अमरावती

फसल बीमा समन्वयक के हाथ बांधकर किया नजरकैद

स्वाभिमानी शेतकरी संगठना हुई आक्रमक

* धामणगांव क्षेत्र के किसानों के हित में आंदोलन
अमरावती/ दि.15 – खरीफ सीजन में सोयाबीन फसल का नैसर्गिक आपत्ति में नुकसान हुआ है, लेकिन मुआवजे के तौर पर 25 प्रतिशत अग्रिम रकम देने में बीमा कंपनी ने अभी भी कोई पहल नहीं की है. जिलाधिकारी के आदेश पर भी अमल नहीं किया है, जिससे स्वाभिमानी शेतकरी संगठन आक्रमक हो उठा है. बुधवार को फसल बीमा कार्यालय में धमके स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के धामणगांव रेलवे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से धामणगांव, चांदूर रेलवे और नांदगांव खंडेश्वर के पदाधिकारियों ने फसल बीमा के समन्वयक के हाथ बांध दिये. जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय में हुये इस आंदोलन में संगठन के पदाधिकारियों ने समन्वयक अधिकारी को उसी के कक्ष में नजरकैद कर दिया. इस औचक आंदोलन से फसल बीमा कंपनी में हड़कंप मच गया. तत्काल पहुंची गाडगे नगर पुलिस ने स्थिति संभाली.
जानकारी के अनुसार फसल बीमा कंपनी की मनमानी से किसानों को हो रही असुविधा को देखते हुये शेतकरी संगठन के कपित पड़घम, प्रशांत शिरभाते ने जिला कृषि अधीक्षक कृषि कार्यालय में बुधवार को औचक आंदोलन किया. जिला फसल बीमा समन्वयक के हाथ बांधकर उन्हें कक्ष में नजरकैद कर दिया. इसके पहले अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त बीमा योजना में सहभागी किसानों ने नुकसान की पूर्व सूचना दर्ज कराई थी. कलेक्टर ने जिला स्तरीय समिति की बैठक में अतिवृष्टिग्रस्त 80 राजस्व मंडलों में हुये सोयाबीन नुकसान की 25 प्रतिशत अग्रिम राशि देने की अधिसूचना 13 सितंबर को जारी की थी. जिसके अनुसार किसानों को अग्रिम मिलना अपेक्षित था, लेकिन फसल बीमा कंपनी ने इस पर आपत्ति लेते हुये किसानों ने नुकसान की पूर्वसूचना से साफ इन्कार कर दिया. जिसके कारण जिले में किसानों के साथ अब स्वाभिमानी शेतकरी संगठन भी आक्रमक हो उठे है.
नैसर्गिक आपत्ति के कारण हुये नुकसान और पूर्वसूचना देने वाले 16,558 किसानों को बीमा कंपनी ने अयोग्य करार दिया है. इसका सर्वेक्षण करने के जिलाधिकारी व कृषि आयुक्त के आदेश को भी फसल बीमा कंपनी ने ठेगा दिखा दिया है. आदेश के बावजूद एक भी प्रकरण में बीमा कंपनी ने सर्वेक्षण नहीं किया है. स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के आक्रमक आंदोलन को देखते हुए सूचना पर गाडगेनगर पुलिस पहुंच गई. स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की धामणगांव रेलवे शाखा ने सर्वप्रथम जिला कृषि अधीक्षक को धामणगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की तीनों तहसीलों धामणगांव रेलवे, चांदूर रेलवे और नांदगांव खंडेश्वर तहसील में आयोजित किये गये फसल बीमा सम्मेलन में सहभागी हुये बीमाधारक किसानों की अनेक शिकायतें हैं. इस तरह कुल 5 शिकायतों और 5 मांगों का निवेदन संगठन ने जिला कृषि अधीक्षक को सौंपा, जिसमें देरी से प्राप्त हुई शिकायत का अभी तक निपटारा नहीं होने, शिकायत किये जाने के बाद भी बीमा कंपनी द्वारा पंचनामा नहीं किये जाने, शिकायत करने के बाद पंचनामे कर राशि बैंक खाते में जमा नहीं किये जाने, जिन किसानों के अकाउंट में रकम आयी वह अधूरी है. पंचनामा करने वाले एजेन्सी के प्रतिनिधि किसानों से रिश्वत मांगते है. इसी क्रम में 5 मांगे भी उपस्थित की गई. अनुसार 25 प्रतिशत अग्रिम फसल बीमा देने, वर्तमान फसल बीमा बीड पैटर्न पर आधारित है या नहीं, फसल बीमा के लाभ के लिए पंचनामे करने तीनों तहसीलों में नियुक्त किये गये एजेन्सियों के नाम व संपर्क क्रमांक दिये जाये. पंचनामे करने के लिए एक राजस्व मंडल से कितने प्रतिनिधि नियुक्त किये जाते है. इस बारे में जानकारी दी जाये. इन मांगों पर संतोषजनक उत्तर आने तक ठिया आंदोलन करने की भी चेतावनी इस निवेदन में दी थी.

दो दिनों में निर्णय लेने का आश्वासन दिया
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन द्वारा 15-20 कार्यकर्ताओं के साथ जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय में फसल बीमा कंपनी के समन्वयक के विरुद्ध किया गया यह आंदोलन लगभग डेढ़ से दो घंटे चला. गाडगे नगर पुलिस की उपस्थिति में कंपनी के समन्वयक अधिकारी ने संगठन के कपिल पड़धम और प्रशांत शिरभाते को लिखित आश्वासन दिया कि जल्द ही कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर 25 प्रतिशत अग्रिम राशि देने को लेकर 2 दिनों में निर्णय लिया जाएगा. इस आश्वासन पर स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने अपना यह आंदोलन समाप्त किया, लेकिन इस बात की कड़ी चेतावनी दी कि यदि 2 दिनों में इस पर निर्णय नहीं लिया जाता है तो संगठन फिर तीव्र आंदोलन करेगा. इस आंदोलन में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की धामणगांव रेलवे शाखा के चैतन्य विनायकराव परघड़े, कपिल किशोर पड़घम, चांदूर रेलवे के तहसील अध्यक्ष प्रशांत प्रमोद शिरभाते, नांदगांव खंडेश्वर के छोटूभाउ रामचंद्र मुंडे, तेजस सुरेशराव मुंडे, उमेश शिवरकर और सूरज शिवरकर समेत 15 से 20 पदाधिकारी उपस्थित थे.

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