अमरावती

सीपीआर से बचाई जा सकती है किसी की जान

अमरावती/दि.17 – आज के दौडभाग वाले दौर में हृदयाघात होने का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. ऐसी स्थिति हृदयाघात होने वाले व्यक्ति को सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है. सीपीआर यानि हृदय व श्वसन के रक्षण के कौशल्य का ज्ञान है, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है. इसके साथ ही किसी भी साधन के बिना आपातकालीन स्थिति में किसी मरणासन्न व्यक्ति की सीपीआर के जरिए जान बचाई जा सकती है.

* क्या है सीपीआर?
किसी भी आपातकालीन वैद्यकीय स्थिति तत्काल इलाज के लिए सीपीआर का प्रयोग किया जाता है.

* कैसे दें सीपीआर?
हृदयाघात का शिकार होने वाले व्यक्ति की छाती के बीचोबीच दोनों हाथों के पंजे तक का 5 से 6 इंच तक का 30 बार दबाव देते हुए मुंह के जरिए सांस देना आवश्यक होता है.

* गोल्डन अवर में इलाज आवश्यक
हृदयाघात होने के बाद समय रहते यानि गोल्डन अवर में इलाज मिलने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है. सीपीआर देते समय इस बात को देखा जाना चाहिए कि, सांस और धडकन शुरु है अथवा नहीं.

* क्या है हृदयाघात की वजहें?
हृदय विकार आनुवांशिकता की वजह से हो सकता है. साथ ही सीने में दर्द, कोलेस्ट्राल का उच्च स्तर, धुम्रपान की आदत व उच्च रक्तदाब की वजह से भी हृदय विकार हो सकता है.

* क्या सावधानी बरतें?
हृदय विकार से दूर रहने के लिए जीवनशैली को बदलना आवश्यक है. साथ ही रक्त में शक्कर व कोलेस्ट्राल को नियंत्रण में रखने हेतु संतुलित आहार लेने, वजन को नियंत्रित रखने तथा शराब व धुम्रपान से दूर रहने की जरुरत है.

* आपातकालीन स्थिति में सीपीआर जरुरी
हृदयाघात होकर यदि हृदय की गतिविधि व सांस का आना-जाना बंद हो गए, तो ऐसी आपातकालीन स्थिति में तत्काल संबंधित व्यक्ति को सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है. ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को सीपीआर के बारे में जानकारी होना आवश्यक होता है.
– डॉ. निरज राघानी,
हृदय विशेषज्ञ

Related Articles

Back to top button