* उम्मीदवारों को लग सकता है झटका
अमरावती/दि.6- कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनाव में इस बार सहकार क्षेत्र के नेताओं की चिंता बढी है. इस दफा पहली बार 15 संचालक पद के लिए किसान भी उम्मीदवार रहने वाले है. इस कारण उम्मीदवारों की संख्या में बढोतरी हुई है और भारी मात्रा में क्रोस वोटिंग होने की संभावना है. इस कारण पैनल के कुछ उम्मीदवारों ने अभी से चिंता बढ गई है.
शासन व्दारा 10 आर क्षेत्र खेती करने वाले किसानों को उम्मीदवारी का अधिकार दिया गया और इसके लिए सहकार अधिनियम में सुधार भी किया गया है. इस कारण इस बार 12 कृषि उजप मंडी में 1219 नामांकन दाखिल हुए है. तकनीकी दृष्टि से कुछ नामांकन खारिज हुए है और कुछ लोग अब चुनाव मैदान से पीछे भी हट जाएंगे. लेकिन 216 संचालक पदोें के लिए 1 हजार से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहने की संभावना है. इस कारण मत विभाजन निश्चित रुप से होगा. इसी कारण सहकार क्षेत्र के नेता चिंताग्रस्त है. मत विभाजन टालने के लिए अब मजबूत उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. सोसायटी संचालक अथवा ग्राम पंचायत सदस्य न रहने वाले किसान उम्मीदवार मतदाता सूची के कितने वोट हासिल करेंगे, इससे ज्यादा चिंता व कितने वोट विभाजित करेंगे इसको लेकर सहकार नेता चिंता में है. विशेष यानी शासन व्दारा नियमों में सुधार किए जाने से ही इन उम्मीदवारों का अब बाजार समितियों में प्रवेश होने वाला है.
* अनेक दिग्गज इस बार किसान उम्मीदवार
उपज मंडी की मतदाता सूची में आने के लिए और उम्मीदवार रहने के लिए ग्राम पंचायत सदस्य, सोसायटी सदस्य अथवा अडतीया, व्यापारी, हमाल तथा मापारी रहना अनिवार्य है. लेकिन इस बार 10 आर खेत जमीन रहे किसानों को उम्मीदवारी का अधिकार रहने से अनेक दिग्गज इस निर्वाचन क्षेत्र में अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
* मंडी में किसानों को ही नहीं था स्थान
कृषि उत्पन्न बाजार समिति में कृषि माल की खरीदी-बिक्री होती रहने से किसानों का इससे सीधा संबंध है. लेकिन अब तक किसानों को यह चुनाव लडते नहीं आते थे. इसके अलावा अनेक संचालक किसान न रहते हुए भी वे मंडी के संचालक रहे है. इसी कारण शासन व्दारा किसान उम्मीदवार का निर्णय लिया गया.