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कोविड पश्चात पहली बार शिवालयों में श्रध्दालुओं की भीड

श्रावण सोमवार पर शिवभक्तों का लगा तांता

* हर ओर रही ‘हर-हर महादेव’ व ‘बम भोले’ की गूंज
अमरावती/दि.1– विगत दो वर्षों से कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रतिबंधात्मक निर्देश लागू रहने के चलते लंबे समय तक सभी धार्मिक स्थलों पर ताले लटके रहे. जिसके चलते सभी देवालय व शिवालय वीरान-सुनसान पडे थे. ऐसे में भावभक्ति व श्रध्दा का महिना माना जाता पवित्र सावन माह विगत दो वर्षों से बिना किसी धार्मिक अनुष्ठान के ही बीत गया, लेकिन अब चूंकि कोविड की संक्रामक महामारी का खतरा टल गया है और सभी प्रतिबंधात्मक नियमों को भी शिथिल कर दिया गया है. ऐसे में सभी धार्मिक स्थलों में पहले की तरह भाविक श्रध्दालुओं की आवाजाही शुरू हो गई है. साथ ही इस समय पवित्र श्रावण माह जारी रहने के चलते सभी देवालयों व शिवालयों में श्रध्दालुओं की अच्छी-खासी भीड उमड रही है.
उल्लेखनीय हैं कि, आज हिंदी भाषियों का तीसरा और वही मराठी भाषियों का पहला श्रावण सोमवार रहा. ऐसे में आज सभी शिव मंदिरों में हिंदी एवं मराठी भाषिक श्रध्दालुओं का संगम दिखाई दिया. आज सुबह से ही अमरावती शहर स्थित गडगडेश्वर, भुतेश्वर व सोमेश्वर संस्थान सहित अंबादेवी मंदिर स्थित शिव मंदिर एवं शहर के पास स्थित कोंडेश्वर व तपोवनेश्वर मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों की धूम चलती रही. जहां पर पूरा दिन भाविक श्रध्दालुओं की मौजूदगी रही तथा पूरा समय ‘हर-हर महादेव’ व ‘बम भोले’ का उद्घोष गूंजता रहा.
उल्लेखनीय है कि, मार्च 2020 में कोविड संक्रमण की पहली लहर आते ही पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था, जो अगले करीब तीन-चार माह तक चलता रहा. पश्चात कई प्रतिबंधात्मक निर्देशों के साथ अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई थी. परंतू भीडभाड को टालने के उद्देश्य से मंदिरों सहित सभी धार्मिक स्थलों को बंद ही रखा गया. यह स्थिति 2021 में भी कायम रही. क्योंकि वर्ष 2021 में फरवरी से मई माह तक संक्रमण की दूसरी लहर का कहर चलता रहा, जो पहली लहर की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक थी. ऐसे में वर्ष 2020 तथा 2021 का श्रावण महिना कब आया और कब चला गया, इसका पता ही नहीं चला. किंतु अब चूंकि कोविड संक्रमण का खतरा लगभग पूरी तरह से टल चुका है और प्रतिबंधात्मक नियम भी पूरी तरह से शिथिल हो चुके है. ऐसे में अब सभी धार्मिक स्थलों को पहले की तरह खोल दिया गया है. जहां पर भाविक श्रध्दालुओं के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है. जिसके चलते श्रावण सोमवार पर सभी शिवालयों व देवालयों में पहलें की तरह ही एक से बढकर एक धार्मिक अनुष्ठान हो रहे है. जहां पर भाविक श्रध्दालुओं की भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने हेतु अच्छी-खासी भीडभाड भी उमड रही है.

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