अमरावती

एक वर्ष में साईबर अपराधियों ने 79 लाख रूपये ठगे

67 मामले हुए दर्ज, 5 सुलझे

अमरावती/दि.26 – इन दिनों ऑनलाईन जालसाजी के मामले लगातार बढ रहे है. जहां एक ओर एंड्राईड सेल फोन नागरिकों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. लेकिन वहीं इसी फोन के जरिये साईबर अपराधियोें द्वारा लोगों को जमकर ठगा भी जा रहा है. वर्ष 2020 में ऑनलाईन जालसाजी के 67 मामले साईबर पुलिस के पास दर्ज हुए थे. जिनमें नागरिकों के साथ 68 लाख 66 हजार 867 रूपयों की ठगी की गई थी.
पुलिस द्वारा इन मामलों की तकनीकी ढंग से जांच करते हुए पांच मामलों को सुलझाया गया. जिनमें 16 लाख 48 हजार 67 रूपये संबंधित शिकायतकर्ताओं को वापिस दिलवाये गये. वहीं वर्ष 2021 में विगत तीन माह के दौरान पांच मामले दर्ज हुए. जिनमें साईबर अपराधियों द्वारा 10 लाख 75 हजार 505 रूपये की जालसाजी की गई. इसमें से पुलिस ने जांच के बाद 2 लाख 67 हजार रूपये नागरिकों को वापिस दिलवाये. गत रोज ही साईबर पुलिस ने ठगी का शिकार हुए लोगों को साढे 3 लाख रूपये की रकम वापिस दिलवायी. जिस पर संबंधित शिकायतकर्ताओं ने समाधान व्यक्त किया है. वहीं अन्य मामलों की साईबर पुलिस शाखा द्वारा जांच की जा रही है.

साईबर सेल में मनुष्यबल का अभाव

इन दिनों साईबर अपराध बडी तेजी से बढ रहे है. जिसे नियंत्रित करने हेतु पुलिस द्वारा हमेशा ही जनजागृति करते हुए नागरिकों को मोबाईल का प्रयोग करने के बारे में सतर्क किया जाता है. किंतु ऑनलाईन खरीददारी करते समय लोगबाग जालसाजी का शिकार होते है. इन दिनों साईबर सेल को ऐसी शिकायतेें बडे पैमाने पर प्राप्त हो रही है. किंतु इन मामलों की जांच हेतु साईबर सेल में पर्याप्त मनुष्यबल नहीं है और यहां पर अनेकों पद रिक्त पडे है. इस समय साईबर सेल में 1 पीआई, 1 एपीआई, 1 पीएसआई तथा 15 पुलिस कर्मचारियों की टीम कार्यरत है. यहां पर काम का प्रमाण देखते हुए और 30 प्रतिशत कर्मचारी संख्या बढाये जाने की जरूरत है.

सोशल मीडिया सहित अन्य 13 अपराध

फेसबुक, वॉटसऍप व अन्य सोशल मीडिया साईटस् पर युवतियों व महिलाओं से दोस्ती व परिचय करने के बाद उनके आपत्ति जनक फोटो शेयर करते हुए उनकी बदनामी करने, सोशल मीडिया पर लगातार छेडछाड करते हुए विनयभंग करने, महिलाओं व युवतियों के नाम पर फेंक अकाउंट तैयार करने को लेकर 9 अपराध दर्ज हुए है. साथ ही अन्य चार मामले में भी साईबर पुलिस के पास पहुंचे. जिसमें से 5 अपराधों को साईबर पुलिस द्वारा सुलझा लिया गया. ऐसी शिकायत साईबर सेल की पीआई सीमा दातालकर द्वारा दी गई.

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  • साईबर अपराधियों का नेटवर्क देश सहित विदेशों तक फैला हुआ है. अमूमन चोरी व सेंधमारी के किसी मामले में एक आरोपी के पकडे जाने पर अन्य कई मामलों का खुलासा होता है. किंतु साईबर अपराध में ऐसा नहीं होता, बल्कि इन मामलों की जांच में कई तरह की तकलीफों व दिक्कतों का सामना करना पडता है.
    – डॉ. आरती सिंह
    पुलिस आयुक्त, अमरावती.

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