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सायबर पुलिस ने पकडी ऑनलाइन ठगबाजों की अंतरराज्यीय टोली

झारखंड के जामताडा में जाकर की कार्रवाई

* 2 आरोपियों को लिया अपनी हिरासत में
* दोनों ने 8 राज्यों में कई लोगों को लगाया था चुना
अमरावती/दि.25 – इन दिनों कई लोगों को उनके मोबाइल पर अलग-अलग तरह की लिंक भेजकर अथवा खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए ओटीपी व पिन नंबर पूछकर ऑनलाइन तरीके से बैंक खातों का पैसा उडा लेने के मामले काफी अधिक बढ गए है. ऑनलाइन ठगबाजी की इन वारदातों मेें अब तक सायबर अपराधियों द्बारा हजारों लोगों को करोडों रुपयों का चुना लगा दिया गया है. लेकिन आरोपी अनजान रहने और किसी सुदुर स्थान पर रहने के चलते उन्हें पकडना काफी मुश्किल साबित होता रहा है. हालांकि ऐसे कई मामलों की जांच के बाद यह साफ हो गया था कि, ऑनलाइन ठगबाजी की वारदाते झारखंड राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र जामताडा में रहने वाले कुछ लोगों द्बारा अंजाम दी जा रही है. परंतु यह इलाका घने जंगलों के बीच स्थित रहने अब नक्सल प्रभावित होने के चलते वहां पहुंचकर सायबर अपराधियों को गिरफ्तार करना काफी मुश्किल काम हुआ करता था. लेकिन इसके बावजूद अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की सायबर सेल ने इसी जामताडा इलाके मेें जाकर एक अंतर्राज्यीय टोली के दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. इस आशय की जानकारी आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी द्बारा दी गई है.
इस पत्रवार्ता में बताया गया है कि, शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली रितेश हटवार नामक व्यक्ति ने एमेझॉन की वेबसाइड से ऑनलाइन नल मंगाए थे और कुछ नल कम रहने के चलते गूगल पर कस्टमर केअर का नंबर खोजकर एक नंबर पर शिकायत दर्ज कराने हेतु कॉल किया था, तो दूसरी ओर से एक अनजान शख्स ने अलग-अलग मोबाइल नंबरों के जरिए संपर्क करते हुए नल के पैसे वापिस प्राप्त करने हेतु 2 लिंक भेजी और लिंक ओपन करने के साथ ही क्विक सपोर्ट एप व कस्टमर सपोर्ट एप ऐसे दो एप डाउनलोड करते हुए क्यूआर कोड के जरिए 5 रुपए का ऑनलाइन पेमेंट भेजने हेतु कहा. प्रितम हटवार द्बारा डाली गई सभी डिटेल्स दूसरी ओर के व्यक्ति को मोबाइल स्क्रीन शेअर रहने के चलते दिखाई दे रही थी और उसने हटवार के अकाउंट के डिटेल्स के आधार पर उनके बैंक खाते से 8 लाख 61 हजार 779 रुपए ऑनलाइन उडा लिए थे. जिसकी शिकायत प्रितेश हटवार द्बारा शहर पुलिस आयुक्तालय की सायबर सेल में दर्ज कराई गई थी. जिसके आधार पर सायबर शाखा ने तकनीकी तौर पर मामले की जांच की, तो पता चला कि, इस मामले में लिप्त आरोपी झारखंड के जामताडा सहित धनवाद, देवघर, सारट व रांची जैसे अलग-अलग स्थानों पर रहते है. साथ ही इसमें से कुछ इलाके नक्सल प्रभावित रहने के चलते वहां जाकर कार्रवाई करना काफी मुश्किल है. लेकिन इसके बावजूद अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की सायबर सेल की टीम ने झारखंड जाकर अभिषेक अब्राहम पूर्ति (19, गोराटोली, जि. खुंटी) तथा अमरेज शिवशंकर उराव (19, लोहाणजरा, जि. गुमला) को अपनी हिरासत में लिया. विशेष उल्लेखनीय है कि, इन आरोपियों को पकडने के लिए सायबर सेल की पुलिस टीम ने झारखंड जाकर करीब 5 दिनों तक साधे भेश में सायबर अपराधियों पर नजर रखी और मौका मिलते ही उन्हें धरदबोचा. जिसके बाद यह टीम तुरंत ही अमरावती के लिए रवाना हुई. ताकि झारखंड के जामताडा में पुलिस पार्टी के लिए कोई खतरा पैदा ना हो.
उपरोक्त जानकारी के साथ ही पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने बताया कि, आरोपियों ने ऑनलाइन तरीके से ठगबाजी करने हेतु अलग-अलग कंपनियों के 15 मोबाइल व 16 सिमकार्ड सहित 6 बैक खातों का प्रयोग किया. साथ ही इन आरोपियों पर महाराष्ट्र में 4, उत्तर प्रदेश में 3, गुजरात में 3, तेलंगणा में 4, राजस्थान में 1, दिल्ली में 1, आंध्रप्रदेश में 1, केरल में 1 ऐसे कुल 8 राज्यों में 18 मामले दर्ज है. इन सभी मामलों में यह दोनों आरोपी वॉन्टेड है तथा उनके पास से और भी कई जिलों व राज्यों में अपराध उजागर होने की उम्मीद है.
इन सायबर अपराध को पकडने की कार्रवाई पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी, पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल व विक्रम साली, सहायक पुलिस आयुक्त प्रशांत राजे व सायबर सेल की पुलिस निरीक्षक सीमा दातालकर के मार्गदर्शन में एपीआई महेंद्र इंगले, एपीआई रवींद्र सहारे, एएसआई चैतन्य रोकडे, नापोकां शैलेंद्र अर्डक, नापोकां उल्हास टवलारे, नापोकां पंकज गाडे व नापोकां संग्राम भोजने द्बारा की गई.

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