फसल बीमा कंपनी ने किसानों को पुनर्भुगतान देना अनिवार्य
दो माह के बाद भी नहीं मिली रकम, जिलाधीश ने जारी की थी अधिसूचना
अमरावती/ दि. १२-अतिवृष्टि व निरंतर बारिश से सोयाबीन फसल का ५० प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ था. जिसे देखते हुए जिलधीश पवनीत कौरने १३ अक्टूबर को ८० राजस्व मंडल के लिए अधिसूचना जारी की थी. एक माह में फसल बीमा कंपनी ने सहभागी किसानों को फसल बीमा पुनर्भुगतान देना अनिवार्य है. बावजूद इसके दो महिने के बाद भी कंपनी ने पुनर्भुगतान नहीं किया. इसबार खरीफ में प्राकृतिक आपदा से सबसे अधिक दो लाख हेक्टेयर में सोयाबीन फसल का नुकसान हुआ है. सीजन की प्रतिकूल स्थिति इस समूह के कारण फसल का नुकसान होने पर बाधित किसानों को कुल फसल भुगतान के २५ प्रतिशत अग्रीम देने का प्रावधान है. इस आपदा कारण सोयाबीन फसल पीला पड़ना, विकास न होना, पत्तियां झडना, पेड़ सड़ना, फूल झडना, फल्लियां न भरना आदि सहित अन्य कारणों से अपेक्षित उत्पादन में ५० प्रतिशत से अधिक नुकसान होने की संभावना होने से जिलाधीश ने सूचना निकाली थी. उसके दूसरे दिन कंपनी ने आपत्ति दर्ज की और कृषि विभाग ने भी फसल बीमा कंपनी को सूचित किया, फसल बीमा कंपनी द्वारा बाधित किसानों को अग्रीम नहीं दी गई. तथा पूर्व सूचना ने सर्वे के बाद ९ तहसील के किसानों को ६६ करोड़ का पुनर्भुगतान दिया है.
* आदेश पर अमल नहीं
बाधित १.२३ लाख नागरिकों ने निर्धारित अवधि में फसल बीमा कंपनी से शिकायत की. इनमें से ३० हजार ९९ आवेदन कंपनी द्वारा अपात्र ठहराये गए. सभी पूर्व सूचना का सर्वे करने के आदेश कृषि आयुक्तालय और जिलाधीश ने कंपनी को दिए है. लेकिन कंपनी ने आदेश पर अमल नहीं किया.
१२ राजस्व मंडल के लिए अधिसूचना
जिलाधीश की अधिसूचना में अमरावती तहसील के १२ राजस्व मंडल में नांदगांव खंडेश्वर ८, भातकुली ६, धामणगांव रेलवे ७, चांदुर रेल्वे ५, मोर्शी ६, वरूड़ ७, चांदूर बाजार ७, तिवसा ५, अचलपुर ६, धारणी ५ और चिखलदरा तहसील के ६ मंडल का समावेश है. इन राजस्व मंडल में अधिसूचना के एक माह के भीतर अग्रीम देना अनिवार्य है.