अमरावतीमुख्य समाचार

कंपनी के फिडबैक कॉल से ग्राहक परेशान

टाटास्काय का वाकया

* पहले नागपुर, फिर पुणे, फिर मुंबई से कॉल
अमरावती/दि.5- चीनी किसी वस्तु की मिठास बढ़ा देती है. कई बार कम चीनी की चाय, कॉफी अथवा शरबत बड़े पसंद आते हैं. मगर चीनी की अधिकता मिठास की बजाय कड़वापन ला देती है. मुंह को स्वाद देने की बजाय कसैला कर देती है. कुछ ऐसी ही दशा शहर के बहुराष्ट्रीय कंपनियों के फिडबैक से उपभोक्ताओं की हो रही है. फिडबैक के एक-दो नहीं, अपितु अनेक फोन अनेक बार घनघनाने से ग्राहक झल्ला उठे तो क्या अचरज?
* रिमोट बदला और फोनाफानी शुरु
माना कि कड़ी प्रतिस्पर्धा का दौर है. प्रत्येक कंपनी बेहतर सेवा देने के लिये तत्पर है. मगर कई बार यह सेवा और उसका फिडबैक आततायी हो जाता है. ऐसा ही अनुभव अमरावती मंडल के पाठक को आया. सातखिराड़ी निवासी पाठक के घर टाटास्काय का केबल कनेक्शन है. जिसके रिमोट में गड़बड़ी की शिकायत गत 23-24 अक्तूबर को की गई थी. कंपनी ने अगले ही रोज रिमोेट बदल दिया. शिकायत का निवारण हो गया. मगर अगली फिडबैक की फोनाफानी ने नई शिकायत को जन्म दे दिया.
* सेवा को लेकर बारंबार पूछताछ
कंपनी की तरफ से स्थानीय वितरक ने रिमोट बदल दिया. उपरान्त दो रोज बाद कंपनी के नागपुर दफ्तर से फिडबैक के लिये फोन आया. उपभोक्ता ने समुचित उत्तर दिया. फिर दो रोज पश्चात पुणे से कॉल आयी. ग्राहक अपने कार्यालयीन कामकाज में व्यस्त थे. फिर भी कॉल रिसिव की. उधर से टाटा कंपनी के फिडबैक के प्रश्न पूछे गए. सेवा कैसी रही? आपको और कोई शिकायत है क्या? जैसे प्रश्नों से उकताये ग्राहक ने सब्र रख उत्तर दिये. मगर यह क्या? इस बार आज 5 नवंबर को मुंबई दफ्तर से उसी उपभोक्ता को कॉल आयी. फिर वहींं प्रश्नावली. इस बार झल्लाये ग्राहक ने फिडबैक लेने वाली मैडम से ही प्रश्न कर दिये तो वह सकपका गई. मुंबई कार्यालय से बोलने के साथ बताया कि मुख्यालय मुंबई में ही स्थित है. उपभोक्ता ने अब अगली कॉल नहीं आने का वादा लिया.
* सभी परेशान
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में फोन कंपनी हो अथवा टू विलर-वाहन डिलर के एक्जीकीटीव भी जब तब फोन करते हैं. उनके कॉल से अनेक उपभोक्ता परेशान बताये जाते हैं. अमरावती मंडल को और भी लोगों ने कंपनियों की ऐसी कॉल आने की शिकायतें की है. यहां याद दिला दे कि साइबर अपराधी भी लोगों को कॉल कर उनके बैंक खाते ऐसे ही साफ कर देते हैं.

Related Articles

Back to top button