अपार आयडी बनाना शिक्षकों, पालको व विद्यार्थियों के लिए बनी सिरदर्द
संबंधित कागजात जुटाने करनी पड रही कसरत
मोर्शी/ दि. 13– अपार आयडी बनाना शिक्षक, पालक और विद्यार्थियों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है. वन नेशन वन आयडी योजना अंतर्गत केन्द्र सरकार की ओर से प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में अपार आयडी बनाने का कार्य युध्दस्तर पर शुरू है. आधार कार्ड के अनुसार ही सभी विद्यार्थियोें को बारह अंक वाला डिजिटल नंबर दिया जायेगा. जिसके लिए लगनेवाले संबंधित कागजात जुटाने में शिक्षक-पालक व विद्यार्थियों को कसरत करनी पड रही है.
आपार आयडी से विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति और उनके शैक्षणिक विकास में मदद होगी. वहीं शाला बाह्य विद्यार्थियों को शिक्षा व उनकी मार्कशीट से संबंधित जानकारी भी आयडी में दर्ज की जायेगी. विद्यार्थियों के लिए बनाई जा रही अपार आयडी के लिए आधार कार्ड पर नाम में फर्क, गलत जन्म तारीख पालकों का आधार कार्ड मैच करना, आयडी में विद्यार्थियों की जात, वह कितने किलोमीटर दूर से शाला में आता है. उसका रक्त गट कौन सा है. इस प्रकार की जानकारी हासिल करने शिक्षकों को कसरत करनी पड रही है. साथ ही विद्यार्थियों का समय भी व्यर्थ हो रहा है. पालकों का सहयोग भी नहीं मिल पा रहा. जिसमें अपार आयडी बनाना सिरदर्द साबित हो रहा है. शाला में विद्यार्थियाेंं को शिक्षा दे या सिर्फ शिक्षक ऑनलाइन काम करें, ऐसी प्रतिक्रिया शिक्षकों द्बारा दी जा रही है.
अपार आयडी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए उपयुक्त
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अपार आयडी उपयुक्त है. लेकिन यह जोखिमभरा कार्य होने की वजह से शिक्षा के लिए समय नहीं मिल पाने से शिक्षा देने में लापरवाही हो रही है. यह सभी काम गर्मियों की छुट्टियों में करवाए जाए.
श्रीकांत देशमख,
मुख्याध्यापक शिवाजी शाला