अमरावतीमहाराष्ट्र

सालभर में साइबर ठगबाजों ने उडाये 7.73 करोड रुपए

71 मामले हुए दर्ज, 2.62 करोड रुपए मिले वापिस

* विदेशों से जुडे हुए साइबर अपराधियों के तार
अमरावती /दि.6– इन दिनों ऑनलाइन व साइबर जालसाजी की घटनाएं बडी तेजी के साथ बढ रही है. साइबर अपराधियों द्वारा खुद को पुलिस या अन्य सरकारी अधिकारी बताते हुए लोगों को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर ऑनलाइन तरीके से लाखों रुपए लूटे जा रहे है. कई पढे-लिखे व सुशिक्षित लोग भी साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर अपनी जेबे खाली कर रहे है. सन 2024 के दौरान अमरावती शहर में ऑनलाइन झांसेबाजी व साइबर ठगबाजी की 300 से अधिक शिकायतें सामने आयी है. जिनमें से 71 मामलों में साइबर पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज किया. इन 71 मामलों में साइबर अपराधियों ने 7 करोड 73 लाख 59 हजार 785 रुपयों पर डाका डाला. हालांकि उसमें से अमरावती शहर पुलिस की साइबर सेल द्वारा दिखाई गई तत्परता के चलते 2 करोड 62 लाख रुपए शिकायतकर्ताओं को वापिस दिलाने में सफलता मिली.
बता दें कि, शेयर मार्केट में निवेश कर ज्यादा फायदा दिलाने, स्टॉक मार्केट में निवेश करने, ऑनलाइन टास्क पूरा करने, केवायसी पूर्ण करने, कुरीयर में आपत्तिनजक वस्तु रहने, मोबाइल रिचार्ज करने, विवाह विषयक जानकारी प्राप्त करने, किसी लिंक या क्यूआर स्कैन का उपयोग करने जैसी बाते कहते हुए साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता के साथ ऑनलाइन जालसाजी की जाती है. वहीं पिछले एक-डेढ वर्ष से ठगबाजी हेतु डिजीटल अरेस्ट नामक एक नया प्रकार अमल में लाया जा रहा है. अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय के साइबर पुलिस थाने सहित अन्य 10 पुलिस थानों में रोजाना ही ऐसी सैकडों शिकायतें सामने आती है. जिसे ध्यान में रखते हए शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी सहित साइबर सेल द्वारा हमेशा ही यह आवाहन किया जाता है कि, किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ या अनजान नंबर से आयी फोन कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न की जाये.

* सालभर में 300 से अधिक शिकायतें
शहर पुलिस की साइबर सेल सहित अलग-अलग पुलिस थानों में रोजाना ही ऑनलाइन ठगबाजी व साइबर जालसाजी की शिकायतें प्राप्त होती रहती है. सन 2024 के दौरान साइबर पुलिस स्टेशन में 300 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थी. जिसमें से 71 मामलों में साइबर सेल ने अपराध दर्ज किये थे.

* 75 लाख वापिस मिले, 1.89 करोड रुपए फ्रिज किये
गत वर्ष साइबर अपराधियों द्वारा अलग-अलग लोगों को करीब 7.73 करोड रुपयों का ऑनलाइन चूना लगाया गया. जिसमें से 1 करोड 89 लाख 51 हजार 194 रुपए को बैंक खाते में फ्रिज करने में साइबर सेल सफल रही. वहीं एक मामले में शिकायतकर्ता को 75 लाख रुपए वापिस दिलाये गये.

* महिला के साथ 1.53 करोड रुपयों की जालसाजी
स्थानीय खापर्डे बगीचा परिसर निवासी महिला को शेअर मार्केट व क्रिप्टो करंसी में जबर्दस्त फायदा होने का झांसा देते हुए उसके साथ 1 करोड 53 लाख 77 हजार रुपयों की ऑनलाइन जालसाजी की गई थी.

* बचने हेतु क्या करें?
ऑनलाइन जालसाजी से बचने हेतु ओटीपी, एटीएम पिन, फोन बैंकिंग पिन, कार्ड सीवीवी नंबर व एक्सपायरी डेट जैसी गोपनीय जानकारी को कभी किसी के भी साथ शेयर न करे. साथ ही सार्वजनिक वायफाय अथवा कम्प्यूटर व प्रयोग करते समय आर्थिक व्यवहार भी न करे. इसके अलावा किसी भी तरह की साइबर ठगबाजी का शिकार होने पर तुरंत ही साइबर क्राइम पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराये अथवा किसी नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में जाकर अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दे, ताकि पुलिस द्वारा समय रहते अवश्यक कदम उठाते हुए ऑनलाइन तरीके से हडपी गई रकम को बैंक स्तर पर ही रोका जा सके.

* किसी भी मामले में बिना घबराये तुरंत शिकायत दर्ज कराये. साथ ही सबसे पहले तो साइबर जालसाजी से बचने हेतु तमाम आवश्यक सावधानी व सतर्कता भी बरते. इसके तहत कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी को किसी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर न करें व आर्थिक डेटा को अलग रखे, साथ ही फिशिंग इमेल से सावधान भी रहे.
– कल्पना बारवकर,
पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय).

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