मोर्शी प्रतिनिधि/दि.5 – तहसील में लगातार बारिश होने से जमीन दलदल हो गई है. इस दलदल के कारण धूप निकलने के बाद उष्मा बनने से संतरा आंबिया बहार के फल गलने लगे है.
तहसील में संतरा उत्पादक आंबिया और मृग बहार की संतरा फसल बड़ी संख्या में लेते है. इस साल संतोषजनक बारिश होने पर भी संतरा आंबिया बहार फल गलने लगे है. पेड़ के नीचे सड़े हुए संतरे दिखाई दे रहे है.
तहसील के अधिकांश गांव सहित हिवरखेड खेत-शिवार परिसर में कोयशी जैसे रोग का प्रभाव बड़े प्रमाण में दिखाई देने से इस परिसर का आंबिया बहार गलना शुरू हो गया है. जिसके कारण किसानों के लाखों रूपये का नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. पहले ही सोयाबीन पर दीमक लग जाने के कारण किसान परेशान हो गया है. उसमें भी फिर से संतरे की फसल गलने से किसानों के सामने नया संकट आ गया है. संतरे गलकर पेड़ के नीचे गिर जाने से पेड़ के अच्छे फलों को भी खराब करते है. जिसके कारण हजारों संतरे खेत में से बीनकर खेत के बाहर फेंकने की नौबत संतरा उत्पादक किसान पर आ गई है.
संतरा पेड़ पर अज्ञात रोग का प्रभाव दिखाई देता है. संतरा फल के छिलके काले पडऩे से कोळशी रोग जैसा प्रभाव संतरे फलबागो पर दिखाई देता है. अत: कृषि विभाग मार्गदर्शन दे, ऐसी मांग हिवरखेड के किसान नारायण मेंढे ने की है.