अमरावती/दि.19 – विगत दो दिनों से हो रही वापसी की बारिश के चलते खेती-किसानी में काफी नुकसान हुआ है. इस समय कपास के बोंड खुल गये है. जिनसे कपास बाहर आ चुका है, जो बारिश में पूरी तरह से भीग गया है. वहीं खेतों से बिना हुआ कपास भी नमी पकड चुका है. इसके अलावा कटाई के लिए तैयार सोयाबीन की फसल भी जमीनदोज होकर पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में ऐन कटाई के समय हाथ तक आयी फसल और मुंहतक आया निवाला छिन जाने की वजह से किसान काफी परेशान हो चले है.
बता दें कि, जिले में शनिवार से वापसी की बारिश ने कहर ढाना शुरू किया है. जिसकी वजह से बुनाई व कटाई जारी रहनेवाले कपास व सोयाबीन का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. कई स्थानों पर बुनाई व कटाई के बाद कपास व सोयाबीन खेतों में ही रखे गये है, जो बारिश में पूरी तरह से भीग गये है. साथ ही कई स्थानों पर खेतों में पानी भर जाने की वजह से सोयाबीन के दाने सडने लगे है. वहीं कपास पूरी तरह से भीगकर खराब हो चुकी है. इसके अलावा इन दिनों सोयाबीन की कटाई करने व कपास की बुनाई करने के लिए मजदूरों की भी किल्लत देखी जा रही है. ऐसे में बुनाई व कटाई का काम फिलहाल पूरा नहीं हो पाया है. साथ ही इसी दौरान वापसी की बारिश शुरू हो गई. जिससे बडे पैमाने पर किसानों का नुकसान हो रहा है.
अक्तूबर में 261 फीसदी हुई बारिश
जिले में बारिश के मौसम दौरान 783 मिमी पानी बरसना अपेक्षित होता है. जिसकी ऐवज में इस बार 1000.7 मिमी बारिश हुई है. जो औसत की तुलना 127.8 फीसद है. वहीं अक्तूबर माह में 33.4 मिमी बारिश अपेक्षित होती है और इस वर्ष अक्तूबर माह के दौरान 87.2 मिमी बारिश हुई है. यह औसत की तुलना में 261 फीसद है. साथ ही विगत 24 घंटे के दौरान जिले में औसत 14.2 मिमी बारिश होने की जानकारी दर्ज की गई है.
एसएओ द्वारा नुकसान का मुआयना
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी अनिल खर्चान ने सोमवार को अमरावती तहसील के कई गांवों का दौरा करते हुए बारिश की वजह से हुए फसलों के नुकसान का मुआयना किया. पश्चात उन्होंने सोयाबीन का बडे पैमाने पर नुकसान होने की जानकारी दी. साथ ही फसल बीमा निकालनेवाले किसानों से बीमा कंपनी अथवा सरकार द्वारा सुझाये गये 6 पर्यायी स्थानों पर अपने नुकसान के संदर्भ में सुचना देने का आवाहन भी किया.