* दोबारा बुआई की भी नौबत
अमरावती/दि.20- मानसून का आगमन जून माह को केवल दस दिन शेष रहते हुए भी न होने से राज्य के खरीफ सत्र पर संकट आ गया है. किसान आकाश की तरफ दिन निकलते ही नजरे लगाकर बैठा रहता है. अभी तक खरीफ की 2 प्रतिशत भी बुआई नहीं हुई है. जहां बुआई हुई वहां दोबारा बुआई का संकट है. राज्य में 16 जून तक औसतन 113 मिमी बारिश अपेक्षित रहते प्रत्यक्ष में 6 मिमी बारिश हुई है. इस कारण किसान काफी चिंतित हो गए है.
राज्य में खरीफ सत्र में करीबन 150 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई होती है. 18 जून तक करीबन 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है. राज्य में अनेक स्थानों पर हवाओं को देखते हुए बुआई होती है. यह बुआई भी दुविधा में आ गई है. यदि अब भी बारिश नहीं हुई तो खडे अनाज के बुआई क्षेत्र में भी कमी आने की संभावना है. मानसून की बारिश अभी भी कोकण में सक्रिय नहीं है. मौसम विभाग के चार विभाग के सुधारित अनुमान के मुताबिक राज्य में 23 जुलाई के बाद बारिश हो सकती है. बारिश समाधानकारक बारिश होने व उष्णता कम होने पर ही बुआई करते आ सकेगी.
विदर्भ में खरीफ सत्र में कपास, सोयाबीन की फसल भारी मात्रा में ली जाती है. जून के दूसरे सप्ताह से बुआई शुरु होती है. लेकिन अभी तक बारिश की शुुरुआत न होने से उत्पादन पर परिणाम होने वाला है. विदर्भ में खरीफ सत्र की बुआई की अभी तक शुुरुआत नहीं हुई है. जहां पानी की सुविधा है ऐसे क्षेत्र में किसानों ने बुआई की है. इसका प्रमाण केवल 3 प्रतिशत नागपुर और अमरावती विभाग मिलाकर कुल 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र खरीफ का है. इसमें से अमरावती विभाग का 31 लाख 58 हजार हेक्टेयर तथा नागपुर विभाग का क्षेत्र 19 लाख हेक्टेयर है. यहां अब तक 3 से 5 प्रतिशत बुआई होने का अनुमान है. बुलढाणा जिले के 1937 हेक्टेयर क्षेत्र सहित अन्य भी स्थानों पर किसानों ने मौसमी हवाओं को देखते हुए बुआई की है. लेकिन तापमान बढने से दोबारा बुआई की संभावना बढ गई है.
* मराठवाडा में बारिश की प्रतिक्षा
मृग नक्षत्र आधा समाप्त होने के बाद भी मराठवाडा में बुआई नहीं हो पाई है. कुछ स्थानों पर पिछले 15 दिनों में मृग की बारिश दो दफा हुई है. लेकिन बुआई के लिए जमीन गीली नहीं हुई है. मराठवाडा में जैसे-तैसे 1 से 2 प्रतिशत तक की बुआई होने का अनुमान है. बारिश न होने से किसान काफी चिंतित हो गए है.
* दाल के भाव बढने का भय
राज्य में खडे अनाज का क्षेत्र करीबन 20.53 लाख हेक्टेयर है. इसमें तुअर का करीबन 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है. अपेक्षित बारिश होने पर साधारण तरीके से जुलाई माह के पहले सप्ताह में बुआई शुरु होगी. 15 जुलाई तक खडे अनाज की बुआई करते आ सकेगी. पश्चात मूंग, उडद और मूंगफल्ली की बुआई न करने की सिफारिश कृषि विभाग की है. तुअर को छोडकर अन्य खडे अनाज के बुआई क्षेत्र में भारी कमी होने की संभावना है. ऐसा हुआ तो खडे अनाज की उपलब्धता कम होकर दाल के भाव बढने की संभावना व्यक्त की जा रही है.