अमरावती

कल दिन भर रोमांचक मोड से गुजरती रही काउंटींग

पहली पसंद के कोटे में अटका मामला

* रात भर दूसरी पसंद के वोटों की चलती रही गिनती
* मविआ प्रत्याशी लिंगाडे पहले राउंड से ही बढत पर
* 70 हजार वोटों की गिनती के बाद लीड हुई थी कम
* पहली पसंद के साथ ही दूसरी पसंद मेें भी बनी रही लिंगाडे की लीड
अमरावती/दि.3 – विधान परिषद की सीट के लिए अमरावती संभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में विगत 30 जनवरी को कराए गए. मतदान पश्चात कल गुरुवार 2 फरवरी को स्थानीय नेमानी गोदाम में बनाए गए मतगणना स्थल पर वोटों की गिनती का काम शुरु किया गया. जिसके तहत पहले डाक मतों की गिनती करने के उपरांत दोपहर 12 बजे से सभी प्रत्याशियों को मिले पहली पसंद वाले वोटों की गिनती करनी शुरु की गई और कुल 1 लाख 2 हजार 587 वोटों की गिनती का काम रात करीब 10 बजे तक चलता रहा. इस समय तक धीरज लिंगाडे को धीरज लिंगाडे 43340 वोट हासिल करते हुए 2313 वोटों की लीड से आगे थे. इस समय उनके निकटतम प्रतिद्बंती व भाजपा प्रत्याशी डॉ. रणजीत पाटिल को 41027 वोट मिले थे. वहीं वंचित बहुजन आघाडी के प्रत्याशी अनिल अमलकार 4181 वोट हासिल करते हुए तीसरे स्थान पर थे. इस चुनाव में अवैध मतों की दोबारा गिनती करने के बाद 94200 वोट वैध ठहराए गए और 8387 वोट अवैध ठहराते हुए खारिज कर दिए गए. जिसके चलते जीत के लिए 47101 वोटों का कोटा तय किया गया. जिसके उपरान्त पहली पसंद वाले सबसे कम वोट प्राप्त उम्मीदवारों की मतपत्रिका पर दूसरी पसंद वाले वोटों की गिनती करनी शुरु की गई.
दूसरी पसंद वाले वोटों की गिनती शुरु किए जाते ही पहली पसंद का एक भी वोट प्राप्त नहीं करने वाले नीलेश पवार, लक्ष्मीकांत तडसे, धनराज शेंडे, सुहास ठाकरे व अनिल ठवरे चुनावी रेस से बाहर हो गए और उनकी मतपत्रिकाओं पर दर्ज दूसरी पसंद वाले वोटों को मिलाकर धीरज लिंगाडे 43528 व डॉ. रणजीत पाटिल 41182 वोट पर पहुंचे. इसके उपरान्त एक-एक करते हुए संदेश रणवीर, प्रवीण बोद्रे, विकेश गवाले, उपेंद्र पाटील, एड. धनंजय तोटे, संदीप मेश्राम, अनंत चौधरी, माधुरी डहारे, श्याम प्रजापति, डॉ. गौरव गवई, भारती दाभाडे व एड. आनंद राठोड ऐसे कुल 17 प्रत्याशी चुनावी मैदान से बाहर हुए. जिसके बाद मविआ प्रत्याशी धीरज लिंगाडे 43929 व भाजपा प्रत्याशी रणजीत पाटिल 41460 वोटों पर पहुंचे. जिसके चलते मविआ प्रत्याशी धीरज लिंगाडे 2469 वोटों की लीड से आज सुबह तक आगे थे. ऐसे में जीत हेतु आवश्यक 47101 वोटों का कोटा किसी भी प्रत्याशी द्बारा तय नहीं किए जाने के चलते शेष प्रत्याशियों को मिले दूसरी पसंद के वोटों की गिनती को जारी रखा गया.

* गठ्ठे बनाने में लगा 4 घंटे का समय
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में अमरावती संभाग के पांचों जिलों में कुल 1 लाख 2 हजार 587 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. मतदान की प्रक्रिया के पश्चात संभाग के पांचों जिलों के मतदान केंद्रों से मतपेटियों को कडी सुरक्षा के बीच स्थानीय बडनेरा स्थित नेमानी गोडाउन मेें लाकर रखा गया था. जहां पर गत रोज सुबह 8 बजे से मतगणना का काम शुरु किया गया. मतगणना के लिए सभी मतपत्रिकाओं को मतपेटियों से बाहर निकालकर सबसे पहले 25-25 वोटों के गट्ठे तैयार किए गए. जिसके लिए सुबह करीब 4 घंटे का समय लगा. जिसके उपरान्त दोपहर 12 बजे के आसपास 28 टेबलों पर मतगणना करने का काम शुरु किया गया. इसके लिए प्रत्येक टेबल पर 4-4 कर्मचारियों की टीम को तैनात किया गया था.

