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नवनीत राणा के खिलाफ हो फौजदारी कार्रवाई

कास्ट्राईब महासंघ ने की पत्रवार्ता में मांग

 अब तक प्राप्त सभी लाभ वसूल किये जाये

अमरावती/दि.17- अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित अमरावती संसदीय सीट से फर्जी जाति प्रमाणपत्र का आधार लेते हुए दो बार चुनाव लडने और वर्ष 2019 का चुनाव जीतने के साथ ही नवनीत राणा ने देश की संसद और संविधान को धोखा दिया. साथ ही अनुसूचित जाति में शामिल रहनेवाले पिछडावर्गीयों के अधिकार को भी छीनने का काम किया है. ऐसे में नवनीत राणा के खिलाफ फौजदारी स्वरूप की कार्रवाई करते हुए उन्हें आज तक पिछडावर्गीय तथा सांसद होने के नाते मिले सभी लाभ वापिस वसूल किये जाने चाहिए. साथ ही उन्हेें प्राप्त राजशिष्टाचार की सुविधाएं, स्थानीय विकास निधी में हस्तक्षेप तथा राजनीतिक, सामाजिक व संवैधानिक अधिकारों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. इस आशय की मांग यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में कास्ट्राईब कर्मचारी कल्याण महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अरूण गाडे व जिलाध्यक्ष अमित नाखले द्वारा की गई.
इस पत्रकार परिषद में कहा गया कि, मुंबई के कुर्ला स्थित कार्तिका हाईस्कुल में पढते समय नवनीतकौर की जाति ‘सिख’ रहने की जानकारी सामने आयी है. किंतु विधायक रवि राणा ने विवाह के बाद अपनी पत्नी नवनीतकौर राणा को अमरावती संसदीय सीट से चुनाव लडवाने हेतु मोची जाति का फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करवाया. जिसके लिए विधायक रवि राणा द्वारा अपने अधिकारों और पदों का दुरूपयोग किया गया. मुलूंड तहसील कार्यालय से हासिल किया गया मोची जाति के जाति प्रमाणपत्र को बांद्रा की जातिवैधता प्रमाणपत्र समिती द्वारा खारिज किये जाने के बावजूद नवनीत राणा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अमरावती संसदीय सीट से दो बार चुनाव लडा. यह सीधे-सीधे भारतीय संविधान और देश की संसद के साथ धोखाधडी है. यह बात खुद हाईकोर्ट द्वारा अपने आदेश में भी कही गई है. ऐसे में नवनीत राणा के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा फौजदारी स्वरूप की कार्रवाई की जाये और उन्हें अब तक प्राप्त सभी लाभ उनसे वापिस वसूले जाये. ऐसी मांग भी इस पत्रकार परिषद में की गई है.

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