फसल बीमा 123 करोड का मंजूर फिर भी एक साल में कुछ नहीं मिला
जिले 79 हजार किसान बीमा की प्रतीक्षा में

अमरावती/दि. 11– खरीफ सत्र में वर्ष 2022-23 में फसल बीमा निकाले जिले के 79 हजार 2 किसान अभी भी फसल बीमा पैसो के लाभ से वंचित है. एक वर्ष पूर्व मंजूर फसल बीमा के 123 करोड न मिलने से किसान आर्थिक परेशानी में है. योजना के लिए शासन ने ‘कप एंड कैप’ मॉडेल का अध्यादेश निकाला. प्रत्यक्ष में अमल न होने से किसानों को अब तक फसल बीमा नहीं मिला है. शासन द्वारा यह निधि कंपनी को देने के लिए काफी देरी से यानि 1 मार्च को मंजूरी देने से बाधित किसानों को फसल बीमा की रकम आगामी कुछ दिनो में मिलेगी, ऐसा कृषि विभाग ने कहा है. लेकिन किसानों के खाते में पैसे जमा नहीं हुए है, यह सच्चाई है. किसानों को फसल बीमा का आधार कब मिलेगा, इस बाबत प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है. फसल बीमा की रकम मिलेगी इस आशा पर किसानो ने कुछ महत्वपूर्ण काम निकाले थे. लेकिन वह काम नहीं हो पाए है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत गत वर्ष के खरीफ सत्र में जिले के 1 लाख 25 हजार किसानो ने फसल बीमा निकाला. इसमें कपास, सोयाबीन, मूंग, तुअर, उडद आदि फसलों का समावेश है. गत वर्ष के खरीफ सत्र में मेलघाट को छोडकर 12 तहसीलो में औसतन से अधिक बारिश हुई. इसके अलावा 86 राजस्व मंडल में अतिवृष्टि हुई.
इस कारण खरीफ सत्र की सभी फसलो का भारी नुकसान हुआ था. इस कारण 1 लाख 25 हजार किसानो ने निर्धारित अवधि में यानि 72 घंटे में कंपनी के पास पूर्व सूचना दाखिल की थी. इन आवेदनों का कंपनी स्तर पर जायजा किया गया. इसमें से 94 हजार 664 किसान फसल बीमा के लिए पात्र रहे. इसमें से जिन्हें मुआवजे की रकम शतप्रतिशत के भीतर है, ऐसे किसानों को 98.86 करोड का मुआवजा फसल बीमा कंपनी द्वारा दिया गया. लेकिन जिन किसानो का मुआवजे का प्रमाण 110 प्रतिशत से अधिक था उनकी शेष निधि शासन द्वारा फसल बीमा कंपनी को अदा होती है. वह देने के लिए शासन ने मंजूरी दी है. जल्द ही उस पर अमल होगा, ऐसा कृषि विभाग की तरफ से कहा गया है. लेकिन दूसरी तरफ अब तक बीमा की रकम न मिलने से किसान चिंता में है. उन्होंने शासन की लापरवाही को लेकर रोष व्यक्त किया है.
* जल्द रकम होगी खाते में जमा
गत वर्ष के खरीफ का फसल बीमा किसानो को मिला नहीं है. इसके लिए वरिष्ठो द्वारा प्रयास किए गए. इसके मुताबिक शासन ने फसल बीमा कंपनी निधि देने के लिए 1 मार्च को मंजूरी दी. इस कारण 79 किसानो को जल्द फसल बीमा की रकम मिलने की संभावना है.
– राहुल सातपुते, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी.
* ऐसा है ‘कप एंड कैप’ मॉडेल
यह प्रकार पहली बार बीड के जिलाधिकारी ने दो वर्ष पूर्व चलाया. पश्चात शासन ने यह मॉडेल चलाने के लिए 26 जून 2023 को आदेश निकाला. इसके मुताबिक फसल बीमा की रकम 110 प्रतिशत से अधिक होती होगी तो उसकी रकम शासन बीमा कंपनी को अदा करेगी और कंपनी किसानों को फसल बीमा देगी.
* फसल बीमा के लाभ से किसान वंचित
किसानों को नैसर्गिक आपदा के कारण होनेवाले नुकसान की भरपाई देने के लिए शासन द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है. किसान आर्थिक नुकसान टालने के लिए फसल बीमा योजना में शामिल होते है. लेकिन योजना में शामिल होनेवाले किसानो की तुलना में नुकसान भरपाई मिलनेवाले किसानो की संख्या कम है. जिले के 79 हजार किसान 2022-23 के खरीफ सत्र के फसल बीमा के लाभ से अभी भी वंचित है. अब तक इन किसानो के खाते में अनुदान जमा नहीं हुआ है.
– प्रवीण मोहोड, जिलाध्यक्ष, स्वाभिमानी किसान संगठना.
* फसलनिहाय मंजूर रकम
फसल किसान रकम
कपास 16042 19,32,98,463
सोयाबीन 34337 43,53,02,704
ज्वारी 152 10,21,011
चावल 20 36,472
उडद 9026 17,28,90,865
मूंग 19425 43,56,35,042
कुल 79002 123,81,84,559