अमरावतीमहाराष्ट्र

धारणी में आयोजित दारुल उलूम मदरसा के जलसे में उमडा जनसैलाब

मौलाना सज्जाद नोमानी की विशेष उपस्थिति, मौलाना सैयद सलीम नदवी साहब की मेहनत रंग लाई

धारणी /दि. 16– धारणी स्थित मदरसा दारुल उलूम धारणी पिछले 50 वर्षों से अपनी सेवा निरंतर दे रहा हैं. इस मदरसे को 50 साल पूरे होने पर भव्य जलसे का आयोजन किया गया. जिसके लिए हजरत मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी भारतीय मुस्लिम विद्वान अतिथि के रूप में बुलाए गए. जिनका आगमन बुधवार, दोपहर 12 के करीब धारणी के मदरसे में हुआ. उस समय मदरसे के छात्र तथा शिक्षकों व उलेमाओं व धारणी के नागरिकों ने उनका फुलों से स्वागत किया. बता दें कि, मेलघाट जैसे अतिदुर्गम इलाके में पिछले 50 वर्षों से मदरसा दारूल उलूम धारणी अपनी सेवा दे रहा हैं. इस मदरसे में दीनी तालीम के साथ उर्दू, अरबी, हिंदी, मराठी, इंग्लिश, गणित व इतिहास भी पढाया जाता हैं. इस मदरसे में देश के कई राज्यों के छात्र पढाई कर रहे हैं. साथ ही इस मदरसे से डिग्री हासिल करने वाले छात्र देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी सेवा दे रहे हैं. 13 और 14 को भव्य जलसा ए आम रखा गया हैं.

यह कार्यक्रम शाम 6 बजे शुरू किया जाएगा. इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता व विशेष अतिथि के रूप में मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी की विशेष उपस्थिति रही. जिनके आगमन पर फुलों की वर्षा की गई. बता दें कि, मौलाना नोमानी भारतीय इस्लामिक विद्वान तथा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता भी हैं. उन्होंने अपने जीवन में कई इस्लामिक किताबें भी लिखी हैं. धारणी के मदरसे के संचालक मौलाना सलीम नदवी ने उनके आगमन पर उनका पुष्पगुच्छ देकर स्वागत भी किया. इस समय मदरसे के कई उलेमा ए इकराम, शिक्षक तथा धारणी के कई प्रमुख अतिथि व गणमान्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे. जलसे में विशेषकर मौलाना सज्जाद नोमानी साहब का बयान और दीदार करने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से उलामा तथा नागरिक शरीक हुए और बयान सुनने के लिए जन सैलाब जैसे महिला और पुरुष नजर आए.

मगरीब की नमाज के बाद मौलाना सज्जाद नोमानी साहब ने अपने बयान में सभी को मार्गदर्शन दिया. उन्होंने कहा कि, इस्लाम धर्म में झूठ, फरेब, धोखाधडी कतई बर्दाश्त नहीं तथा मौलाना सज्जाद नोमानी साहब और मौजूद हजारों की तादाद में महिला-पुरुष तथा युवाओं ने देश में भाईचारे और अमन को लेकर दुआ की.

* कैम्पस में जगह-जगह सुविधा पंडाल
मदरसे के 50 वें जलसे में खासकर कैम्पस में डॉक्टर और दवाई की सुविधा हेतु पंडाल बनाए गए थे. जिसमें सभी आने वाले मेहमानों को मुफ्त में दवाई, चाय व नाश्ते की व्यवस्था की गई थी. जलसे में 2 दिन तक सभी शरीक हुए नागरिकों को दो समय खाने की उत्तम व्यवस्था की गई थी.

* धारणी वासियों का अहम योगदान
बता दें की मदरसे के 50 वें जलसे में 13 और 14 दो दिन हजारों की तादाद में दूर-दूर से नागरिक आए. जिनके खाना, पानी, चाय आदि सामग्री की जरुरत के लिए शहर के अनेकों ने मदद की. जैसे किसी ने मदद के तौर अनेकों सामग्री दी तो किसी ने खुद होकर सामग्री लाकर दी और खासकर कई नौजवानों ने अपनी दुकाने बंद कर जलसे में मेहनत की. कई जिम्मेदारों ने जिम्मेदारी संभाली. उन सभी का मदरसे के मौलाना सैयद सलीम नदवी ने खासकर आभार माना.

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