शेगांव में जमीन खरीद-फरोख्त में करोडों का घोटाला
जिलाधिकारी को अदालत का आदेश, जानकारी प्रस्तुत करें

शेगांव /दि.26– महाराष्ट्र स्वर्ण जयंती नगरोत्थान महाअभियान अंतर्गत शेगांव नगर परिषद द्वारा मलनिस्सारण प्रकल्प हेतु की गई जमीन खरीद में करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है. इस संदर्भ में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पदाधिकारियों द्वारा अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसमें नगर परिषद की मुख्याधिकारी डॉ. जयश्री बोराडे व उनके सहयोगियों की भूमिका की जांच तथा निलंबन की मांग की गई थी.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 24 अप्रैल को जिलाधिकारी को इस भूमि क्रय व्यवहार की विस्तृत जानकारी/रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. मनसे जिलाध्यक्ष अमितबाप्पू देशमुख ने शेगांव में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नगर परिषद द्वारा मलनिस्सारण प्रकल्प के लिए खरीदी गई जमीन का व्यवहार संदिग्ध है. उन्होंने बताया कि शेगांव तहसील के आलसणा ग्राम स्थित गट नंबर 94 की कुल 5 हेक्टेयर 24 आर में से 1 हेक्टेयर 82 आर जमीन सुरेखा वासुदेव लांजुडकर ने 22 दिसंबर 2020 को अविनाश माधवराव पाटिल से क्रय की थी. यह जमीन उस समय से लेकर अब तक कृषि कार्य में उपयोग की जा रही है, और इस पर संबंधित वर्षों में कपास, मूंग, गन्ना, सोयाबीन, तुअर जैसी फसलें ली गई हैं. साथ ही, इस जमीन पर राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता भी प्राप्त की गई है.
* घोटाले का स्वरूप
– मनसे का आरोप है कि उक्त भूमि का मात्र 60 आर हिस्सा नगर परिषद द्वारा 3 करोड़ 13 लाख 50 हजार रुपए में खरीदा गया है, जो अत्यधिक मूल्य पर है.
– इस प्रकार करोड़ों रुपए की सरकारी निधि का दुरुपयोग कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है.
– इस प्रकरण में दोषियों के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज करने, वसूली की कार्रवाई करने तथा प्रशासनिक कार्रवाई हेतु याचिका दायर की गई थी.
– उसी के आधार पर अदालत ने जिलाधिकारी को संपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.