अपराध व अपराधी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं
अमरावती मंडल से विशेष साक्षात्कार में बोले पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी
* शहर को भयमुक्त बनाना मेरी सबसे पहली प्राथमिकता
* जनसहभागिता के साथ सोशल पुलिसिंग पर दिया जा रहा जोर
* कामकाज को प्रभावी बनाने बिकेंद्रीकरण पर अमल
* पुलिस कल्याण भी जरुरी प्राथमिकताओं में शामिल
अमरावती/दि.19 – शहर को पूरी तरह से भयमुक्त एवं अपराधमुक्त बनाना मेरी पहली प्राथमिकताओं में शामिल है. जिसके लिए अपराध और अपराधियों से निपटने हेतु तमाम जरुरी और आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे. क्योंकि मुझे अपराध और अपराधी किसी भी हाल में और किसी भी कीमत पर कतई बर्दाश्त नहीं है. ऐसे में अपराधों को रोकने के लिए अपराधियों से समय रहते निपटने हेतु तमाम जरुरी व प्रतिबंधात्मक उपाय किए जा रहे है. ताकि शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनी रहे. इस आशय का प्रतिपादन शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी द्बारा किया गया.
उल्लेखनीय है कि, दिसंबर माह के अंत में अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की कमान संभालने वाले सीपी नवीनचंद्र रेड्डी यहां पर अपने कार्यकाल के 8 माह पूरे करने जा रहे है. ऐसे में दैनिक अमरावती मंडल ने सीपी रेड्डी के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए उनसे जानना चाहा कि, इन 8 माह के दौरान उन्होंने अमरावती में क्या कुछ बदलाव किए और शहर पुलिस आयुक्त बनकर आते समय उनकी जो प्राथमिकताएं थी, उन्हें पूरा करने में वे कहां तक सफल हुए. बडे विस्तार के साथ हुई इस बीतचीत में सीपी रेड्डी ने विशेष साक्षात्कार हेतु पूरा समय देते हुए हर सवाल का विस्तुत जवाब दिया और पूरे साक्षात्कार के दौरान लगभग कई बार उन्होंने अपनी उपरोक्त बात को दृढतापूर्वक दोहराया.
इस साक्षात्कार में अपने विगत 8 माह के कार्यकाल व अनुभव को विशद करते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, उनका स्वभाव किसी भी काम को पीछे पडतकर पूरा करवाने का है. ऐसे में उन्होंने अमरावती आते ही यहां पर विभिन्न मामलों की पेंडिंग केसेस को निपटाने की ओर ध्यान देना शुुरु किया. जिस समय वे अमरावती आए थे, तब करीब 8 हजार से अधिक मामलों की जांच प्रलंबित थी. जिसे घटाकर 6 हजार 500 पर लाया गया है. यदि सिर पर प्रलंबित कामों का बोझ बना रहता है, तो इससे काम की गुणवत्ता पर असर पडता है. ऐसे में ‘क्वॉलिटी वर्क’ को बढाने के लिए ‘क्वॉन्टीटी वर्क’ को घटना बेहद जरुरी है. इसके अलावा अमरावती शहर पुलिस आयुक्त का जिम्मा संभालते समय उन्होंने महसूस किया था कि, यहां पर अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपने वरिष्ठों को लेकर आदर की बजाय कुछ हद तक डर का माहौल है. उनका मानना है कि, डर के बोझ तले रहने वाला व्यक्ति खुलकर काम नहीं कर सकत, जबकि हर व्यक्ति में कुछ अलग कर गुजरने की योग्यता व क्षमता होती है. ऐसे में उन्होंने ‘भययुक्त आदर’ की बजाय ‘आदरयुक्त भय’ वाला माहौल बनाने पर पूरा जोर दिया और वे शहर पुलिस के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए हमेशा उपलब्ध है तथा उन तक कोई भी अधिकारी व कर्मचारी बेधडक पहुंच सकता है.
