नये कानून से ग्राहकों को जल्द मिलेगा न्याय
महाराष्ट्र ग्राहक पंचायत ने ग्राहक संरक्षण कानून के नये प्रावधानों का किया स्वागत
प्रतिनिधि/दि.२७ अमरावती – ग्राहक संरक्षण अधिनियम २०१९ को नये प्रावधानों के साथ समूचे देश में लागू किया जा रहा है. इस कानून के चलते ग्राहकों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और ग्राहक संरक्षण अभियान को मजबूती मिलेगी. इस आशय की प्रतिक्रिया ग्राहक पंचायत महाराष्ट्र के विदर्भ अध्यक्ष श्यामकांत पात्रीकर द्वारा दी गई है. उन्होंने कहा कि, इन दिनों ग्राहकों के साथ धोखाधडी व जालसाजी के प्रकार काफी अधिक बढ गये है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के चलते अब ऐसे मामलों में कमी आयेगी. लगातार बढती शिकायतों, ग्राहक न्यायालय को दिये गये अतिरिक्त अधिकार केवल दंड व नुकसान भरपाई की बजाय सदोष व फर्जी उत्पादन के लिए उत्पादक व विक्रेता को जेल भेजने, फर्जी व अतिरंजीत विज्ञापनों के लिए उत्पादकों के साथ ही ऐसे विज्ञापनों में काम करनेवाले सेलिब्रेटीज को भी जिम्मेदार मानने तथा दावे पर फैसला देने से पहले मामले का आपसी मध्यस्थता से निपटारा करने आदि प्रमुख बातों पर इस नये कानून में विशेष जोर दिया गया है. जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग के पास बिल्डर, बिमा कंपनी, रेल्वे, टूर्स एन्ड ट्रैवल्स कंपनी, मोबाईल कंपनी, बैंक तथा आपूर्तिकर्ता संस्थाओं द्वारा दी गई सदोष सेवा के खिलाफ न्याय मांगा जा सकता है. इससे पहले २० लाख से १ करोड रूपये तक की कीमत के मामलों में जालसाजी अथवा धोखाधडी होने पर ग्राहक को राज्य ग्राहक शिकायत निवारण आयोग के पास गूहार लगानी पडती थी. कींतु अब जिला ग्राहक आयोग में एक करोड रूपयों तक की शिकायतें दर्ज करायी जा सकेगी.
९० दिनोें में निर्णय देना अनिवार्य नये कानून के जरिये ग्राहक शब्द की व्याख्या को और अधिक व्यापक किया गया है. इस कानून के अनुसार ग्राहकों द्वारा नुकसान भरपाई के लिए बडी रकम मांगी जा सकेगी. हालांकि इसके लिए संबंधित पक्षकार व वकील को काफी पुख्ता सबूत भी पेश करने होंगे. इस कानून के चलते दो वर्ष के भीतर संबंधित ग्राहक जहां रहता है अथवा नौकरी या व्यवसाय करता है, वहां पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत पेश करने के बाद अगले २१ दिनोें के भीतर उससे स्वीकृत करने के संदर्भ में कार्रवाई करनी होगी. साथ ही ९० दिनोें के भीतर निर्णय देना अनिवार्य होगा.