अमरावतीमहाराष्ट्र

बहिरम यात्रा की टुरिंग टॉकीज में मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मों का क्रेझ!

मेलघाट के आदिवासी बंधुओं में मिथुनदा का बोलबाला

* दादासाहेब फालके पुरस्कार प्राप्त होने पर विशेष
परतवाडा/दि.2– सोमवार को भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फालके की घोषणा की गई. बता दे कि, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित लगनेवाले प्राचीन बहिरम मेले में एक समय यात्रियों के मनोरंजन का मुख्य केंद्र टुरिंग टॉकीज (तंबूवाली) रहा करती थी. बहिरम यात्रा के दौरान 10 से 12 टुरिंग टॉकीज यहां आती थी. जिसमें यात्रा में आनेवाले आदिवासी बंधु मिथुनदा की फिल्में देखना पसंद करते थे. टॉकीज के पोस्टर पर मिथुनदा दिखते ही वे फिल्म का नाम नहीं पूछते सीधे टिकट निकालकर टॉकीज में पहुंच जाते थे.
एक जमाना था जब आदिवासी युवकों में मिथुन दादा का क्रेझ था. मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मो के नाम से बहिरम की पहचान भी हुई थी. जितने भी दिन बहिरम का मेला रहता उतने दिन टुरिंग टॉकीज में केवल मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मे लगती थी. सर्वाधिक फिल्मों के पोस्टर मिथुन के चक्रवर्ती के ही रहते थे. सर्वाधिक समय लगनेवाले इस बहिरम के मेले में आसपास के परिसर के ही नहीं बल्कि पडोसी राज्य के यात्री भी बहिरम यात्रा में पहुंचते और बहिरम बाबा के दर्शन लेकर मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म अवश्य देखते. बहिरम मेला चांदुर बाजार तहसील अंतर्गत आनेवाले बोदवड ग्रापं परिसर में हर साल लगता है.
दिसंबर की 1 तारीख से 26 जनवरी तक इस मेले में यात्रियों की धूम रहती है. पहले इस मेले का आकर्षण का केंद्र टुरिंग टॉकीजे रहा करती थी. कालांतर में अब बदलते समय में मोबाइल, टीवी की वजह से टुरिंग टॉकीजे आना बंद हुई. किंतु मेले को आज भी पारंपारिक और सांस्कृतिक दर्जा प्राप्त है. यहां गृहणीयों से लेकर तो किसानों तक की उपयोग में आनेवाले सभी साहित्य सहज उपलब्ध रहते है. रात-रात भर टुरिंग टॉकीजे शुरु रहती थी. दोपहर 12 बजे से सुबह 6 बजे तक टॉकीजो में शो हुआ करते थे. टॉकीजो में ना तो फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, थर्ड क्लास व बाल्कनी तो छोडो यहां नीचे बैठकर फिल्मे देखनी होती थी और सभी एक साथ बैठक फिल्मों का आनंद लेते थे. किंतु अब धीरे-धीरे यह परंपरा लुप्त हुई. किंतु बहिरम मेले का क्रेझ आज भी कायम है. खासकर विधायक बच्चू कडू द्वारा तिरंगा रैली, शंकरपट जिसे देखने हजारों की तादाद में लोग आते है और बहिरम बाबा के दर्शन करते है और टुरिंग टॉकीज की यादे एक-दूसरे से साझा करते है.

Related Articles

Back to top button