मनपा के मार्केट में करोडों का घपला!
बाजार परवाना विभाग का कामकाज सवालों में
* किराया और टैक्स के करोडों बकाया
अमरावती /दि.20– महापालिका प्रशासन के नियंत्रण में 31 मार्केट है. पिछले कुछ वर्षों से इन मार्केट के दुकानदारों, गालाधारक की ओर किराया और टैक्स की रकम बकाया होने का मसला प्रलंबित है. बाजार परवाना विभाग के पास भरपूर मानव संसाधन रहने पर भी कोई कार्रवाई वसूली के लिए नहीं की जा रही है. जिससे विभाग और विभाग प्रमुख सवालों के घेरे में आ गये हैं. उल्लेखनीय है कि, दो रोज पहले विभाग के कामकाज को लेकर आयुक्त सचिन कलंत्रे नाराजी व्यक्त कर चुके है.
* 4 मार्केट बीओटी
महानगर में 31 मार्केट हैं. जिसमें से 4 मार्केट मनपा ने बीओटी आधार पर बनवाये हैं. वहीं 27 मार्केट उसके अपने नियंत्रण में है. मार्केट से हर वर्ष करोडों की आमदनी मनपा की तिजोरी में जमा होनी चाहिए. फिर भी वह क्यों नहीं हो पा रही, यह संशोधन का विषय बना है. मार्केट पर टैक्स और किराये की राशि वर्ष दर वर्ष बकाया रहने पर भी न कार्रवाई, न जब्ती अथवा कोई अन्य प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही. जिससे सवाल उठ रहा है कि, बाजार परवाना विभाग केवल वसूली के लिए तो नहीं है?
* परस्पर ट्रान्सफर, कहां है शुल्क?
महापालिका व्यापारी संकुल के कई गाले और दुकानों की परस्पर विक्री और ट्रान्सफर हो चुकी है. एक ही व्यक्ति ने 3-4 लोगों को दुकानें बेच दी. डेढ करोड के व्यवहार हुए. किंतु बाजार परवाना विभाग के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है. ऐसी जानकारी दी जा रही है.
* कौन हडप गया ट्रान्सफर शुल्क?
ट्रान्सफर शुल्क कौन हडप गया, इसका आयुक्त ने शोध लिया, तो बडी मछलिया जाल में फंस सकती है, इस प्रकार का दावा मनपा के सूत्र कर रहे है. करोडों रुपए की किराया और टैक्स की रकम बकाये रहने पर भी बाजार परवाना विभाग ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा, इस बारे में प्रश्न उपस्थित किये जा रहे हैं.
* क्या कहते हैं आयुक्त?
आयुक्त सचिन कलंत्रे से बात करने पर उन्होंने बताया कि, काफी रकम बकाया है. किंतु कुछ मार्केट की लीज खत्म हो गई है. राज्य सरकार के किराया संबंधी नये धोरण आये है. उसके अनुसार राशि तय कर नये सिरे से किराया तय होगा. लीज को नये करने का भी प्रश्न है. मूल्यांकन पर जोर दिया जाएगा.