अमरावती/दि.17 – 8 वर्ष पहले 16 फरवरी 2015 को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं प्रगतिशील विचारक गोविंद पानसरे व उनकी पत्नी उमा पानसरे पर जानलेवा हमला हुआ था. जिसमें उमा पानसरे तो बाल-बाल बच गई, लेकिन 20 फरवरी को गोविंद पानसरे की मौत हो गई. इस हत्याकांड को घटित हुए 8 वर्ष पूर्ण हो जाने के बावजूद अब तक हत्यारों को सजा नहीं हुई है और मुख्य सूत्रधार की गिरफ्तारी भी नहीं हुई. ऐसे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्बारा आगामी 20 फरवरी को सभी समविचारी दलों व संगठनों को साथ लेकर राज्य स्तर पर ‘जवाब दो’ आंदोलन किया जाएगा. जिसके तहत स्थानीय जिलाधीश कार्यालय पर भी भाकपा व समविचारी दलों द्बारा जोरदार धरना आंदोलन किया जाएगा. इस आशय की जानकारी भाकपा की ओर से यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में दी गई.
इस पत्रकार परिषद में भाकपा के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य तुकाराम भस्मे ने कहा कि, गोविंद पानसरे ने अपना पूरा जीवन वंचित व शोसित वर्ग के लिए खर्च किया तथा संगठित व असंगठित कामगारों के लिए वे हमेशा संघर्षरत रहे. साथ ही महाराष्ट्र के सांस्कृतिक, राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में उनका अच्छा खासा योगदान रहा. ऐसे में संवेधानिक लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाले एवं फासिस्ट विचार रखने वाले लोगों ने उन्हें अपने रास्ते से हटा दिया. इस मामले की जांच पहले एसआईटी के पास थी. जिसे बाद में एटीएस के पास सौंप दिया गया. परंतु एटीएस के अधिकारियों ने फरार आरोपियों को खोजने की बजाय अदालत में यह कहते हुए अपने हाथ खडे कर दिए कि, फरार आरोपियों को खोजना कठीन है. यानि सीधे-सीधे इस मामले में टाइमपास किया जा रहा है. जिसके चलते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित महाराष्ट्र के प्रगतिशील व समविचारी दलों व संगठनों के साथ मिलकर आगामी 20 फरवरी को गोविंद पानसरे के आठवें स्मृति दिवस पर राज्यव्यापी ‘जवाब दो’ आंदोलन किया जाएगा.
इस पत्रकार परिषद में भाकपा के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य तुकाराम भस्मे, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अशोक सोनारकर व जिला सचिव सुनील मेटकर सहित चंद्रकांत बानुबाकोडे, नीलकंठ ढोके, सागर दुर्योधन, माकपा के सुभाष पांडे तथा आयटक के जे. एम. कोठारी उपस्थित थे.