अमरावती

फसलों के नुकसान का पंचनामा हुआ पूर्ण

बेमौसम बारिश से प्रभावित हुआ 1,370 हेक्टेअर क्षेत्र

नये मानकों के आधार पर 2.39 करोड रुपयों की निधि मांगी गई
अमरावती/दि.29 – जिले में विगत दिनों हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की वजह से साढे तीन हजार हेक्टेअर क्षेत्र में रबी की फसलों के साथ ही फल बागानों का नुकसान हुआ. इन नुकसान प्रभावित क्षेत्रों के पंचनामे का काम पूरा हो गया है. जिसके अनुसार 33 फीसद से अधिक नुकसान होने के चलते 2,663 किसानों को 1,369 हेक्टेअर क्षेत्र के लिए नये वृद्धिंगत मानकों के अनुसार सरकारी मदद मिलेगी. जिसके लिए निधि की मांग का प्रस्ताव जिला प्रशासन द्बारा राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है.
बता दें कि, विगत 16 से 19 मार्च के दौरान अमरावती जिले में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के चलते 8 तहसीलों के 164 गांवों के 3401 हेक्टेअर क्षेत्र में गेहूं, चना, प्याज व संतरे की फसल का काफी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ था. इन सभी प्रभावी क्षेत्रों का राजस्व विभाग द्बारा सर्वेक्षण एवं पंचनामा किया गया. जिसमें 1,369 हेक्टेअर क्षेत्र में फसलों का 33 फीसद नुकसान होने की रिपोर्ट सामने आई. जिसके लिए 27 मार्च को घोषित एनडीआरएफ के नये मानकों के अनुसार सहायता मिलेगी. इसके लिए जिलाधीश पवनीत कौर ने विभागीय आयुक्त के मार्फत राज्य सरकार से निधि की मांग की है. एनडीआरएफ के नये मानकों के अनुसार 2 हेक्टेअर कृषि क्षेत्र धारण करने वाले नुकसान प्रभावित किसानों को सहायता राशि दी जाएगी. जिसके तहत रबी की असिंचित फसलों के लिए 8700 रुपए प्रति हेक्टेअर क्षेत्र की फसलों हेतु 17 हजार रुपए प्रति हेक्टेअर तथा फल बागानों हेतु 22,500 रुपए प्रति हेक्टेअर की सहायता राशि देय रहेगी.
जानकारी के मुताबिक सर्वाधिक 1,236 हेक्टेअर क्षेत्र में सिंचित यानि बागायती फसलों का नुकसान हुआ है. जिसमें से सर्वाधिक 494 हेक्टेअर क्षेत्र का नुकसान अमरावती तहसील में हुआ है. इसके अलावा चिखलदरा तहसील में 317 हेक्टेअर, अंजनगांव सुर्जी में 247 हेक्टेअर, धारणी में 130 हेक्टेअर तथा अन्य तहसीलों में करीब 100 हेक्टेअर क्षेत्र में खेती-किसानी का नुकसान हुआ है. जिला प्रशासन ने सरकार से कुल 2.39 करोड की सहायता निधि मांगी गई.
* गेहूं, प्याज, साग-सब्जी व संतरे का हुआ नुकसान
बेमौसम बारिश व अतिवृष्टि के चलते 9 तहसीलों के 850 हेक्टेअर में गेहूं, 108 हेक्टेअर में प्याज, 165 हेक्टेअर में साग-सब्जी, 87 हेक्टेअर में मक्का, 6 हेक्टेअर में मुंग, 115 हेक्टेअर में स्ट्रॉबेरी, 20 हेक्टेअर में चना, 121 हेक्टेअर में संतरा, 1.3 हेक्टेअर में नींबू, 0.90 हेक्टेअर में आम की उपज व फसल प्रभावित हुई है.

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