अस्पताल के भीतर मरीजों की व बाहर रिश्तेदारों की भीड
जिला सामान्य अस्पताल की स्थिति अत्यल्प कर्मचारियों के जरिये
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जैसे-तैसे चल रहा काम
अमरावती/दि.8 – स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल में शहर व जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले सर्वसामान्य वर्ग के लोगबाग अपना इलाज कराने हेतु आते है. किंतु जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन की अनदेखी, सरकारी सेवा में रहनेवाले स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाह वृत्ति तथा समस्याओं को हल करने की इच्छा के अभाव जैसी वजहों के चलते यहां पर भरती होनेवाले मरीजों व उनके परिजनों के हाल-बेहाल होते है. सरकारी अस्पताल में पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी है अथवा नहीं और यहां पर आदर्श नियमावली का पालन होता है अथवा नहीं, इस पर नजर रखने हेतु एक व्यवस्था खडी किये जाने की सख्त जरूरत है.
जिला सामान्य अस्पताल का प्रत्यक्ष मुआयना करने पर पता चलता है कि, यहां पर चहुंओर साफ-सफाई की व्यवस्था का नितांत अभाव है और कई सुविधाएं भी नदारद है. ऐसी स्थिति में मरीजोें का सही ढंग से इलाज करना भी मुश्किल है. जिसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर सर्वसामान्य लोगों को सरकारी अस्पतालों में सस्ती दरों पर इलाज उपलब्ध कराने का मूल उद्देश्य ही लुप्त होता जा रहा है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले भी अनेकों बार जिला सामान्य अस्पताल में व्याप्त असुविधाओं एवं यहां की समस्याओं को लेकर अनेकों बार खबरें सामने आ चुकी है. किंतु बावजूद इसके स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा. संभवत: जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन व यहां के सरकारी स्वास्थ्य कर्मी पुराने ढर्रे पर ही चलने के आदी हो चुके है तथा मरीजों व उनके परिजनों की सुविधाओं को देखते हुए खुद में कोई सुधार नहीं करना चाहते.
मरीज के साथ रात में नहीं रूक सकता कोई परिजन
इर्विन अस्पताल में मरीज के साथ रात में एक भी रिश्तेदार नहीं रूक सकता, ऐसी व्यवस्था भी नहीं है. साथ ही यदि किसी परिजन का रूकना जरूरी है, तो उन्हें व्हरांडे में रूकवाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे मरीजों के परिजनों को अस्पताल परिसर में कोई कोना-कोपरा देखकर अपने रूकने की व्यवस्था करनी होती है.
पीने के पानी हेतु जाना पडता है दूर
यूं तो जिला सामान्य अस्पताल में कई स्थानों पर वॉटर फिल्टर लगाये गये है. किंतु इसमें से अधिकांश नादुरूस्त पडे हुए है. ऐसे में मरीजों के परिजनों व रिश्तेदारों को पीने का पानी लाने हेतु काफी दूर तक जाना पडता है.
एक बेड पर दो-दो मरीज भरती
जिला सामान्य अस्प्ताल में कई बार ऐसी स्थिति भी बन जाती है, जब उपलब्ध बेड की तुलना में यहां भरती होनेवाले मरीजों की संख्या काफी अधिक रहती है. ऐसे में कई बार एक बेड पर दो-दो मरीजों को इलाज हेतु भरती करना पडता है. साथ ही मरीजों की संख्या और भी अधिक रहने पर कई बार मरीजों को जमीन लेटाकर ही उन्हें सलाईन लगानी पडती है. ऐसे में वॉर्ड के भीतर मरीजों के रिश्तेदारों को रूकने के लिए जगह ही नहीं होती.
सभी मरीजों का रखा जाता है पूरा ध्यान
इर्विन अस्पताल में सभी मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाता है. साथ ही मरीजों के परिजनों हेतु वॉर्ड क्रमांक 7 के सामने रूकने व रहने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मरीजों के चाय-नाश्ते व भोजन की व्यवस्था भी अस्पताल द्वारा की जाती है. साथ ही अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की ओर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. हालांकि इस समय अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या कुछ कम है, लेकिन इसके बावजूद हम अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करने का प्रयास कर रहे है.
– डॉ. प्रदीप नरवने,
प्रभारी सीएस