेहमान नासिक से अमरावती पहुंचे. इनमें से एक व्यक्ति की तबियत अमरावती आकर बिगड गई. जिसके चलते उस व्यक्ति सहित बाहरगांव से आये सभी मेहमानों की कोविड टेस्ट करायी गई. जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को प्राप्त हुई और पता चला कि, मेहमानों में से एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है, यानी वह कोविड संक्रमित है. ऐसे में मनपा की टीम उस व्यक्ति को अस्पताल में भरती कराने हेतु विवाह स्थल पर पहुंची. किंतु तब तक यह मेहमान अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर नासिक जाने की तैयारी कर चुका था और होटल से बडनेरा स्टेशन के लिए भी निकल चुका था. ऐसे में मनपा के दल ने उस व्यक्ति के मोबाईल नंबर पर संपर्क साधने का प्रयास किया. जिसमें पहली बार तो मोबाईल की रिंग बजी, लेकिन दूसरी बार मोबाईल स्वीच ऑफ हो गया. ऐसे में मनपा पथक से जानकारी मिलने के बाद मनपा उपायुक्त नरेंद्र वानखडे ने तुरंत इसकी सूचना राजापेठ पुलिस थाने को दी और थानेदार मनीष ठाकरे ने उस व्यक्ति के मोबाईल फोन को ट्रैकिंग पर डाला. जिसके बाद अगले 30 मिनट में उस व्यक्ति को खोज निकाला गया. साथ ही उस व्यक्ति सहित उसके परिवार का मनपा उपायुक्त नरेंद्र वानखडे, थानेदार मनीष ठाकरे, आरआरटी दल के प्रमुख व समाज विकास अधिकारी धनंजय शिंदे एवं डॉ. जयदीप देशमुख ने समुपदेशन किया. पश्चात उस व्यक्ति को सुपर कोविड अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया गया.
* घातक साबित हो सकती है उदासीनता व लापरवाही
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के लिए जिला प्रशासन, मनपा प्रशासन तथा पुलिस व स्वास्थ्य महकमे द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे है. साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है, लेकिन इसके बावजूद नागरिकों में उदासीनता व लापरवाही खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. यह बेहद जरूरी है कि, हर एक व्यक्ति ने खुद होकर कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगवाना चाहिए. किंतु सरकार एवं प्रशासन द्वारा इसके लिए भी लोगों से बार-बार अनुरोध करना पड रहा है. वहीं सर्दी-खांसी व बुखार के लक्षण दिखाई देने पर हर व्यक्ति ने तुरंत अपनी कोविड टेस्ट करवानी चाहिए तथा रिपोर्ट के पॉजीटीव आने पर संक्रमित व्यक्ति ने खुद होकर इलाज हेतु कोविड अस्पताल में भरती होना चाहिए. किंतु यहां पर भी प्रशासन को संदेहितों व संक्रमितों की मनुहार करनी पडती है. मानो उन्होंने कोविड संक्रमण की चपेट में आकर प्रशासन पर कोई बडा ऐहसान कर दिया. कोविड टेस्ट, कोविड उपचार एवं कोविड टीकाकरण से मुंह मोडने की यह प्रवृत्ति ही कोविड संक्रमण की लहर पैदा करने और फैलाने के लिए जिम्मेदार है. ऐसा कहना कतई अतिशयोक्ती नहीं होगा.