अमरावती

सृजनात्मक विचारों से कोरोना काल में आया आलस्य दूर होगा

कीर्ति राजेश अर्जुन का प्रतिपादन

* संत गाडगेबाबा सृजनात्मक शाखा पुरस्कार का वितरण
अमरावती/ दि. 7– कोरोना काल के पिछले दो सालों ने हमें बहुत कुछ सिखाया. सामने बहुत से आवाहन भी आए तब हम कुछ थम गये थे. किंतु हमारे विचार नहीं थमे. श्री दादासाहेब गवई चैरिटेबल ट्रस्ट अमरावती द्बारा आयोजित स्वच्छ सुंदर और सृजनात्मक शाखा पुरस्कार उसका ही एक भाग है. स्वच्छ और सृजनात्मक विचारों से ही कोरोना काल में आया आलस्य दूर होगा. ऐसा प्रतिपादन कीर्ति राजेश अर्जुन ने व्यक्त किया.
वे स्थानीय तक्षशिला महाविद्यालय में श्री दादासाहेब गवई चैरिटेबल ट्रस्ट अमरावती द्बारा आयोजित कर्मयोगी संत गाडगेबाबा स्वच्छ, सुंदर और सृजनात्मक शाखा पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर बतौर अध्यक्ष के रूप में बोल रही थी. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में प्राचार्य डॉ. वर्षा देशमुख, संस्था सचिव प्रा. पी.आर. एस. राव, डॉ. वर्षा गावंडे, प्रा. सचिन पंडित उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरूआत डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, कर्मयोगी संत गाडगेबाबा महाराज, दादासाहब गवई की प्रतिमा को पुष्पमाला अर्पित कर की गई. इस अवसर पर कीर्ति राजेश अर्जुन ने उपस्थितों से कहा कि संस्था की संस्थापक अध्यक्षा डॉ. कमल गवई ने पुरस्कार वितरण समारोह को अपनी शुभकामना दी है. महाविद्यालय स्तर पर कर्मयोगी संत गाडगेबाबा स्वच्छ सुंदर और सृजनात्मक शाखा का प्रथम पुरस्कार तक्षशिला महाविद्यालय, श्यामनगर, द्बितीय पुरस्कार डॉ. बाबासाहब आंबेडकर महाविद्यालय, उत्तमनगर व तृतीय पुरस्कार प्रकाश फार्मसी एंड रिसर्च सेंटर खेर्डा (वाशिम) को दिया गया.
चतुर्थ पुरस्कार रामकृष्ण महाविद्यालय दारापुर ने हासिल किया. उसी प्रकार शालेय स्तर पर कर्मयोगी संत गाडगेबाबा स्वच्छ और सुंदर सृजनात्मक शाखा पुरस्कार मातोश्री गंगादेवी लुल्ला व कनिष्ठ महाविद्यालय गौरखेडा कुंभी तथा द्बितीय पुरस्कार कृष्णकमल अनुदानित आदिवासी आश्रम शाला नेरपिंगलाई, तृतीय पुरस्कार मदन महाराज विद्यालय व कमलदीप कनिष्ठ महाविद्यालय, फूल आमला नांदगांव खंडेश्वर तथा चतुर्थ पुरस्कार महात्मा ज्योतिमा फुले, विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय, अंजनगांव सुर्जी ने हासिल किया.
सभी सहभागी शाखाओं को प्रमाणपत्र का वितरण किया गया. प्रशिक्षण टीम में डॉ. वर्षा गावंडे, प्रा. यशवंत हरणे, डॉ. प्रणाली पेटे, प्रा. सचिन पंडित, मुख्याध्यापक निलेश देशमुख का सहभाग था. एक माह पहले श्री दादासाहब गवई चेेरिटेबल ट्रस्ट के सभी महाविद्यालयों की जांच कर पुरस्कारों की घोषणा की गई. कार्यक्रम का संचालन डॉ. शीतल तायडे ने किया व आभार डॉ. वर्षा गावंडे ने माना. कार्यक्रम की सफलता के लिए महाविद्यालय के सभी विभाग के प्राध्यापक,कर्मचारी और विद्यार्थियों ने अथक प्रयास किया.

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