अमरावती

भीक मांगने के लिए प्रेरित करने वाले पालकों के खिलाफ अपराध दर्ज

अपराध शाखा के निर्देश पर कोतवाली क्षेत्र में दो के खिलाफ कार्रवाई

अमरावती-/ दि. 22 अपने ही दो बच्चों को भीक मांगने के लिए प्रेरित करने के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने राजुरा बेडे के दम्पति के खिलाफ महाराष्ट्र भीख मांगने पर प्रतिबंधक अधिनियम 1959 की धारा 11 के तहत अपराध दर्ज किया. अपराध शाखा विभाग के पुलिस निरीक्षक अर्जुन ठोसरे ने शहर में भीक मांगने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. इसपर अपराध शाखा उपनिरीक्षक राजकिरण येवले के दल ने कल दोपहर यह कार्रवाई सिटी कोतवाली पुलिस ने की.
दोपहर के समय पांच व छह वर्षीय दो बच्चे राजकमल चौक पर वाहन चालकों से भीक मांगते हुए दिखाई दिये. उन बच्चों को विश्वास में लेकर उनके नाम पूछे. नाम बताने के बाद भीक मांगने के लिए किसने कहा, ऐसा पूछने पर उस समय उन दोनों बच्चों ने उसी क्षेत्र में उपस्थित माता-पिता की ओर उंगली दिखाई. उन्हें भीक मांगने और रास्ते पर खडे रहने का माता-पिता ने कहा, ऐसा बच्चों ने बताया. उन पालकों के खिलाफ दोपहर के बाद अपराध दर्ज किया गया. बीते कुछ वर्षों में यह पहली कार्रवाई है. राजकमल चौक समेत जयस्तंभ चौक, पंचवटी चौक आदि स्थानों पर कई बच्चें भीक मांगते हुए दिखाई देते हैं. सुबह ही भीक मांगने के लिए उन्हें छोड दिया जाता है. शाम के वक्त जमा की गई रकम बडे व्यक्ति इकट्ठा करते है. कार या मोटरसाइकिल के सामने वे बच्चे खडे हो जाते है, जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है. कार के बाजू से पैसे मांगते है. जिसके कारण कार में सवार लोगों को कांच बंद करना पडता है.
इसी तरह पूर्व महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमती ठाकुर वाहन में सफर कर रही थी. तब एक छोटी लडकी उनके कार के पास आकर भीक मांगने लगी. उन्होंने वाहन एक ओर लगाकर लडकी से पूछताछ की. लडकी वहां से भागकर अपने अन्य साथियों के पास गई. उस समय कुछ दूरी पर अन्य बच्चों को भीक मांगते हुए देखा, उनसे भी पूछने की कोशिश की गई तो वे भी वहां से भाग गए. जानकारी निकालने पर उन्हें पता चला कि, आसपडोस के गांव से बच्चों को शहर में लाकर उसे भीक मांगने लगाया जाता है. तब एड. यशोमती ठाकुर ने पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह को इसकी जानकारी देकर उनके पालकों चेतावनी देने का कहा. बच्चों को पढाई व अच्छा जीवन मिले इस बारे में उन्होंने चर्चा की. बच्चों की पढाई के लिए वे प्रयत्नशील है, ऐसा बताया.
क्या है धारा 11
महाराष्ट्र भीक मांगने के लिए प्रतिबंध लगाने के बारे में अधिनियम 1959 की धारा 11 भीक मांगने के लिए व्यक्ति को काम पर लगाने के बारे में या उसे भीक मांगने के लिए लगाना या भीक मांगने के लिए उसका उपयोग किये जाने पर यह कार्रवाई की जाती है.
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तीन वर्ष तक सजा के लिए पात्र
जो भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को भीक मांगने या भीक मांगने के काम पर लगाएगा या भीक मांगने या लेने लगाए, अगर जिसके पास बच्चे की अभिरक्षा, कब्जा या देखरेख को ऐसा कोई व्यक्ति ऐसे बच्चों को भीक मांगने या भीक लेने के काम पर लगाने की ओर या भीक मांगने या लेने का काम करे, ऐसा करने के लिए उत्तेजित करे, भीक मांगने के लिए किसी को प्रदर्शन की वस्तु के रुप में उपयोग करे, वह व्यक्ति दोषी माना जाता है, ऐसे व्यक्ति को तीन वर्ष तक मगर एक वर्ष से कम न हो ऐसे कैद की सजा का पात्र होता है.

तीन वर्ष तक सजा के लिए पात्र
जो भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को भीक मांगने या भीक मांगने के काम पर लगाएगा या भीक मांगने या लेने लगाए, अगर जिसके पास बच्चे की अभिरक्षा, कब्जा या देखरेख को ऐसा कोई व्यक्ति ऐसे बच्चों को भीक मांगने या भीक लेने के काम पर लगाने की ओर या भीक मांगने या लेने का काम करे, ऐसा करने के लिए उत्तेजित करे, भीक मांगने के लिए किसी को प्रदर्शन की वस्तु के रुप में उपयोग करे, वह व्यक्ति दोषी माना जाता है, ऐसे व्यक्ति को तीन वर्ष तक मगर एक वर्ष से कम न हो ऐसे कैद की सजा का पात्र होता है.

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