* 340 अधिकारी व कर्मचारी जूटे रहे काम में
– आयुक्त सहित पांचों जिलों के जिलाधीश भी मौजूद
निर्वाचन निर्णय अधिकारी व संभाग के राजस्व आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे के मार्गदर्शन में गुरुवार की सुबह 7 बजे से राजस्व महकमें के करीब 340 अधिकारी व कर्मचारी मतगणना के काम में जूटे. इस समय पांचों जिलों के जिलाधीश व सहायक निर्वाचन निर्णय अधिकारी भी मतगणना स्थल पर उपस्थित थे. जिनमें अमरावती की जिलाधीश पवनीत कौर, अकोला की जिलाधीश नीमा अरोरा, यवतमाल के जिलाधीश अमोल येडगे व बुलढाणा के जिलाधीश डॉ. एच. पी. तुम्मोड के पास किसी भी संदेहास्पद मतपत्रिका की जांच करते हुए उसे अंतिम निर्णय के लिए निर्वाचन निर्णय अधिकारी के पास भेजने का जिम्मा था. वहीं वाशिम के जिलाधीश एस. षण्मुगराजन के पास निर्वाचन निर्णय अधिकारी की सहायता करने की जबाबदारी थी. इसके अलावा डाक मतपत्रिकाओं को प्राप्त करते हुए मतगणना करवाने और विवरण पत्र को भरकर उसे टेब्यूलेशन टीम के पास भेजने का काम उपायुक्त संजय पवार द्बारा किया गया. इस काम में उपजिलाधीश राम लंके सहित तहसीलदार स्तर के अन्य अधिकारियों ने उन्हें मदद की. पूरी मतगणना में समन्वय रखने की जिम्मेदारी उपायुक्त गजेंद्र बावणे के पास थी. इस काम में सहायक अधिकारी के तौर पर सहायक आयुक्त श्यामकांत म्हस्के, विवेकानंद कालकर व तहसीलदार रवि म्हाले ने काम संभाला. वहीं रो अधिकारी के तौर पर सहायक जिलाधीश रिचर्ड यानथन, याशनी नागराजन, कार्तिकेयन एस., सावन कुमार, उपायुक्त अजय लहाने व विजय भाकरे द्बारा अपनी जिम्मेदारियां संभाली जा रही थी. इसके साथ ही गणना पर्यवेक्षक व अन्य कामों के लिए विविध जिलों के उपविभागीय अधिकारी, उपजिलाधीश व तहसीलदार स्तर के अधिकारियों द्बारा मतगणना में सहयोग किया गया.

* मतगणना केंद्र पर रहा कडा पुलिस बंदोबस्त
– शहर पुलिस के साथ एसआरपीएफ प्लाटून की तैनाती
मतगणना की प्रक्रिया को सुचारु ढंग से पूरा करने के लिए जहां एक ओर राजस्व विभाग के 340 विविध अधिकारी व कर्मचारी काम पर जुटे हुए थे. वहीं दूसरी ओर मतगणना के दौरान किसी भी तरह की अप्रीय स्थिति न पैदा हो और कोई अनुचित घटना घटित ना हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपायों के तहत मतगणना स्थल पर कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था. जिसके तहत 2 पुलिस उपायुक्त की सहायक पुलिस आयुक्त 14 पीएसआई, 161 पुलिस कर्मचारियों के साथ ही एसआरपीएफ का प्लाटून तैनात किया गया था. मतगणना को सुचारु रुप से संपन्न कराने हेतु जिलादंडाधिकारी पवनीत कौर के आदेशानुसार प्रतिद्बंत लागू किए गए थे. जिसके चलते मतगणना स्थल के 10 मीटर दायरे में आम लोगों के लिए नो एंट्री लागू कर दी गई थी. साथ ही प्रत्याशी व उनके प्रतिनिधि तथा मतगणना अधिकारी व कर्मचारी इनके अलावा अन्य किसी को भी मतगणना स्थल एवं 100 मीटर के दायरे के भीतर प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. इसके अलावा पास धारक मीडिया कर्मियों को मतगणना स्थल परिसर में प्रवेश की अनुमति थी. साथ ही मतगणना वाले स्थान पर झेरॉक्स, फैक्स मशीन, ई-मेल व अन्य संपर्क साधनों तथा मतगणना स्थल के 100 मीटर दायरे में मोबाइल फोन, वायरलेस सेट, ट्रांझिस्टर व कैल्यूलेटर आदि साधनों के प्रयोग पर प्रतिबंध था.

* अवैध वोटों की दोबारा हुई गिनती
कुल 1 लाख 2 हजार 587 वोटों में से पहले राउंड की मतगणना पश्चात 8 हजार 735 वोट अवैध पाए गए. जिसे लेकर भाजपा प्रत्याशी रणजीत पाटिल की ओर से संजय दयाराम चौधरी ने दोबारा गिनती किए जाने की मांग उठाते हुए कहा कि, अवैध वोटों में उनकी पसंद वाले वोटों की संख्या अधिक है. वहीं इस समय तक यह जानकारी मिलने पर भाजपा प्रत्याशी रणजीत पाटील भी मतगणना स्थल पर पहुंच गए थे और उन्होंने भी अवैध वोटों की दोबारा जांच व गिनती किए जाने की मांग उठाई. ऐसे में रात 12.30 बजे एक बार फिर खारिज मतों की गिनती की गई. जिसके बाद 8387 वोट अवैध ठहराते हुए खारिज कर दिए गए. जिसके चलते जीत के लिए 47101 वोटों का कोटा तय किया गया. जिसके उपरान्त पहली पसंद वाले सबसे कम वोट प्राप्त उम्मीदवारों की मतपत्रिका पर दूसरी पसंद वाले वोटों की गिनती करनी शुरु की गई. जो पूरी रात चलती रही. जिसके तहत पहली पसंद के कम वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को मिले दूसरे पसंद वाले वोटों की गिनती करनी शुरु की गई. ताकि किसी एक प्रत्याशी द्बारा जीत हेतु आवश्यक वोटों का कोटा पूरा कर लिया जाए और इस चुनाव का अंतिम नतीजा घोषित हो सके.

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