अमरावती

आदिवासियों में मेडिकल सुविधाओं को लेकर जागरुकता निर्माण करें

युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों ने जिलाधीश को सौंपा निवेदन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.७ – चिखलदरा तहसील क्षेत्र में आने वाले आदिवासी बहूल इलाकों में रहने वाले नागरिक आज भी अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं. भूमका के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं. इसलिए आदिवासी एकात्मिक विकास प्रकल्प की ओर से इस ओर विेशेष रुप से ध्यान देते हुए मेलघाट के आदिवासियों को अघोरी उपचार कराने की बजाय मेडिकल सुविधाओं का लाभ लेने के लिये प्रवृत्त करने उनमें जागरुकता निर्माण करने की मांग की गई है. इस संबंध में युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया है.
निवेदन में बताया गया है कि हाल ही में चिखलदरा तहसील के खटकली गांव में दो वर्षीय बालक राजरतन चमुनकार को अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती करने की बजाय घर में ही उसके पेट पर चटके दिये गये. जिससे बालक की तबियत और भी चिंताजनक हो गई. इसलिए उपचार के लिए उसे अमरावती जिला सामान्य अस्पताल में लाया गया. लेकिन उपचार के दौरान शनिवार की रात बच्चे की मौत हो गई. मेलघाट में ऐसी घटनाएं निरंतर सामने आ रही है. इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से धारणी व चिखलदरा तहसील में प्रचार-प्रसार करते समय आदिवासी लोगों में निर्माण हुए अंधविश्वास को दूर कर उन्हें मेडिकल उपचार की महत्ता को समझाना चाहिए.
निवेदन सौंपते समय युवा स्वाभिमान पार्टी के जिलाध्यक्ष जितू दुधाने, उमेश ढोणे, उपेन बछड़े, देवेन्द्र टीब, दुर्योधन जावरकर, राजेश वर्मा, मनिष मालवीय, मुकेश मालवीय, वर्षा जयस्वाल, बिलाल टेलको, शिवाजी केंद्रे, सुनील बिलवे, अर्जुन पवार,राम हेकडे, प्रमोद शनवारे, मंगेश कोकाटे, पराग चिमोटे, सुधीर लवणकर, आकाश राजगुरे, अजय बोबडे आदि उपस्थित थे.

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