* 31 मई तक लाभार्थी हिस्सा भरने की अंतिम तिथी
अमरावती/दि.20– महाकृषि अभियान अंतर्गत प्रधानमंत्री कुसुम घटक ब योजना में सर्वसाधारण गट के लाभार्थियों द्वारा अन्य घटक के लाभार्थी के रूप में ई-पोर्टल पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र अपलोड करते हुए पंजीयन किये जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी और उन पर फौजदारी मामला दर्ज किया जायेगा. ऐसी चेतावनी महाउर्जा कंपनी द्वारा दी गई है. इसके साथ ही बताया गया है कि, जिन किसानों को सौर कृषि पंप वितरित होते है, उसमें लाभार्थी हिस्सा भरने के लिए संशोधित अंतिम तिथी को 31 मई तक बढाया गया है. अत: आवेदकों द्वारा इस अवधि से पहले लाभार्थी हिस्सा जमा कराया जाये.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए महाउर्जा के विभागीय महाव्यवस्थापक प्रफुल तायडे द्वारा बताया गया कि, सौर पंप मिलने हेतु महाउर्जा के ई-पोर्टल पर आवेदन करनेवाले आवेदकों को उनका लाभार्थी हिस्सा भरने हेतु मोबाईल संदेश भेज दिया गया है. जिसके अनुसार किसानोें ने ऑनलाईन अथवा एनईएफटी के जरिये लाभार्थी हिस्सा भरने हेतु ई-पोर्टल पर एनईएफटी की काउंटर स्लिप को बैंक की मुहर सहित अपलोड करनी चाहिए और इसकी मूल प्रतिलिपी को महाउर्जा कार्यालय में लाकर जमा कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि, इस योजना के तहत सर्वसाधारण गट के किसानों द्वारा खुद को अनुसूचित जाति व जनजाति गट से दर्शाते हुए फर्जी जाति प्रमाणपत्र ई-पोर्टल पर अपलोड किये जा रहे है. ऐसे कुछ मामले सामने आये है. संबंधित आवेदकों के दस्तावेजों की जांच-पडताल करने के बाद संबंधित लाभार्थी अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति घटक से नहीं रहने की बात सामने आती है. पश्चात ऐसे लाभार्थी सर्वसाधारण लाभार्थी के तौर पर अपना लाभार्थी हिस्सा भरने हेतु विभागीय कार्यालय में भेंट देकर आवेदन स्वीकार करने का तगादा लगाते है. किंतु अब यदि सर्वसाधारण गुट के लाभार्थियों द्वारा खुद को अन्य घटक का लाभार्थी दिखाते हुए ई-पोर्टल पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र अपलोड किया जाता है, तो संबंधितों केे खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. ऐसी भूमिका भी महाउर्जा द्वारा अपनायी गई है.
* कोई समस्या है, तो संपर्क करे
यदि किसानों को ई-पोर्टल पर आवेदन भरने, लाभार्थी हिस्सा भरने अथवा इससे संबंधित किसी भी काम में कोई समस्या या दिक्कत पेश आती है, तो महाउर्जा की वेबसाईट, अमरावती स्थित विभागीय कार्यालय अथवा यवतमाल व अकोला के जिला कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है. पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत राज्य में 50 हजार सौर कृषि पंप आस्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है. जिसके तहत वाशिम, यवतमाल व बुलडाणा जिले में उद्देश्य पूर्ण हो गया है, परंतू अमरावती व अकोला जिले में सौर कृषि पंप लगाने का काम फिलहाल चल ही रहा है.