अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – अतिवृष्टि के चलते कटाई पर आ चुकी खरीफ की फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है. यह सिलसिला थमने का नाम नहीं रे रहा है. मौसम सर्द हो गया है. सोयाबीन, तुअर, मूंग, उडद व कपास के अलावा संतरा, पपिता व केला फसल पर बारिश ने कहर बरपाकर किसानों के आंखों में आंसू ला रही है. सोमवार की रात आरंभ हुई बारिश मोर्शी व वरुड छोड जिले के अधिकांश क्षेत्रों में झमाझम बरस रही बारिश मंगलवार को भी जारी थी. सुबह तक सूर्यदर्शन भी नहीं हो पाया. जिसके चलते अधिकांश खेत-खलीहानों में फसले पानी से लबालब हो जाने से अब लागत खर्च भी निकलना मुश्किल नजर आ रहा है.
जिले में जून से सितंबर तक औसतन 708.5 मिमी. बारिश का अनुमान था बल्कि प्रत्यक्ष में 27 सितंबर तक जिले में औसतन 862.0 मिमी. बारिश रिकॉर्ड पर पहुंची है.
जिले के तलेगांव दशासर में लगातार हुई बारिश से कटाई की राह पर खडी सोयाबीन की फसलों का भारी नुकसान हुआ है. खेतों में पानी भर जाने से सोयाबीन फसल को पुन: अंकुर फूटने की खबर है. वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण खेती की खरपतवार पूरी तरह प्रभावित हो गयी हैं. सोमवार से जारी तेज हवा के साथ बारिश के कारण सभी ओर पानी ही पानी हो गया है. जबर्दस्त हवा के चलते खेतों में खडी कपास की फसलों को भी नुकसान होकर बिनोले समेत फसल जमीन पर लुढक रही है. बिनोले सडने की बात सामने आ रही है. मंगलवार की सुबह भी तेज हवाओं के साथ बारिश की आंखमिचौली जारी है. जिससे क्षेत्र व बाजारों में कर्फ्यू सदृश्य माहौल दिखाई दिया. इतना ही नहीं तो सोमवार की रात से जारी हवा के साथ बारिश से मौसम में बदलाव हुआ है और सर्दी का एहसास हो रहा है.
चांदूर बाजार शहर समेत संपूर्ण तहसील में सोमवार की शाम 5 बजे से रिमझिम बारिश शुरु थी. जिसके कारण सर्वाधिक मूंग, उडद की फसल बर्बाद हो गई है. अति बारिश के कारण मूंग, उडद की फसल खराब हो जाती है. इसी तरह पहले लगाई गई सोयाबीन की फसल कटाई पर आ जाने के बाद खेतों में पानी भर जाने के कारण सोयाबीन की फसल चौपट हो गई है. सोयाबीन अंकूरित हो गई है. तहसील में अब तक 796.02 मिमी बारिश दर्ज हुई है. बीते वर्ष अब तक 942.53 मिमी. बारिश दर्ज की गई थी. इस वर्ष लगातार बारिश के चलते सोयाबीन की कटाई कब करें, ऐसा सवाल किसानों के सामने खडा हुआ है. इस नगद फसल के भरोसे ही दशहरा, दीपावली निर्भर होती है. तहसील में संतरे के अंबिया बहार को भी इस बारिश से बडा नुकसान हो रहा है. इस समय सतरा बगीचों की खरीदी-बिक्री के व्यवहार हो जाते है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण इस प्रक्रिया में भी विघ्न उत्पन्न हो गया है.
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चिखलदरा में मुसलाधार बारिश
चिखलदरा में सोमवार की शाम से तूफानी बारिश जारी थी. मंगलवार को भी बारिश का जोर कायम रहा. जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया था. पर्यटन नगरी समेत पूरे चिखलदरा तहसील में बारिश के चलते फसलों का काफी नुकसान हुआ है. सोयाबीन पूरी तरह से पानी से घिर गई है.
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जुडवा नगरी में थम-थम कर बारिश
जुडवा नगरी में भी सोमवार की रात से थम-थम कर बारिश शुरु थी. मंगलवार को भी यह सिलसिला जारी रहा. बारिश के चलते सुबह सूरज के भी दर्शन नहीं हुए. खेतों में कटाई पर पहुंच चुकी फसलों का बारिश के कारण बडा नुकसान होते देख किसानों की चिंता बढ गई हैं.
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तहसील निहाय बारिश मिमी में
तहसील सोमवार की बारिश अब तक
धारणी 16.1 1067.6
चिखलदरा 23.3 1395.5
अमरावती 19.9 782.8
भातकुली 18.8 699.3
नांदगांव खं. 21.5 753.2
चांदूर रेलवे 15.9 710.4
तिवसा 17.2 664.6
मोर्शी 8.0 712.0
वरुड 0.2 782.5
दर्यापुर 23.9 607.4
अंजनगांव 25.4 594.0
अचलपुर 20.5 806.2
चांदूर बाजार 13.8 658.1
धामणगांव रे. 16.0 859.7
कुल 17.1 862.0
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किसानों पर संकट
लगातार हो रही बारिश के चलते खेतों में सभी तरह के काम ठप हो गए है. मजदूरों को भी काम नहीं मिल पा रहा है. इसका सीधा असर तहसील के बाजार पर हो रहा है. बारिश के कारण खरीफ फसल खतरे में आ गई है. इसके अलावा संतरा का अंबिया बहार के फल भी झडने लगे है.
– नरेश रेखाते, संतरा उत्पादक
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संभाग में अब तक 2.48 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें क्षतिग्रस्त
संभाग के पांचों जिलों में बारिश के चलते अब तक 2 लाख 48 हजार 116.12 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 फीसदी से अधिक फसले बर्बाद हो गई है. 24 सितंबर 2021 के राज्य सरकार को संभागीय राजस्व कार्यालय से भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक अकोला जिले में सर्वाधिक 1 लाख 22 हजार 899.72 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें क्षतिग्रस्त हो गई है. अमरावती जिले के 77,434.10 हेक्टेयर, यवतमाल जिले के 43,528.89 हेक्टेयर, बुलढाणा जिले के 1574.72 हेक्टेयर और वाशिम जिले के 2678.69 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का 33 फीसदी से अधिक नुकसान दर्ज किया गया है.