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संचालकों ने की थी शिकायत
अमरावती/दि.२७ – स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिती की उपसमितियों को रद्द कर दिया गया है. जिला उपनिबंधक संदीप जाधव ने २२ अक्तूबर को यह निर्णय दिया. मंडी संचालक विकास इंगोले सहित अन्य चार संचालकों ने इस विषय को लेकर विगत २० अक्तूबर को जिला उपनिबंधक के पास शिकायत दर्ज करायी थी.
इस शिकायत में कहा गया था कि, उपसमितियों की मंजूरी का प्रस्ताव जिला उपनिबंधक कार्यालय के पास भेजते समय वस्तुस्थिति को छिपाया गया और उपनिबंधक कार्यालय की दिशाभूल करते हुए मान्यता ली गयी. इसके तहत ८ जून की सभा आपात बैठक नहीं रहने के बावजूद उसे आपात व विशेष सभा दर्शाया गया. ऐसे में उपसमितियों को दी गई मान्यता को रद्द किया जाना चाहिए. मंडी संचालक विकास इंगोले, मिलींद तायडे, प्रफुल्ल राउत, सुनील वèहाडे, सतीश अटल व बंडू वानखडे द्वारा दी गई शिकायत के बाद जिला उपनिबंधक ने २० अक्तूबर को ही सहकारी संस्था उपनिबंधक को मामले की जांच सौंपी. जिन्होंने २२ अक्तूबर को अपनी रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट के मुताबिक बाजार समिती संचालक मंडल को उपसमिती नियुक्त करने का अधिकार है. किंतु इस मामले में सभापति ने अपने अधिकार से प्रस्ताव को मान्यता दी. जिसे योग्य नहीं माना जा सकता, क्योंकि ऐसा करते समय अन्य संचालकों को विश्वास में नहीं लिया गया. साथ ही उपसमिती की नियुक्ती को मान्यता देने का प्रस्ताव पेश करते समय बाजार समिती प्रशासन ने ६ अगस्त के इतिवृत्त को कायम करनेवाली सभा ८ सितंबर को पूर्ण होने से पहले ही बेहद गडबडी में इस प्रस्ताव को मान्यता के लिए पेश किया, ऐसा भी उपनिबंधक द्वारा स्पष्ट किया गया है.
ऐसा है आदेश
जिला उपनिबंधक संदीप जाधव के आदेशानुसार सभा पूर्ण होने से पहले तथा प्रोसेqडग लिखे जाने से पहले ऐसे प्रस्ताव की प्रतिलिपी को प्रमाणित कर प्रस्ताव के साथ जोडते हुए प्रस्ताव पेश करना उचित नहीं है. इसके चलते ९ अक्तूबर को उपसमिती की नियुक्ती के संदर्भ में दी गई मंजूरी को रद्द किया जाता है. साथ ही इसके बाद बाजार समिती की ओर से पेश किये जानेवाले किसी भी प्रस्ताव में ऐसा उल्लेख रहने पर मूल प्रोसेqडग बूक में इस प्रस्ताव की छायांकित प्रत प्रमाणित कर उसे संलग्न किया जाये. साथ ही आवश्यकता पडने पर जांच के लिए पेश किया जाये, ऐसा निर्देश भी जाधव ने दिया है.