* समाज के सभी घटकों में कायम की सद्भावना
अमरावती में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, जब वे अमरावती आ रहे थे तब उन्हें बताया गया था कि, अमरावती में माहौल कुछ खराब है और समाज में एक-दूसरे को लेकर संशय व संदेह वाला वातावरण है. क्योंकि उनके आने से कुछ समय पहले भी अमरावती शहर में कुछ जातियवादी घटनाएं घटित हुई थी. ऐसे में उनके सामने शहर में विश्वासपूर्ण माहौल बनाने की सबसे बडी चुनौति थी. उस समय स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने आगे बढकर जोखिम उठाने की प्रवृत्ति थोडी कम थी. परंतु आज वहीं अधिकारी है और पूरा का पूरा सेटअप भी वहीं है. लेकिन शहर में माहौल बदल गया है. क्योंकि हमने समाज के सभी घटकों को एकसाथ लाकर एक-दूसरे के साथ दिखाते हुए संशय व संदेह वाले माहौल को दूर करने का काम किया. जिसकी बदौलत अमरावती शहर में एक बार फिर सामाजिक सद्भाव वाला वातावरण बनाने में सफलता हासिल की गई. सीपी रेड्डी के मुताबिक वे दिसंबर माह के अंत में अमरावती आए थे और उस समय शहर में जिस तरह का माहौल था. उसे देखते हुए नये साल का बंदोबस्त लगाना ही अपने आप में एक बडी चुनौतीवाला काम था, जिसे पूरा किया गया. इसके पश्चात शहर में इज्तेमा जैसा बडा आयोजन हुआ. उसे लेकर भी आयोजक समुदाय सहित समाज को विभिन्न घटकों के साथ चर्चा की गई. तो पाया गया कि, अमरावती में समाज के सभी घटक एक दूसरे के साथ पूरी तरह से जुडे हुए है. ऐसे में हमने कट्टरवाद को दूर करने का काम किया. जिसकी बदौलत विगत 8 माह के दौरान सभी तरह के धार्मिक पर्व व त्यौहार तथा सार्वजनिक उत्सव शांतिपूर्ण तरीके से मने. क्योंकि अमरावती शहर पुलिस ने मौका परस्त टाईप के लोगों को माहौल बिगाडने का कोई मौका ही नहीं दिया. इन दिनों धर्म व जाति के नाम पर बढ रही नफरत व हिंसा के विषय पर चली चर्चा के दौरान सीपी रेड्डी ने कहा कि, धार्मिक आस्था बेहद निजी बात होती है. अत: धर्म और धार्मिक आस्था को अपने घर पर रखना चाहिए और उसका सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. भारत का नागरिक होने के नाते सार्वजनिक स्थान पर हर व्यक्ति सबसे पहले भारतीय होने के अनुरुप व्यवहार करें, तो किसी को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.
* बदलते वक्त के साथ कदमताल करते हुए निपट रहे अपराधियों से
अपराध व अपराधी से निपटने की अपनी रणनीति के संदर्भ में बातचीत करते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, अमूमन अपराधों को दो तरह की श्रेणी में रखा जाता है. जिसमें पहली श्रेणी बॉडी क्राइम यानि हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, हमला व चाकूबाजी जैसे अपराध का समावेश होता है. वहीं दूसरी श्रेणी वाले अपराधों में चोरी, सेंधमारी, लूटपाट व छिना झपटी जैसे अपराध आते है. वहीं इन दिनों सूचना तकनीक वाले दौर में अपराधों की तीसरी श्रेणी भी आ गई है. जिसे सायबर क्राइम कहा जाता है. इस श्रेणी में ऑनलाइन जालसाजी व ऑनलाइन सट्टेबाजी जैसे अपराधों को शामिल किया जाता है. हर तरह के अपराध से निपटने के लिए बदलते वक्त के साथ पुलिस विभाग भी लगातार अपडेट हो रहा है. जिसकी बदौलत पेशेवर अपराधियों के साथ-साथ साइबर अपराधियों को भी पकडने में सफलता मिल