संतान सप्तमी पर बालाजी मंदिर में उमडी महिलाओं की भीड
पं. धनंजय पांडे के सानिध्य में की पूजन अर्चना
अमरावती/दि.12- स्थानीय इतवारा बाजार में स्थित बालाजी- शिव मंदिर में संतान सप्तमी के अवसर पर महिलाओं ने श्रध्दाभाव के साथ हिस्सा लिया और पंडित धनंजय पांडे के सानिध्य में पूजा अर्चना की. इस अवसर पर पं. धनंजय पांडे ने संतान सप्तमी व्रत कथा का महत्व उपस्थित महिलाओं को समझाया और विधि विधान के साथ पूजा करवाई. पं. धनंजय पांडे ने व्रती महिलाओं को बताया कि संतान सप्तमी व्रत कथा क्यों और कैसे की जाती है और इसका जीवन में महत्व किया है. भाद्र (भादो) शुक्ल सप्तमी के व्रत को संतान सप्तमी व्रत कहा जाता है. आज के दिन यह संतान सुख प्राप्त तथा उनकी लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है.
नियम के साथ व्रत तथा पूजन करने से संतान को सर्वसुख, समृध्दि, स्वास्थ्य, यश, धन-धान्य तथा वैभव की प्राप्ति होती है. इस समय मंदिर परिसर में पूजा साहू, किरण साहू, मिनल साहू, उमा साहू, लता साहू, आरती साहू, दीपाली गुप्ता, उषा गुप्ता, पूजा साहू, शिखा साहू, रजनी गौर, रितु गुप्ता, निकिता गुप्ता, नीता गुप्ता, शीतल गुप्ता, आभा गुप्ता, कविता गुप्ता, सुनीता गुप्ता, पुष्पा साहू, प्रिया साहू, पूजा कौष्टिक, मीना कौष्टिक, केसर कौष्टिक , भूरीबाई कौष्टिक, रक्षा कौष्टिक, गीता कौष्टिक, सोनाली गुप्ता, राधा गुप्ता, मोहिनी गुप्ता, संगीता गुप्ता, वीना साहू, संगीता गुप्ता, संतोषी गौर, रजनी गौर, सुनीता गौर, ममता गौर, नेहा साहू, पूजा साहू, संजना साहू, हेमलता साहू, शकुंतला साहू, रेखा जिनगरे, पूजा गुप्ता, प्रेमा गुप्ता, प्रियंका गुप्ता.
पार्वती गुप्ता, दिप्ती भरतिया, हेमलता चढार, ज्योति गुप्ता, दुर्गा साहू, कोमल गुप्ता, रूचिका गुप्ता, मंजू साहू, आरती साहू, चंचल गुप्ता, शिवानी गुप्ता, हेमलता गुप्ता, बबीता गुप्ता, सपना साहू, मीरा गुप्ता, राधिका गुप्ता, नविता गुप्ता, कंचन साहू, सरोज साहू, लता साहू, शारदा साहू, आरती सम्राटवाले, नीतू सम्राट वाले, केशर कोष्टी, राधा कोष्टी, पूजा कोष्टी, ममता कोष्टी, रामकली कोष्टी, हेमा वर्मा, गीता कोष्टी, नीति केशरवानी, मालती साहू, पिंकी चढाव, पूनम चढाव, भारती गुप्ता सहित भाविक महिलाओं ने सहभाग लिया.
* संतान सप्तमी व्रत संतान सुख देनेवाला उत्तम व्रत है
संतान सप्तमी पर किया जानेवाला व्रत विशेष रूप से स्त्रियों के लिए कल्याणकारी है ही. किंतु पुरूषों के लिए भी समान रूप से कल्याणदायक है. संतान सुख देनेवाला, पापो का नाश करनेवाला यह उत्तम व्रत है. जिसे स्वयं भी करें तथा दूसरो से भी करवाए. नियमपूर्वक जो इस व्रत को करता है और भगवान शंकर एवं माता पार्वती की सच्ची मन से आराधना करता है. वह निश्चित ही अमर यश प्राप्त कर अंत में शिवलोक को प्राप्त होता है.
– पं. धनंजय पांडे,
बालाजी मंदिर, इतवारा बाजार