* अदालत में चार्जशीट दाखिल, सुनवाई शुरु होने की प्रतिक्षा
* 11 आरोपी हैं गिरफ्तार, एनआईए ने की जांच
अमरावती/दि.21 – वेटरनरी मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे की हत्या हुए आज बुधवार 21 जून को एक साल पूरा हो गया है. इस दौरान इस हत्याकांड में शामिल रहने के आरोप में 11 आरोपियों को पकडा जा चुका है. साथ ही मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए ने विशेष अदालत में अपनी चार्जशीट भी पेश कर दी है. वहीं अब मामले की सुनवाई शुरु होने की प्रतीक्षा की जा रही है. उल्लेखनीय है कि, उमेश कोल्हे हत्याकांड के चलते विगत वर्ष जून माह के अंत में समूचे देश में जबर्दस्त सनसनी मच गई थी और राष्ट्रीय स्तर के न्यूज चैनलों पर यह खबर लंबे समय तक सुर्खियों में बनी हुई थी.
बता दें कि, 21 जून 2022 को रात करीब 10 बजे के आसपास मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे स्थानीय प्रभात चौक स्थित अमित मेडिकल नामक अपने प्रतिष्ठान को बंद करने के बाद हमेशा की तरह घंटा घर वाली गली से होते हुए अपने घर जाने निकले थे. लेकिन घंटाघर वाली गली में न्यू हाईस्कूल मेन के सामने जोशी सभागृह के चैनल गेट के पास दुपहिया पर सवार होकर आए तीन लोगों ने उमेश कोल्हे की गला रेतकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी. शुरुआत में इस हत्या की वजह को लेकर काफी संभ्रम व्याप्त था. वहीं इस मामले में अमरावती शहर पुलिस ने घटना के बाद तीसरे दिन 23 जून को 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया. इसके पश्चात 24 जून को और दो लोग, 25 जून को एक तथा 1 जुलाई को इस हत्याकांड के मुख्य मास्टर माइंड शेख इरफान शेख रहीम सहित एक अन्य आरोपी को हिरासत में लिया गया. वहीं 2 जुलाई को इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई और इसी दिन पहली बार अधिकारिक तौर पर इस हत्याकांड की वजह सामने आयी. जिसके चलते समूचे देश में सनसनी और हडकंप मच गया. पता चला था कि, एक टीवी न्यूज चैनल पर चल रही डिबेट के दौरान कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाली नुपूर शर्मा के समर्थन में वॉट्सएप पर पोस्ट किए जाने के चलते उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारा गया था.
वहीं अपने पास जांच आने के बाद एनआईए ने 2 अगस्त को दो, 11 अगस्त को एक तथा 21 सितंबर को एक आरोपी को गिरफ्तार किया. जिसके चलते कुल आरोपियों की संख्या 11 हो गई. इसके साथ ही एनआईए ने सभी आरोपियों को मुंबई स्थलांतरीत करते हुए अनेकों बार अमरावती का दौरा कर इस मामले की सघन जांच की और जांच पूरी करते हुए विशेष अदालत में दोषारोप पत्र भी पेश किया. जहां पर अब तक मामले की सुनवाई शुरु नहीं हुई है. ऐेसे में उमेश कोल्हे के परिवार सहित सभी अमरावतीवासियों की निगाहे इस ओर लगी हुई है कि, आखिर समूचे देश में हडकंप मचा देने वाले इस मामले की सुनवाई कब तक शुरु हो पाती है.
* अब तक उस सदमे से बाहर नहीं आ पाया कोल्हे परिवार
विशेष उल्लेखनीय है कि, जिस समय उमेश कोल्हे 21 जून की रात अपना मेडिकल बंद करने के बाद घर जाने निकले थे, तो उनके पीछे-पीछे उनका बेटा-बहू भी दूसरी दुपहिया पर सवार होकर आ रहे थे और उमेश कोल्हे के बेटे की आंखों के लगभग सामने ही उमेश कोल्हे की हत्या हुई थी. तीन आरोपियों ने जैसे ही उमेश कोल्हे का गला रेतकर उन्हें लहुलूहान अवस्था में मरणासन्न कर दिया था. तब तक उमेश कोल्हे के बेटे संकेत कोल्हे घटनास्थल पर अपनी पत्नी के साथ पहुंच चुके थे और उन्होंने तुरंत चिख-पुकार मचाते हुए सहायता मांगी थी और अपने पिता उमेश कोल्हे को पास ही स्थित एक्झॉन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. लेकिन तब तक उमेश कोल्हे की मौत हो चुकी थी. इस घटना के चलते संकेत कोल्हे सहित कोल्हे परिवार के सभी सदस्यों को काफी गहरा सदमा लगा था. यद्यपि विगत 1 वर्ष के दौरान संकेत कोल्हे ने अपने पिता के व्यवसाय को बडी जिम्मेदारी के साथ संभाल लिया है. साथ ही उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे व नीलेश कोल्हे भी अपने-अपने कामकाज में व्यस्त है. परंतु परिवार अब तक एक साल पहले घटित हुई घटना के सदमे और दुख से बाहर नहीं आ पाया है.