रही है. सीपी रेड्डी के मुताबित किसी भी तरह का अपराधी चाहे कितना भी पेशेवर और चालाक क्यों न हो, लेकिन पुलिस की पकड में आने से नहीं बच सकता. उंगलियों पर गिने जाने लायक इक्का-दुक्का मामलों को अगर छोड दिया जाए, तो अधिकांश अपराधिक मामलों में पुलिस द्बारा आरोपी को गिरफ्तार कर ही लिया जाता है. अपनी इस बात को उदाहरण के साथ समझाते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, कुछ समय पहले नांदगांव पेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत तडके 4 बजे कुछ अज्ञात लोगों ने एक युवक की हत्या कर दी थी. नागपुर निवासी कार चालक रहने वाले उक्त मृतक युवक की शिनाख्त करने के साथ-साथ उसकी हत्या करने वाले 2 आरोपियों को शहर पुलिस ने अन्य जिलों में जाकर खोज निकाला और गिरफ्तार भी किया. जबकि उस हत्याकांड में पुलिस के पास कोई सबूत और सुराग नहीं था. लेकिन बावजूद इसके पूरे मामले का पर्दाफाश किया गया. इससे ही समझा जा सकता है कि, पुलिस महकमा अपने काम को किस समर्पणभाव के साथ पूरी जी-जान के साथ करता है.
* शहर में घटित होने वाले अपराधों व हादसों में आयी कमी
विगत 8 माह के दौरान पहले की तुलना में अपराध कम घटित होने की बात स्पष्ट करते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, आपसी रंजिश या झगडा फसाद में होने वाली हत्या, हाफ मर्डर व मारपीट जैसी घटनाओं को रोक पाना पुलिस के सीधे नियंत्रण में नहीं होता. लेकिन इसके बावजूद गत वर्ष की तुलना में जारी वर्ष के 8 माह दौरान हत्या व हाफ मर्डर सहित दुराचार के मामले घटित होने में काफी हद तक कमी आयी है. जिसके साथ ही शहर पुलिस द्बारा यातायात नियमों को लेकर की जा रही जनजागृकता के चलते सडकों पर घटित होने वाले हादसों में भी कमी आयी है. इसके अलावा क्राइम डिटेक्शन का ग्राफ 11 फीसद से बढाकर 25 फीसद पर पहुंचा दिया गया है. वहीं चोरी, लूटपाट व छिना झपटी जैसी अपराधिक वारदातों को घटाने व खत्म करने के लिए पुलिस द्बारा ऐसे अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधिक तत्वों की समय रहते नकेल कसी जा रही है. जिसके तहत उन्होंने अमरावती शहर पुलिस आयुक्त का जिम्मा संभालने के साथ ही आयुक्तालय अंतर्गत आने वाले सभी 10 पुलिस थानों में पुलिस रिकॉर्ड पर रहने वाले ‘टॉप-20’ पेशेवर अपराधियों की लिस्ट बनवाई थी और उन 200 अपराधियों में से आयुक्तालय स्तर पर शहर के ‘टॉप-20’ अपराधियों के नाम छाटे गए थे. इनमें से कई अपराधियों के खिलाफ तडीपारी व एमपीडीए की कार्रवाई की गई. साथ ही संगठित तौर पर वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधिक गिरोहों के खिलाफ मोक्का कानून के तहत भी कार्रवाई की गई. इन सबके साथ ही शहर पुलिस आयुक्तालय के इतिहास में पहली बार मादक पदार्थों की तस्करी व विक्री के खिलाफ मोर्चा खोला गया और अब तक कई ड्रग्ज तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बाहर से लायी जाने वाली ड्रग्ज की खेप को पकडा गया. इसके साथ ही आईपीएल क्रिकेट पर ऑनलाइन सट्टे का व्यवसाय चलाने वाले समाज के सफेदपेश अपराधियों पर भी कानूनी शिकंजा कसा गया. जिसके तहत ऐसे अपराधियों से निपटने हेतु कानून की धाराओं का अलग तरीके से प्रयोग करते हुए उनके खिलाफ अपराधिक मामलें दर्ज किए गए.