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शालेय सहल के कारण होगा करोडों का व्यवहार

शाला-महाविद्यालय में स्नेह सम्मेलन के साथ हो रहे सहल के आयोजन

अमरावती/दि.15- कोरोनाकाल से शालेय स्नेह सम्मेलन और सहल के आयोजन पर ब्रेक लग गया था, लेकिन अब पाबंदियां हटने के बाद शालेय सहल का आयोजन किया जा रहा हैं. इस कारण पर्यटन स्थल सहित वॉटरपार्क में चहलपहल बढ गई हैं. इस सहल के लिए वॉटरपार्क अधिक पसंद किए जाने से वह हाउसफुल रह रहा हैं. सहल के दो माह के कार्यकाल में करोडों रुपए का व्यवहार होने की संभावना हैं. शिक्षा विभाग व्दारा सहल पर जाते समय सावधानी और नियमों का पालन करने का आवाहन शालाओं से किया गया हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते 2 वर्ष तक शाला-महाविद्यालय की सहल व स्नेह सम्मेलन के कार्यक्रम बंद हो गए थे. लेकिन संक्रमण कम होने और पाबंदियां हटने के बाद स्थिति पूरी तरह सामान्य होने पर शालेय सहल के आयोजन शुरु हो गए हैं. जिले की सभी बडी शालाओं व्दारा विद्यार्थियों के सहल के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस कारण पर्यटन स्थल के विक्रेता, होटल संचालक, वॉटरपार्क संचालक के चेहरे खिल उठे हैं. हर दिन वॉटर पार्क व पर्यटक स्थल पर सैकडों शालेय विद्यार्थी भेंट दे रहे हैं. अमरावती जिलें में चिखलदरा, मुक्तागिरी, मालखेड तालाब, बांबू गार्डन, वडाली तालाब, छतरी तालाब जैसे स्थल हैं. इसके अलावा नागपुर रोड के वॉटरपार्क को भी ज्यादा पसंद किया जाता हैं. इन सभी स्थानों पर शालेय सहल का आयोजन किया जा रहा हैं. साथ ही निजी कोचिंग क्लासेस संचालकों व्दारा भी विद्यार्थियों के लिए सहल आयोजित की जा रही हैं. जिसमें विद्यार्थी उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं. शालेय सहल बढने से पर्यटक स्थलों पर नागरिकों को रोजगार मिलने लगा हैं.

* सहमति पत्र अनिवार्य
सहल के पूर्व विद्यार्थियों के पालकों से सहमति पत्र लेना अनिवार्य किया गया हैं. सहल स्थल की भौगोलिक परिस्थिति और वातावरण के मुताबिक सावधानी बरतने बाबत मार्गदर्शन शालाओं व्दारा विद्यार्थियों को करना चाहिए. सहल के लिए केवल एसटी बस से ही जाना आवश्यक हैं. विद्यार्थियों को अकेला न छोडने, प्राथमिक शाला के विद्यार्थी शाम ढलने तक घर लौटने, सहल में छात्राओं का समावेश रहने पर महिला शिक्षिका और एक महिला पालक प्रतिनिधि को ले जाना अनिवार्य करने और छात्र-छात्राओं के साथ कोई दुर्व्यवहार न होने बाबत सावधानी बरतने की सूचना दी गई हैं.

 

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