काटेपूर्णा अभयारण्य में हजारों वृक्षों की कटाई
हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका
नागपुर/दि.20– अकोला जिलांतर्गत काटेपूर्णा के अभयारण्य में हजारों वृक्षों की अवैध कटाई किये जाने का गंभीर आरोप लगाने वाली एक जनहित याचिका मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर की गई है. जिसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि, इस क्षेत्र में मुरुम का बडे पैमाने पर अवैध उत्खनन भी किया जा रहा है. अकोला निवासी शेख मोहम्मद शेख मकबूल द्वारा 16 अक्तूबर 2023 को भेजे गये पत्र की दखल लेते हुए अदालत ने खुद ही जनहित याचिका दायर की है. जिस पर न्या. नितिन सांभरे व न्या. अभय मंत्री की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.
इस याचिका के मुताबिक मंगरुल पीर महामार्ग के विकास काम का ठेका स्वामी समर्थ अभियांत्रिकी कंपनी को दिया गया था. इस कंपनी ने काटेपूर्णा अभयारण्य संकुल परिसर में बडे पैमाने पर अवैध उत्खनन करने के साथ ही सागौन, नीम व पलाश प्रजाति के 1 हजार से अधिक वृक्षों की अवैध कटाई भी की है. न्यायालय मित्र ने इस मामले की उच्चस्तरीय समिति द्वारा जांच किये जाने का निवेदन किया है. जिस पर हाईकोर्ट ने वन एवं राजस्व विभाग के प्रधान सचिव तथा अन्य प्रतिवादियों को 14 फरवरी तक अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. इस मामलें में न्यायालयीन मित्र के तौर पर एड. नीलेश कालवाघे द्वारा पैरवी की गई.