सीपी रेड्डी की ‘बैलेंस्ड’ पुलिसिंग दिखा रही असर
‘सोशल’ और ‘हार्डकोर’ पुलिसिंग का बेहतरीन तालमेल
* गंभीर किस्म के अपराधों में आयी उल्लेखनीय कमी
* गत वर्ष की तुलना में अपराधिक वारदातों के मामले घटे
* आम नागरिक भी पुलिस के साथ जुडकर अपराधों के खिलाफ सजग
अमरावती/दि.26 – शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी जहां एक ओर शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के साथ ही शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए शहर के सभी घटकों को साथ लेकर सोशल पुलिसिंग करने पर पूरा जोर दे रहे है. ताकि अमरावती में रहने वाले सभी समाजों व धर्मों से वास्ता रखने वाले लोगों के बीच सद्भाव व सौहार्द का माहौल बना रहे है. वहीं दूसरी ओर अपराधिक तत्वों से निपटने के लिए सीपी रेड्डी द्वारा ‘अदर साइड ऑफ कॉईन’ के तौर पर हार्डकोर पुलिसिंग भी की जा रही है. ताकि अपराधियों में पुलिस का खौफ बना रहे तथा अपराधियों को अपराध जगत से दूर करते हुए अपराधों की संख्या को घटाया जा सके. अपनी इन दोनों तरह की पुलिसिंग में सीपी रेड्डी काफी हद तक सफल भी दिखाई दे रही है. विगत माह गणेशोत्सव के साथ-साथ ईद-ए-मिलाद का पर्व संपन्न हुआ. वहीं हाल ही में नवरात्र, दशहरा व धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस जैसे त्यौहार एवं पर्व मनाए गए. इसे सीपी रेड्डी द्वारा की जा रही ‘बैलेंस्ड पुलिसिंग’ की सफलता कहा जा सकता है. क्योंकि जहां एक ओर आम नागरिक कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के प्रति सजग हुए ैहै. वहीं दूसरी ओर शहर में गंभीर किस्म वाले अपराधिक मामलों में भी अच्छी खासी कमी आयी है. इसके साथ ही शहर पुलिस का क्राइम डिटेक्शन रेट भी अच्छा खासा बढ गया है. जिसके चलते छिटपूट एवं गंभीर किस्म की अपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी या तो सलाखों के पीछे जा रहे है, या फिर उन्हें तडीपार करते हुए जिलाबदर किया जा रहा है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, यदि गत वर्ष और जारी वर्ष के आंकडों को देखा जाए. तो गत वर्ष की तुलना में जारी वर्ष के दौरान अब तक घटित लगभग सभी तरह के अपराधिक मामलों में अच्छी खासी कमी को साफ तौर पर देखा जा सकता है. यहां यह ध्यान दिया जा सकता है कि, इसी एक वर्ष के दौरान सीपी रेड्डी ने शहर पुलिस के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए जहां एक ओर शहर पुलिस की अपराध शाखा को 2 हिस्सों में विभाजीत करते हुए युनिट-1 व युनिट-2 का गठन किया और दोनों युनिट को शहर पुलिस आयुक्तालय के 5-5 पुलिस थानों की जिम्मेदारी सौंपी. वहीं पूरे आयुक्तालय क्षेत्र के लिए अपने विशेष दस्ते के तौर पर अपराध अन्वेशन यानि क्राइम इन्वेस्टीगेशन युनिट (सीआईयू) का गठन भी किया. इसके अलावा प्रत्येक पुलिस थाना स्तर पर क्राइम ब्रान्च व साइबर सेल का स्वतंत्र विभाग गठित करते हुए उन्हें सीधे आयुक्तालय से जोडा गया. ताकि थाना स्तर पर कामों का विभाजन करते हुए काम का बोझ कम किया जा सके और हर काम पर पूरा ध्यान देते हुए उसे प्रभावी रुप से पूर्ण किया जा सके. इस बात का असर अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है. क्योंकि जहां एक ओर शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति मजबूत हो रही है. वहीं दूसरी ओर अपराधियों के हौसले टूट रहे है तथा अपराधिक वारदातों में कमी आ रही है.
* विभिन्न अपराधों की तुलनात्मक संख्या (जनवरी से सितंबर)
मामले वर्ष 2022 वर्ष 2023
हत्या 29 18
हत्या का प्रयास 58 34
बलात्कार 28 35
डाका 04 02
राहजनी 51 60
चोरी 77 62
सेंधमारी 15 127
वाहन चोरी 290 127
मवेशी चोरी 26 14
मंदिर में चोरी 13 04
मोबाइल चोरी 50 58
मारपीट 52 60
अपहरण 98 94
चाकूबाजी 482 520
छेडछाड 182 212
सडक हादसे 66 91
हादसो में मौत 70 62
एमपीडीए 04 09
ड्रग्ज तस्करी 14 28
अवैध शराब 897 952
जुआ अड्डा 424 115