अमरावती

करोड़ों देना बकाया, लेकिन तिजोरी खाली

मनपा को शासन निधि की प्रतीक्षा

अमरावती-दि.21 तिजोरी खाली रहते समय दायित्व मात्र 46 करोड़ रुपए के करीब रहने की स्थिति मनपा में फिलहाल है. शासन द्वारा निधि मिलने पर यह दायित्व कुछ पैमाने पर कम किया जा सकेगा. दरमियान बकायादारों की मांग बढ़ने के कारण आयुक्त के सामने प्रश्नचिन्ह निर्माण होने के साथ ही शासन द्वारा आने वाली निधि की प्रतीक्षा है.
महानगरपालिका को सेवा देने वाले आपूर्तिदारों सहित निर्माणकार्य ठेकेदार, महावितरण आदि सेवादारों के बिल बकाया होकर उनका आकड़ा 46 करोड़ रुपए के करीब है. प्रभागों में दैनंदिन कचरा संकलन व साफ सफाई करने वाले सफाई ठेकेदारों के चार महीने का बिल बकाया है. उनके बिल 15 वें वित्त आयोग से दिये गए थे. लेकिन गत तीन महीनों से वित्त आयोग द्वारा निधि प्राप्त नहीं होने के कारण इन ठेकेदारों को देने के लिए मनपा की तिजोरी खाली है. जिसके चलते उन्होंने साफ सफाई का काम रोकने की चेतावनी दी है. सवा आठ करोड़ रुपए के उनके बिल बकाया है. 15 वें वित्त आयोग द्वारा इस वर्ष अब तक 9 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं.
शहर के पथदिये व मनपा की इमारत को विद्युत आपूर्ति करने वाले महावितरण के सवा करोड़ रुपए अगस्त महीने का बिल अभी तक नहीं दिया गया.जिसके चलते महावितरण ने बिजली आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी है. लेकिन आयुक्त द्वारा उन्हें समझाईश दिये जाने के कारण फिलहाल उनकी आवाज कम हुई है.
सर्वाधिक बकाया निर्माणकार्य विभाग के ठेकेदार व आपूर्तिदारों का है. निर्माणकार्य ठेकेदार के 30 करोड़ तो आपूर्तिदारों के 10 करोड़ रुपए बकाया है. इसलिए ही ईंधन आपूर्ति के लिए मनपा को बार-बार ईंधन आपूर्तिदार बदलना पड़ रहा है.
कर्मचारी व सेवानिवृत्तों के 6 वें वेतन आयोग के फर्क के बकाया ता मुद्दा भी लेखा विभाग के लिए सिरदर्द बना है. इसमें बकाया का आकड़ा 4 करोड़ 50 लाख रुपए का है.
करोड़ो रुपए देने है बावजूद मनपा की तिजोरी खाली है. शासन द्वारा जीएसटी के चलते आने वाले 13 करोड़ 30 लाख रुपए से कर्मचारी व सेवानिवृत्तों का वेतन अदा किया जाता है. ठेका कर्मचारियों का वेतन मालमत्ता कर वसूली से आने वाले महसूल पर अवलंबित है. इन कर्मचारियों का हर माह 2 करोड़ रुपए का बिल निजी ठेकेदारों द्वारा दिया जाता है.

ठेकेदार व आपूर्तिदारों के बिल देने का प्रयास शुरु है. मपा की आय मर्यादित होने के कारण बिल अदा करने में परेशानी हो रही है. शासन द्वारा निधि मिलने पर नियोजन किया जा सकेगा. निधि मिलने का इंतजार है.
– डॉ. प्रवीण आष्टीकर, आयुक्त,महानगरपालिका, अमरावती.

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