* काश वह दिन हमारे जीवन में न आता
उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे ने एक वर्ष पुरानी याद को अपने जीवन का सबसे कटु व कठीन प्रसंग बताया और कहा कि, काश वह दिन कोल्हे परिवार के हिस्से में न आता. महेश कोल्हे के मुताबिक उमेश दादा काफी हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव का था और परिवार को आज यह भरोसा नहीं हो पाया है कि, आज उमेश दादा हमारे बीच नहीं है. जिस समय परिवार के सभी सदस्य एकत्रित हुआ करते थे, तो काफी धमाचौकडी होती थी. जिसमें उमेश दादा ही सबसे सक्रिय रहा करता था. ऐसे कई प्रसंगों के फोटो व वीडियो आज भी कोल्हे परिवार के पास है. जिन्हें देखकर पूरा परिवार उमेश दादा की यादों को ताजा कर लेता है. फर्क केवल इतना है कि, उन फोटोज व वीडियोज को देखकर इससे पहले चेहरे पर मुस्कूराहट व मन में खुशी आ जाया करती थी. लेकिन अब उन्हीं फोटोज और वीडियोज को देखकर आंखों में आंसू तैर जाते है.
* क्या था पूरा मामला
बता दें कि, गत वर्ष मई माह के दौरान एक टीवी न्यूज चैनल पर काशी के ज्ञानवापी मंदिर परिसर को लेकर हो रही डिबेट के दौरान भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने दूसरे पक्ष को लेकर कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी की थी. जिसकी संपादीत वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद जून माह के दौरान पूरे देश में हंगामें व होहल्ले वाली स्थिति बन गई थी. साथ ही सोशल मीडिया पर नुपूर शर्मा के समर्थन व विरोध में जमकर पोस्ट शेअर व फारवर्ड की जा रही थी. ऐसे में नुपूर शर्मा का समर्थन करने वाले लोगों को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थी. अमरावती निवासी मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे ने भी वॉट्सएप पर रहने वाले ‘ब्लैक फ्रीडम’ नामक अपने ग्रुप में नुपूर शर्मा के समर्थन वाली एक पोस्ट फारवर्ड की थी. इसी ग्रुप में उमेश कोल्हे का डॉ. युसूफ खान नामक एक दोस्त भी सदस्य के तौर पर शामिल था. जिसने उमेश कोल्हे द्बारा डाली गई पोस्ट का स्क्रीन शार्ट लेकर उसे रहबर नामक एक अन्य वॉट्सएप ग्रुप में शेअर किया तथा उस ग्रुप के सदस्यों को उमेश कोल्हे के बारे में एक तरह से उकसाया. जिसके बाद रहबर हेल्पलाईन के अध्यक्ष शेख इरफान शेख रहीम ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई थी. जिसके लिए उमेश कोल्हे के ही मित्र डॉ. युसूफ खान को साथ में लेकर उमेश कोल्हे की कुछ दिनों तक रेकी की गई और फिर 21 जून की रात उमेश कोल्हे को घंटाघर वाली गली में घेरकर उनका निर्ममतापूर्वक गला रेत दिया गया. ताकि उमेश कोल्हे को नुपूर शर्मा का समर्थन करने की सजा दी जा सके. हालांकि उमेश कोल्हे की हत्या होने के तुरंत बाद अगले 2-3 दिनों तक इस हत्याकांड की वजहों को लेकर संभ्रम बना रहा. परंतु जैसे ही तीसरे-चौथे दिन से आरोपियों की धरपकड होनी शुरु हुई. वैसे-वैसे सभी को हत्याकांड की वजह समझ में आने लग गई थी. लेकिन पुलिस की ओर से इस वजह का पहली बार अधिकारिक तौर पर खुलासा 2 जुलाई को किया गया था. जब हत्याकांड का मुख्य मास्टर माइंड रहने वाले शेख इरफान की नागपुर से गिरफ्तारी हुई थी. वहीं 2 जुलाई को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए को सौंप दी थी. पश्चात एनआईए ने और भी कुछ आरोपियों की धरपकड करते हुए पूरे मामले की सघन जांच की तथा मुंबई की विशेष अदालत में दोषारोप पत्र दायर किया. जहां पर उमेश कोल्हे हत्याकांड मामले की सुनवाई शुरु होने की प्रतिक्षा की जा रही है.