महायुति व मविआ में इच्छुकों की तौबा भीड
दोनों ओर से 6 दलों के उम्मीदवार तैयार
* कौन सी सीट किसे छुटेगी, यह अभी तय नहीं
* सभी दलों द्वारा विनिंग मेरीट को दिया जा रहा प्राधान्य
अमरावती /दि.20- आगामी नवंबर माह के दौरान राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजेगा. जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों द्वारा अभी से अपनी-अपनी मोर्चाबंदी की जा रही है. साथ ही विनिंग मेरीट के आधार पर उम्मीदवारों की खोज की जा रही है. यद्यपि अभी राज्य की सत्ताधारी महायुति सहित विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समीकरण तय नहीं हुआ है. परंतु महायुति ने अपने मौजूदा विधायकों को धक्का लगाये बिना शेष सीटों पर चर्चा के अंत में ‘तडजोड’ करने का संकेत दिया है. वहीं महाविकास आघाडी में शामिल घटक दलों ने भी चुनाव लडने वालों की अच्छी खासी भीड है. लेकिन महाविकास आघाडी ने भी अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि, अमरावती जिले के 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से कौनसी सीट किस घटक दल के हिस्से में आएगी.
बता दें कि, महायुति में शामिल भाजपा, शिंदे गुट वाली शिवसेना तथा अजीत पवार गुट वाली राकांपा इन तीनों प्रमुख घटक दलों के पास उम्मीदवारी हेतु लंबी चौडी सुची है. लगभग यहीं स्थिति महाविकास आघाडी में भी है. जहां पर कांग्रेस, शिवसेना उबाठा एवं शरद पवार गुट वाली राकांपा की ओर से कई दावेदार चुनाव लडने के इच्छुक है. विशेष यह है कि, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाविकास आघाडी में शामिल घटक दलों के नेताओं द्वारा पदाधिकारियों का मनोबल काफी अधिक बढा हुआ है. जिसके चलते मविआ में टिकट को लेकर अच्छी खासी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. वहीं दूसरी ओर महायुति द्वारा अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि, महायुति मेें शामिल घटक दलों के मौजूदा विधायकों की सीट को धक्का नहीं लगाया जाएगा. बल्कि अन्य सीटों को लेकर बंटवारे पर चर्चा की जाएगी. ऐसे में महायुति के विधायक रहने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में कई दावेदारों के नाम अपने आप ही कट गये है. वहीं जहां पर महायुति के विधायक नहीं है, वहां टिकट के लिए अच्छी खासी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा चल रही है.
बता दें कि, अमरावती जिले के सभी 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति व महाविकास आघाडी के पास चुनाव जीत सकने की क्षमता रहने वाले कई उम्मीदवार है, जो अपनी-अपनी पार्टियां के समक्ष टिकट मिलने हेतु दावेदारी भी कर रहे है. ऐसे में पार्टी द्वारा किस निर्वाचन क्षेत्र से अपने किस नेता या पदाधिकारी को उम्मीदवार बनाया जाता है. इस ओर सभी की निगाहे लगी हुई है.
* सभी दलों के सामने पेंच महायुति व महाविका आघाडी के घटक दलों सहित वंचित बहुजन आघाडी, मनसे व रिपाई जैसे अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के पास चुनाव लडने के इच्छुक दावेदारों की लंबी-चौडी सूची है. इसमें भी अमरावती, दर्यापुर, बडनेरा तिवसा व मेलघाट इन 5 निर्वाचन क्षेत्रों में दावेदारों की तौबा भीड है. जिसमें से किसी एक को टिकट देने व प्रत्याशी बनाने को लेकर नेताओं के सामने काफी बडा पेंच बना हुआ है.
* अंतिम क्षणों में उम्मीदवारी होगी घोषित
महायुति व महाविकास आघाडी के तहत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में टिकट के लिए जमकर रस्साकशीं होने के संकेत है. ऐसे समय मौजूदा विधायकों को ही टिकट दिये जाने पर पार्टी अंतर्गत इच्छुक रहने वाले दावेदारों की बगावत को शांत करना भी सभी नेताओं के लिए काफी चुनौतिपूर्ण रहेगा.
* जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा
निर्वाचन क्षेत्र मौजूदा विधायक किसका दावा मजबूत
अमरावती सुलभा खोडके (कांग्रेस) मविआ से कांग्रेस तथा महायुति से भाजपा या अजीत पवार गुट वाली राकांपा.
बडनेरा रवि राणा (युवा स्वाभिमान) मविआ से शिवसेना उबाठा या शरद पवार गुट वाली राकांपा तथा महायुति से भाजपा.
तिवसा एड. यशोमति ठाकुर (कांग्रेस) मविआ से कांग्रेस तथा महायुति से भाजपा या शिंदे गुट वाली शिवसेना.
अचलपुर बच्चू कडू (प्रहार) मविआ से कांग्रेस तथा महायुति से भाजपा.
मेलघाट राजकुमार पटेल (प्रहार) मविआ से कांग्रेस तथा महायुति से भाजपा. साथ ही प्रहार सहित बसपा व वंचित बहुजन आघाडी का भी दावा.
मोर्शी-वरुड देवेंद्र भुयार (निर्दलीय) महायुति से भाजपा या अजीत पवार गुट वाली राकांपा तथा मविआ से कांग्रेस या शरद पवार गुट वाली राकांपा.
धामणगांव रेल्वे प्रताप अडसड (भाजपा) महायुति से भाजपा तथा मविआ से कांग्रेस या शिवसेना उबाठा. वंचित बहुजन आघाडी भी रेस में.
दर्यापुर बलवंत वानखडे (अब कांग्रेस से सांसद निर्वाचित) महायुती से शिंदे गुट वाली शिवसेना, अभिजीत अडसूल दावेदार. वहीं मविआ में दावेदारों की तौबा भीड.
* क्या कहते है प्रमुख दलों के स्थानीय प्रमुख?
* भाजपा का पूरे जिले भर में नेटवर्क है और हमारी ओर से सभी आठों निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव लडने की तैयारी है. जिसके लिए वरिष्ठों के पास रोड मैप भेज दिया गया है. भाजपा ने विनिंग मेरीट वाले उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है और हमारे पास अमरावती, बडनेरा, धामणगांव, अचलपुर, मेलघाट तथा मोर्शी व वरुड में विनिंग मेरीट वाले प्रत्याशी तैयार है.
– प्रवीण पोटे,
शहराध्यक्ष, भाजपा.
* कांग्रेस का जिले की 6 सीटों पर अधिकार कायम है. साथ ही बडनेरा और वरुड क्षेत्र से भी हमारी पूरी तैयारी है. इस संदर्भ में वरिष्ठों द्वारा जो कोई निर्णय लिया जाएगा, वह हमें मान्य रहेगा. साथ ही अमरावती, तिवसा, दर्यापुर, अचलपुर, मेलघाट व धामणगांव इन 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी ही खडे किये जाएंगे.
– बबलू देशमुख,
जिलाध्यक्ष, कांग्रेस.
महायुति के तहत अमरावती व वरुड इन दो निर्वाचन क्षेत्रों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की दावेदारी है. इसके अलावा अचलपुर व तिवसा निर्वाचन क्षेत्र भी राकांपा के हिस्से में रखे जाने हेतु वरिष्ठों के पास प्रस्ताव दिया गया है और वरिष्ठों के निर्देशानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
– संतोष महात्मे,
जिलाध्यक्ष राकांपा (अजीत पवार गुट).
लोकसभा चुनाव के बाद जिले का राजनीतिक चित्र पूरी तरह से बदल गया है और मतदाताओं का रुझान मविआ की ओर है. इसमें भी ठाकरे गुट वाली शिवसेना को अच्छा खासा पसंद किया जा रहा है. शिवसेना उबाठा द्वारा मविआ के तहत बडनेरा, धामणगांव रेल्वे, दर्यापुर व मेलघाट इन 4 निर्वाचन क्षेत्रों की मांग की गई है.
सुनील खराटे,
जिला प्रमुख,
शिवसेना उबाठा.