अमरावती

‘लॉकडाउन‘ के दौरान ‘अनलॉक‘ ही रहे शहर में अपराध

कोरोना काल में १० हत्याएं, २७ बलात्कार व ३३ जानलेवा हमले हुए

  • २५३ सडक हादसों में हुई ५३ लोगों की मौत

  • चोरी, लूटपाट, सेंधमारी व छेडछाड के मामलों में भी रहा इजाफा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.७ – विगत २३ मार्च से कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. हालांकि बाद में ५ जून के आसपास अनलॉक की प्रक्रिया चरणबध्द ढंग से लागू की गई. इस लॉकडाउन व अनलॉक के दौरान जीवन के हर क्षेत्र में कामकाज की रफ्तार थम सी गयी और अब भी स्थिति सामान्य नहीं हो पायी है, लेकिन बावजूद इसके २४ मार्च से ३१ अगस्त तक लगभग १६० दिनों में अपराधिक घटनाएं बदस्तूर जारी रही. जिसके तहत हत्या व हत्या के प्रयास सहित बलात्कार, छेडछाड, चोरी, लूटपाट व सेंधमारी जैसी वारदातें घटित होती रही. इसी तरह इन १६० दिनों के दौरान करीब २५३ सडक हादसे घटित हुए. जिनमें ५३ लोगों की मौते हुई. जानकारी के मुताबिक जारी कोरोना काल के दौरान १६० दिनों में १० हत्या व ३३ जानलेवा हमलों के मामले सामने आये. इसके साथ ही इस दौरान महिलाओें पर होनेवाले अत्याचार के मामले भी बदस्तूर जारी रहे. क्योकि इस दौरान बलात्कार के २७ मामले दर्ज किये गये. वहीं छेडछाड संबंधी १२३ शिकायतें सामने आयी. इसके अलावा इसी दौरान चोरी के २९८, लूटपाट के १७ व सेंधमारी के ७६ मामले सामने आये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, लॉकडाउन व अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान जहां एक ओर शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बंदोबस्त तैनात था, वहीं दूसरी ओर अपराधिक प्रवृत्तिवाले लोगों में पुलिस एवं कानून का कहीं कोई खौफ नहीं था, बल्कि वे बदस्तूर अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे थे.

इसके साथ ही इन १६० दिनों के दौरान धोखाधडी व जालसाजी के ६३ मामले शहर के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किये गये है. इसके अलावा विगत १६० दिनों में २५३ सडक हादसे घटित हुए. जिसमें से ५१ हादसों में ५३ लोगों की मौत हुई और ५७ हादसों में ८१ लोग घायल हुए. इसके साथ ही अन्य ८५ सडक हादसों में लोगों को मामूली चोटे आयी है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, २४ मार्च से ३१ मई तक शहर की सभी सडकों पर कडे लॉकडाउन की वजह से लगभग पूरी तरह से सन्नाटा था और इक्का-दूक्का वाहन ही दिखाई देते थे. इस दौरान सडक हादसों की संख्या लगभग नगन्य थी. वहीं जैसे-जैसे अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढने लगी, वैसे-वैसे सडका हादसों व हादसों में होनेवाली मौतों का आंकडा भी बढने लगा है.

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